विद्युत विभाग में फिर जुगाड़ वाला आदेश, मूलपदस्थापना कहीं और रहेगी लेकिन काम जवा और शहर में करेंगे

विद्युत विभाग में नियम कायदे बेपटरी हो गए हैं। यहां कुछ भी संभव है। संविदा लाइनमैन को जेई बना दिया जाता है तो कहीं कम्प्यूटर आपरेटर को जेई बनाकर बैठा दिया जाता है। अब नया मामला जुगाड़ की पोस्टिंग वाला सामने आया है। दो इंजीनियरों की ऐसी पोस्टिंग की गई है जिनका आदेश देखने के बाद सब दंग है। इनकी पदस्थापना कहीं और रहेगी लेकिन मूलरूप से काम कहीं और करेंगे। इस आदेश ने विद्युत विभाग को नियम कादसे से परे आदेश जारी करने के मामले में अन्य विभागों से ऊपर लाकर खड़ा कर दिया है।

विद्युत विभाग में फिर जुगाड़ वाला आदेश, मूलपदस्थापना कहीं और रहेगी लेकिन काम जवा और शहर में करेंगे

जवा से एई को शहर की जिम्मेदारी दी गई लेकिन पदस्थापना नहीं बदली
इसी तरह मऊगंज के एई को जेई बनाकर जवा में पदस्थ किया गया, मूलपदस्थापना नहीं बदली
रीवा। मिली जानकारी के अनुसार विद्युत विभाग में कुछ दिन पहले संजय गुप्ता जो चाकघाट में जेई थे, उनकी पदस्थापना एई मऊगंज के रूप में की गई थी। अब मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर से नया आदेश जारी कर दिया गया है। संजय गुप्ता एई को मऊगंज में पदस्थ रखते हुए चाकघाट की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। मऊगंज में पदस्थ रहेंगे लेकिन काम चाकघाट में करेंगे। इनका वेतन आहरण मऊगंज से होता रहेगा। इसी तरह का एक आदेश चाकघाट में पदस्थ जेई नायक के लिए भी किया गया है। नायक जी त्योंथर के जवा में पदस्थ थे। उन्हें रीवा शहर में एई के पद पर पदस्थ कर दिया गया है। इनके लिए भी वैसा ही आदेश जारी किया गया है। इनकी पोस्टिंग शहर संभाग में कर दी गई लेकिन मूलरूप से वह चाकघाट में ही पोस्टेड करेंगे। सिर्फ काम शहर संभाग में रहेंगे। इनकी पोस्टिंग कभी भी निरस्त भी की जा सकेगी। ऐसा आदेश सिर्फ जुगाड़ में किया गया है। यही आदेश विद्युत विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है।
कुछ दिन पहले संविदा लाइन स्टाफ को बना दिया था जेई
विद्युत विभाग में ऐसे आदेश नए नहीं है। इसके पहले भी पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर ने कुछ संविदा कर्मचारियों को उच्च पद प्रभार के आदेश जारी किया गया था। इसमें संविदा कर्मचारियों को उपकृत करने की कोशिश की गई थी। संविदा लाइन स्टाफ को नियम विरुद्ध तरीके से जेई का प्रभार सौंप दिया गया है। रीवा में भी एक संविदा लाइनमैन को जेई का प्रभार सौंपने के आदेश जारी किए थे। ऐसा विद्युत विभाग में पहली बार हुआ है। इस नियम विरुद्ध आदेश जारी किए जाने से पहले से ही संविदा पदों पर पदस्थ इंजीनियरों में आक्रोश बढ़ रहा है।
स्थानीय अधिकारी भी कर रहे थे कमाल
अब तक स्थानीय अधिकारी ही कमाल कर रहे थे। स्थानीय स्तर पर कई हेरफेर किए गए थे। कुछ कम्प्यूटर आपरेटरों को जिनके पास जेई का प्रभार था। उन्हें शहर संभाग में लाकर पदस्थ कर दिया गया था। इन जेई पर पहले भी कई गंभीर आरोप लगे थे। उन्हें यहां से किसी तरह हटाया गया था। अब उन्हीं विवादित जेई को रीवा में चोरहटा औद्योगिक क्षेत्र में लाकर पदस्थ कर दिया गया है।