जबलपुर की कार्रवाई ने मचाया था भूचाल, अब फिर से निजी स्कूल राडार पर आए

निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली और पाठ्य पुस्तकों के नाम पर मची लूट के खिलाफ प्रशासन सख्त कदम उठाने वाली है। शासन ने सभी कलेक्टर को अभियान चलाकर जांच करने के निर्देश दिए हैं। बुक सेलर्स और प्रकाशकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसकी रिपोर्ट आयुक्त लोक शिक्षण ने तलब की है।

जबलपुर की कार्रवाई ने मचाया था भूचाल, अब फिर से निजी स्कूल राडार पर आए
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बुक सेलर और प्रकाशक भी फंसेंगे, इन सभी पर होगी कार्रवाई
रीवा।  ज्ञात हो कि सरकार ने सभी निजी स्कूलों के लिए एक आदेश जारी किया था। 20 मई 2024 को लोक शिक्षण संचालनालय ने आदेश जारी कर फीस एवं अन्य विषयों की जानकारी अशासकीय विद्यालय द्वारा 8 जून 2024 तक पोर्टल में अपलोड करने के निर्देश दिए गए थे। इस आदेश का कई अशासकीय विद्यालयों ने पालन नहीं किया। फीस आदि की जानकारी अपलोड नहीं की। मप्र निजी विद्यालय नियम 2020 का उल्लंघन किया गया। अनियमितता की शिकायतें भी लगातार शासन के पास पहुंच रही हैं। यही वजह है कि निजी विद्यालयों के खिलाफ सरकार सख्ती बरतने जा रही है। स्कूलों में प्रकाशक के नाम पर अभिभावकों से जमकर वसूली की जाती है। अलग अलग प्रकाशकों की किताबें चलाकर हजारों रुपए वसूला जाता है। इन सभी फर्जी प्रकाशकों की जांच की जाएगी। यदि अनियमितता मिली तो स्कूल संचालकों और बुक सेलर्स के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
जबलपुर में हुई थी बड़ी कार्रवाई
मामले में जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना की कार्रवाई मिसाल बनी है। सक्सेना ने 11 निजी विद्यालयों की जांच कराकर वहां फर्जी और डुप्लीकेट पुस्तकें चलाने और 81.30 करोड़ रुपए की ज्यादा वसूली गई फीस कराने तथा 22 लाख की पेनाल्टी लगाने की कार्रवाई की है। इसके साथ ही इन विद्यालयों के 20 प्राचार्यों, चेयरमैन, सीईओ, सचिव और अन्य पदाधिकारियों की गिरफ्तारी भी की गई है। जबलपुर कलेक्टर की कार्यवाही के बाद दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर और शहडोल कलेक्टर तरुण भटनागर ने भी जिले के विद्यालयों की जांच शुरू कराई हैं। पोर्टल पर विद्यालयों से जानकारी अपलोड करने के लिए कहा है।