सुपर स्पेशलिटी में हुई डॉक्टरों की अनियमित भर्ती पर बैठी जांच, आरटीआई से हुआ खुलासा
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा में एनेस्थीसिया विभाग में हुई डॉक्टरों की भर्ती की जांच शुरू हो गई है। डॉक्टरों की भर्ती पर सवाल खड़े करते हुए इसकी शिकायत कमिश्नर रीवा संभाग रीवा से की गई थी। शिकायत के बाद जांच के लिए कमिश्नर ने पत्र डीन को लिखा था। डीन ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। इसका खुलासा भी आरटीआई से मिली जानकारी से हुआ है।
रीवा। ज्ञात हो कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में चिकित्सकों के करीब 100 पद स्वीकृत हैं। इनमें से अभी भी अधिकांश खाली पड़े हैं। अस्पताल में सबसे पहले एनेस्थीसिया विभाग के ही पद भरे। सामाजिक कार्यकर्ता ने एनेस्थीसिया विभाग में चिकित्सकों की भर्ती पर सवाल खड़े किए थे। शिकायत कर जांच की मांग की है। आरटीआई कार्यकर्ता दीपक शर्मा ने शिकायत में कहा था कि सुपर स्पेशलिटी में चिकित्सा शिक्षक के संबंध में चयन समिति मप्र सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चिकित्सा शिक्षक नियम 2018 के बिंदु क्रमांाक 6.2 के अनुक्रम में गठित कर ङ्क्षबदु क्रमांक 7 के तहत की जानी थी। लेकिन सुपर स्पेशलिटी के एनेस्थीसिया विभाग में भर्ती करते समय चयन समिति एवं स्क्रूटनी समिति ने दस्तावेजों का उचित परीक्षण नहीं किया गया। एनेस्थीसिया विभाग में की गई डॉक्टरों के भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए थे। कमिश्नर से मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की गई थी। इसी मामले में जांच बैठ गई है। शिकायत कर्ता दीपक शर्मा ने ही आरटीआई से जानकारी मांगी थी। जानकारी में डीन ने बताया है कि कमिश्नर रीवा संभाग रीवा को की गई शिकायत के परीक्षा के लिए कार्यालयीन आदेश क्रमांक 19960/ संस्था/ राज/ एमसी/ 2023 रीवा दिनांक 18 अगस्त 2023 के द्वारा तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
कमिश्नर से शिकायत में नियमों का दिया गया था हवाला
आरटीआई कार्यकर्ता दीपक शर्मा ने शिकायत में कहा था कि आदर्श सेवा नियम में भर्ती की प्रक्रिया का उचित पालन नहीं किया गया। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा में प्राध्यापक, सह प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक पद के लिए शैक्षणिक आहर््ताएं भारत का राजपत्र क्रमांक 205 भाग 3 खंड 4 दिनांक 7 जून 2019 में प्रकाशित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता संशोधन विनियमानली 2019 एवं भारत का राजपत्र असाधारण क्रमांक 66 भाग 3 खंड 4 दिनांक 12 फरवरी 2020 में प्रकाशित चिकित्सा संस्ािाओं में अध्यापकों के लिए न्यूनतम शेक्षणिक योग्यताएं संशोधन नियमावली 2019 के अनुसार निर्धारित है। इसके बाद भी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में एनेस्थीसिया विभाग में इन राजपत्र एवं विनियमावली को नजर अंदाज कर गैर योग्यताधारी चिकित्सा शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। किसी के पास सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में 2 वर्ष की स्पेशल टे्रनिंग या 3 वर्ष का सुपर स्पेशलिटी में कार्य करने का अनुभव नहीं था। सभी की योग्यता सामान्य विशेषज्ञता के लिए हैं। उनकी नियुक्ति सिर्फ सामान्य विशषज्ञता वाले विभागों में ही की जा सकती है। रीवा सुपर स्पेशलिटी में ही यह अनियमितता की गई है। जिनको लगभग अब तक 3 वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। इन 3 वर्षों में भी इन अयोग्य नियुक्तियों पर आपत्ति नहीं की गई। नियम विरुद्ध हुई नियुक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की गई। 3 वर्ष से लगातार 3 लाख रुपए प्रति माह इन सभी को वेतन भी दिया जा रहा है। अयोग्य डॉक्टरों को भरने के कारण अब जो योग्य हैं और पात्रता रखते हैं। उनकी पद भरने के कारण नियुक्तियां नहीं की जा सकती हैं। कमिश्नर से मांग की गई है कि मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाए। इसी मामले में कमिश्नर ने डीन श्याम शाह मेडिकल कॉलेज को परीक्षण के लिए पत्र लिखा गया था। इसका खुलासा आरटीआई से मिली जानकारी से हुआ है। डीन ने दीपक शर्मा न्यू जीआई सिवल लाइन को उपलब्ध कराई गई जानकारी में जांच की बात कही है। जानकारी में कहा गया है कि कमिश्नर के पत्र पर जांच बैठा दी गई है। तीन सदस्यीय टीम मामले की जांच कर रही है।