सुपर स्पेशलिटी के एनेस्थीसिया विभाग में चिकित्सकों की नियुक्ति अवैध, शिकायत हुई पर कार्रवाई शून्य
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में हुई चिकित्सकों की भर्ती अवैध तरीके से की गई है। बिना योग्यता के ही डॉक्टरों की भर्ती की गई है। इस पर सवाल खड़े किए गए हैं। खासकर एनेस्थीसिया विभाग के चिकित्सकों की योग्यता को चैलेंज किया गया है। इसकी शिकायत आयुक्त रीवा संभाग रीवा सहित डीएमई, मप्र शासन तक से की गई है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में काम करने का अनुभव न होने के बाद भी एनेस्थीसिया विभाग में सभी पदों पर भर्तियां कर ली गईं। अब योग्य चिकित्सकों के भर्ती करने का रास्ता ही अवरुद्ध हो गया है। एनेस्थीसिया में पद ही खाली नहीं रह गए हैं।
समाजिक कार्यकर्ता ने जताई आपत्ति, आयुक्त रीवा संभाग रीवा से की शिकायत
रीवा। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में चिकित्सकों के करीब 100 पद स्वीकृत हैं। इनमें से अभी भी अधिकांश खाली पड़े हैं। अस्पताल में सबसे पहले एनेस्थीसिया विभाग के ही पद भरे। इसी विभाग में भर्ती को लेकर अब शिकायत और जांच का सिलसिला शुरू हो गया है। सामाजिक कार्यकर्ता ने एनेस्थीसिया विभाग में चिकित्सकों की भर्ती पर सवाल खड़े किए हैं। शिकायत कर जांच की मांग की है। आरटीआई कार्यकर्ता दीपक शर्मा ने शिकायत में कहा है कि सुपर स्पेशलिटी में चिकित्सा शिक्षक के संबंध में चयन समिति मप्र सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चिकित्सा शिक्षक नियम 2018 के बिंदु क्रमांाक 6.2 के अनुक्रम में गठित कर ङ्क्षबदु क्रमांक 7 के तहत की जानी थी। लेकिन सुपर स्पेशलिटी के एनेस्थीसिया विभाग में भर्ती करते समय चयन समिति एवं स्क्रूटनी समिति ने दस्तावेजों का उचित परीक्षण नहीं किया। आदर्श सेवा नियम में भर्ती की प्रक्रिया का उचित पालन नहीं किया गया। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा में प्राध्यापक, सह प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक पद के लिए शैक्षणिक आहर््ताएं भारत का राजपत्र क्रमांक 205 भाग 3 खंड 4 दिनांक 7 जून 2019 में प्रकाशित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता संशोधन विनियमानली 2019 एवं भारत का राजपत्र असाधारण क्रमांक 66 भाग 3 खंड 4 दिनांक 12 फरवरी 2020 में प्रकाशित चिकित्सा संस्ािाओं में अध्यापकों के लिए न्यूनतम शेक्षणिक योग्यताएं संशोधन नियमावली 2019 के अनुसार निर्धारित है। इसके बाद भी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में एनेस्थीसिया विभाग में इन राजपत्र एवं विनियमावली को नजर अंदाज कर गैर योग्यताधारी चिकित्सा शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। किसी के पास सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में 2 वर्ष की स्पेशल टे्रनिंग या 3 वर्ष का सुपर स्पेशलिटी में कार्य करने का अनुभव नहीं था। सभी की योग्यता सामान्य विशेषज्ञता के लिए हैं। उनकी नियुक्ति सिर्फ सामान्य विशषज्ञता वाले विभागों में ही की जा सकती है। रीवा सुपर स्पेशलिटी में ही यह अनियमितता की गई। जिनको लगभग अब तक 3 वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। इन 3 वर्षों में भी इन अयोग्य नियुक्तियों पर आपत्ति नहीं की गई। नियम विरुद्ध हुई नियुक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की गई। 3 वर्ष से लगातार 3 लाख रुपए प्रति माह इन सभी को वेतन भी दिया जा रहा है। अयोग्य डॉक्टरों को भरने के कारण अब जो योग्य हैं और पात्रता रखते हैं। उनकी पद भरने के कारण नियुक्तियां नहीं की जा सकती हैं। कमिश्नर से मांग की गई है कि मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाए।
विवाद है की खत्म ही नहीं होता
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा का चिकित्सक से लेकर कर्मचारियों और अन्य स्टाफ की नियुक्ति शुरू से ही विवादित रही है। यह विवाद खत्म ही नहीं हो रहा है। आउट सोर्स में भी ऐसे विवादित कर्मचारियों की भर्ती की गई जो मरीजों से ही लूटखसोट करने लगे। अब शिकायत ने एक और तूल दे दिया है। सुपर स्पेशलिटी में भर्ती के नियम और वेतन कुछ और थे। बाद में इसमें कई बदलाव किए गए। पदों को कम किया गया। इसके अलावा मुख्य पदों पर पदस्थ अधिकारियों के वेतन में भी हेरफेर कर दिया। इससे कई अधिकारी ज्वाइनिंग के बाद कम वेतन में भी काम करने को मजबूर हैं।