जूनियर डाक्टर बन गया भगवान, मरीज की जान बचाने खुद ही उठाया इलाज का खर्च

डॉक्टर धरती के भगवान कहे जाते हैं। यह बात भोपाल के एक जूनियर डॉक्टर ने सच भी साबित किया है। हालांकि यह मामला इलाज करने से नहीं जुड़ा है लेकिन उन्होंने एक मरीज की जान बचाने के लिए खुद ही उसके इलाज का खर्च उठाया। मरीज के पैर की हड्डियां बुरी तरह से टूट चुकी थी। उसके पास रुपए नहीं थे। जूनियर डॉक्टर ने इलाज का खर्च उठाया और अब मरीज का आपरेशन भी सफल हो गया। मरीज पहले से बेहतर है।

जूनियर डाक्टर बन  गया भगवान, मरीज की जान बचाने खुद ही उठाया इलाज का खर्च
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भोपाल। यह मामला भोपाल के हमीदिया अस्पताल का है। एक मरीज के पास इलाज के पैसे नहीं थे तो एक जूनियर डॉक्टर ने अपने पैसों से इम्प्लांट मंगवाया और मरीज का सफल आपरेशन हो सका। जानकारी अनुसार बैरागढ़ गांव निवासी 29 वर्षीय संदीप सिंह को लूट की नियत से किसी बदमाश ने डंडा मारकर गिरा दिया था। गंभीर रूप से घायल संदीप को एक अगस्त की सुबह हमीदिया अस्पताल लाया गया था। उसके सिर में गंभीर चोट थी और बायां पैर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त था। घुटने के ऊपर और नीचे दोनों ओर की हड्डी बुरी तरह से टूट गई थी। इस स्थिति को डॉक्टरों की भाषा में फ्लोटिंग नी कहा जाता है। यानी घुटना तो सुरक्षित है, लेकिन ऊपर और नीचे की हड्डी टूट चुकी थी। ऐसे में मरीज की दोनों हड्डियां जोडऩे के लिए दो अलग-अलग सर्जरी की जानी थीं। अब यहां परेशानी यह थी कि मरीज के पास न तो इलाज के पैसे थे और न आयुष्मान कार्ड। ऐसे में मरीज की सर्जरी में शामिल रहे डॉक्टरों ने करीब दोनों इंप्लांट खुद के पैसों से मंगवाकर संदीप को लगाए।
लुटेरों ने कर दिया था हमला, तब घायल हो गए थे
संदीप के भाई प्रदीप यादव ने बताया कि भाई ड्राइवर हैं। किसी काम से जबलपुर जाने के लिए शनिवार रात करीब 7 बजे बाइक से अकेले निकले थे। बाड़ी के पास पीछे से बाइक पर आए तीन लोगों ने सिर पर डंडा मारा। बाइक गिरी तो लुटेरे मोबाइल और नगदी लूटकर ले गए। वह सड़क किनारे पड़े थे, कोई गाड़ी वाला नहीं रुक रहा था। करीब 11 बजे निजी एंबुलेंस आई उसने उठाया और बरेली अस्पताल पहुंचाया। यहां डॉक्टरों ने जेब से मिले ट्रांसपोर्टरों के नंबर पर संपर्क कर जानकारी दी, तब हमें पता चला। हमने एंबुलेंस वाले से निवेदन किया तो वो हमीदिया अस्पताल तक छोड़कर गया।  जिस समय मरीज संदीप को हमीदिया अस्पताल लाया गया तब उसकी हालत गंभीर थी। सिर में 18 टांके आए हैं। पैर की पहली सर्जरी शुक्रवार सुबह 5 बजे शुरू हुई जो दो घंटे चली। दूसरी सर्जरी मंगलवार को हुई है। सर्जरी करने वाली टीम में डॉ. अभिषेक पाठक, डॉ अभिषेक साहा और डॉ. आदित्य का नाम शामिल है।