जेडी के प्रभार में गड़बड़ी, जूनियर को सीनियर बना कर दे दिया प्रभार, सीनियर को किया दरकिनार
संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संचालनालय की कुर्सी के प्रभार में खेल हो गया। जेडी एसके त्रिपाठी रिटायरमेंट के साथ ही प्रभार में भी खेल कर गए। कार्यालय में उप संचालक की जगह सहायक संचालक के प्रभाव का प्रस्ताव कमिश्नर के पस भेज दिए। अब सहायक संचालक ने जेडी के प्रभार का आदेश भी जारी कर दिया है।
लोक शिक्षण संचालनालय के आदेशों की उड़ी धज्जियां
वरिष्ठ उप संचालक की जगह जूनियर को हो गया प्रभारी का आदेश
रीवा। ज्ञात हो कि एसके त्रिपाठी संयुक्त संचालक लोक शिक्षण के पद पर पदस्थ रहे। 31 दिसंबर को वह पद से रिटायर हो गए। संयुक्त संचालक का पद शासन के निर्देशानुसार कार्यालय के सबसे वरिष्ठ अधिकारी को सौंपने के निर्देश हैं। जेडी कार्यालय में सबसे वरिष्ठ पद पर उप संचालक नीरव दीक्षित पदस्थ हैं। इसके बाद भी उप संचालक को दरकिनार कर सहायक संचालक को जेडी का अस्थाई प्रभार का आदेश जारी कर दिया गया है। शासन के नियमों के विपरीत आदेश और प्रभार सौंपने की कार्रवाई की गई है। हालांकि जो प्रस्ताव कमिश्नर के पास भेजा गया है। उसी में जेडी कार्यालय से गड़बड़ी की गई। कमिश्नर रीवा संभाग रीवा को धोखे में रखकर आदेश जारी कराया गया। दरअसल केपी तिवारी सहायक संचालक हैं लेकिन प्रस्ताव उप संचालक का बनाकर भेजा गया। इसके बाद भी यदि वरिष्ठता देखी जाए तो नीरव दीक्षित केपी तिवारी से कई साल नौकरी और पद में वरिष्ठ हैं। ऐसा खेल क्यों किया गया, यह सभी जानते हैं। अब इसी पद को लेकर कार्यालय में खींचतान मचना तय है। अब जूनियर के अंडर में सीनियर को काम के दौरान दिक्कतें होंगी और नोंकझोंक की स्थिति भी निर्मित होगी।
प्रभार के लिए यह है लोक शिक्षण का आदेश और नियम
लोक शिक्षण के 2012 के आदेश में स्पष्ट रूप से आदेश दिया गया है कि संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण के अवकाश, प्रवास या पद रिक्त होने की स्थिति पर संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण का लिंक अधिकारी संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय में पदस्थ वरिष्ठ उप संचालक लोक शिक्षण रहेंगे। यदि उक्त अवधि में वरिष्ठ उप संचालक भी नहीं हैं तो अन्य उप संचालक लिंक अधिकारी होंगे। उप संचालक पदस्थ न होने पर जिला शिक्षा अधिकारी लिंक अधिकारी होंगे। जिला शिक्षा अधिकारी के अवकाश, प्रवास या रिक्त पद होने पर जिला कार्यालय का सहायक संचालक लिंक अधिकारी होगा।
वरिष्ठता के मामले में संभाग में नहीं है कोई
स्कूल शिक्षा विभाग में यदि वरिष्ठता की बात करें तो उप संचालक नीरव दीक्षित से वरिष्ठ कोई भी नहीं है। नीरव दीक्षित के पदस्थ होने के बाद भी स्कूल शिक्षा विभाग में प्रभार को लेकर गड़बड़ी की गई। यह सारा तानाबाना जेडी कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों और अधिकारियों का खेल माना जा रह है। जेडी कार्यालय में संतोष त्रिपाठी के रहते कई गड़बडिय़ां हुईं हैं। इसी को छुपाने के लिए ही यह सारा खेल किया जाना माना जा रहा है।