किडनी ट्रांसप्लांट सफल, मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में हुआ पहला किडनी ट्रांसप्लांट सफल रहा। मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। डोनर भी स्वस्थ्य है। अब तीन महीने तक मरीज पर नजर रखी जाएगी। रीवा का पहला किडनी ट्रांसप्लांट सफल होने के बाद डॉक्टरों के हौसले बुलंद हैं। अब हर महीने एक किडनी ट्रांस्पलांट करने का लक्ष्य तय कर दिया गया है।
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टरों की मेहनत हुई सफल
फिलहाल तीन महीने तक रखी जाएगी मरीज पर नजर
अब हर महीने एक आपरेशन का रखा गया है लक्ष्य
रीवा। ज्ञात हो कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल विंध्य क्षेत्र का किडनी ट्रांसप्लांट करने वाला प्रथम शासकीय संस्थान बन गया है। सुपर स्पेशलिटी चिकित्सालय रीवा की नव निर्मित किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट में 29 मार्च को प्रथम किडनी ट्रांसप्लांट किया गया। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल रीवा विंध्य क्षेत्र का किडनी ट्रांसप्लांट करने वाला पहला शासकीय संस्थान बन गया है। नेहरू नगर निवासी 43 वर्षीय की किडनी खराब हो गई थी। वह सुपर स्पेशलिटी में डॉक्टरों के संपर्क में आई। उसकी काउंसलिंग की गई। काउंसलिंग के बारद आपरेशन कर किडनी ट्रांस्पलांट करने का निर्णय लिया गया। महिला को किडनी उनके पति देने को तैयार हुए। सारी जांच होने के बाद 29 मार्च का दिन आपरेशन के लिए तय किया गया। डॉक्टरों की टीम ने आपरेशन कर सफलता पूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट कर दिया। इसके बाद महिला को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया। 17 अप्रैल को महिला को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
किडनी ट्रांसप्लांट की सफलता ने आस बढ़ा दी है
रीवा में किडनी ट्रांसप्लांट सफल रहा। इसका लंबे समय से इंतजार था। अब एक आपरेशन सफल होने के बाद अन्य जो मरीज हैं। जिन्हें सुपर स्पेशलिटी में आपरेशन कराने से डर लग रहा था। वह भी अब सामने आएंगे। अभी तक किडनी ट्रांस्पलांट के लिए वह बाहर जाते थे। आपरेशन में लाखों रुपए खर्च होते थे। इस सफलता ने अब मरीजों का डर खत्म कर दिया है। यहां भी किडनी ट्रांसप्लांट कराने वालों की कुछ दिनों में लाइन लगनी तय है। डॉक्टरों ने महीने में एक किडनी ट्रांसप्लांट किया जाना तय किया है।
3 महीने तक फॉलोअप चलता रहेगा
नोडल अधिकारी नोडल ट्रांसप्लांट यूनिट डॉ. रोहन द्विवेदी ने बताया कि महिला मरीज को 17 अप्रैल को डिस्चार्ज कर दिया गया है। महिला मरीज स्वस्थ है तथा महिला मरीज को नेफ्रोलॉजिस्ट से फॉलोअप लेने तथा सम्पर्क में रहने का सुझाव दिया गया है। सोटो नोडल अधिकारी डॉ. पुष्पेंद्र शुक्ला ने बताया कि प्रोसीजर जटिल था परन्तु समस्त टीम के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न किया गया। ट्रांसप्लांट के उपरान्त प्रथम 3 माह मरीज के लिये महत्वपूर्ण होते हैं, अत: मरीज निरंतर अपने चिकित्सकों के सम्पर्क में रहें एवं फॉलोअप लेते रहें। यह बताया गया कि सुपर स्पेशलिटी चिकित्सालय भविष्य में किडनी ट्रांसप्लांट मरीजों को सेवाएँ देने के लिये प्रतिबद्ध है। भविष्य में भी किडनी ट्रांसप्लांट सेवाएँ प्रदान की जाती रहेंगी।
इनके सहयोग से ही यह प्रयास सफल हुआ
किडनी ट्रांसप्लांट में सफलतापूर्वक सफल बनाने में डॉ. मनोज इन्दूरकर, अधिष्ठाता चिकित्सा महाविद्यालय, रीवा एवं डॉ. राहुल मिश्रा, संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक गांधी स्मारक एवं संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय, रीवा, डॉ. रोहन द्विवेदी, सह प्राध्यापक नेफ्रोलॉजी विभाग एवं नोडल अधिकारी किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट, डॉ. पुष्पेन्द्र शुक्ला, सह प्राध्यापक, यूरोलॉजी विभाग एवं सोटो नोडल अधिकारी, डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. अशीष घनघोरिया, डॉ. बृजेश तिवारी, डॉ. विजय शुक्ला, तथा निश्चेतन विभाग से डॉ. आलोक प्रताप सिंह, डॉ. सुभाष अग्रवाल, डॉ. राजीव द्विवेदी, डॉ. रवि प्रकाश सिंह एवं डॉ. एल.पी. सिंह तथा रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी, ब्लड बैंक, किडनी ट्रांसप्लांट कार्डिनेटर, केटीयू तथा ओटी में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों, नर्सिंग स्टॉफ, टेक्नीशियन, वार्डबॉय एवं सफाईकर्मियों ने भूमिका का निर्वहन किया।