विंध्य में दिलदारों की कमी, वन्यजीव प्रेमी बने फिरते तो हैं लेकिन खर्च एक रुपए नहीं करते

मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर में वन्यजीवों को गोद लेने की दरकार प्रबंधन ने की। उम्मीद थी कि विंध्य से बेहतर रिस्पांस मिलेगा लेकिन एक भी दिलदार नहीं मिला। किसी ने वन्यजीवों को गोद नहीं लिया। बाहरी पर्यटकों ने ही लॉज बचाई। फिलहाल किसी भी वन्यजीव को पालनहार नहीं मिल पाए हैं। यहां सब मुफ्त का घूमने आते हैं लेकिन इन पर जब खर्च करने की बात आती तो मुकर जाते हैं।

विंध्य में दिलदारों की कमी, वन्यजीव प्रेमी बने फिरते तो हैं लेकिन खर्च एक रुपए नहीं करते
file photo

रीवा। मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर की स्थापना से विंध्य को पुरानी पहचान वापस मिली। सफेद बाघ की वापसी हुई। देशभर में विंध्य का नाम हुआ। मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर मुकुंदपुर में कई वन्यजीव देश के अलग अलग हिस्सों से लाए गए। यहां बाघ, सफेद बाघ, बब्बर शेर सहित सभी वन्यजीव हैं। प्रबंधन ने इनके खर्च की जिम्मेदारी आम जनता से उठाने की अपील की। वन्यजीवेां को गोद लेने के लिए योजना तैयार की। एक दिन का खर्च भी यहां मामूली ही रखा गया है। इसके बाद भी विंध्य के लोग वन्यजीवेंा को गोद लेने के लिए आगे नहीं आए। 100 रुपए से लेकर 1151 रुपए अधिकतम एक दिन का खर्च तक यहां के लोग उठा नहीं पा रहे हैं। विध्ंय के वन्यप्राणी प्रेमियों को बाहरी पर्यटकों ने आइना जरूर दिखाया है। बाहर से आने वाले पर्यटक यहां घूमने के बाद कायल हो जाते हैं। यहां की खूबसूरती बहुत रास आती है। यही वजह है कि कई बाहरी पर्यटक एक दिन के लिए ही सही वन्यजीवेां को गोद लेकर जरूर जाते हैं। वहीं अपने विंध्य का नाम रोशन करने वाले वन्यजीवों को यहीं के लोग गोद लेना पसंद नहीं कर रहे हैं।
हर दिन हजारों पर्यटक जाते हैं
मार्तण्ड सिंह जूदेव रीवा से करीब है लेकिन सतना के मुकुंदपुर में स्थति है। यहां रीवा और सतना सहित सीधी, शहडोल, सिंगरौली सहित दूर दूर से पर्यटक घूमने पहुंचते हैं। सफेद बाघ इन सबको यहां खींच लाता है। यहां हर दिन हजारों पर्यटक पहुंचते हैं लेकिन 100 रुपए देकर वन्यजीवों को गोद लेने कोई भी आगे नहीं आता।
वन्यजीवों को गोद लेने के लिए तय देय राशि
प्रजातियां        वार्षिक     अर्धवार्षिक    त्रैमासिक        महीना    प्रतिदिन
बाघ, शेर        411000      210000        105100         35000   1151
तेंदुआ           165000       82000           41000         13000    501
भालू             110000       51000           27000          9100      301
गौर               300000     150000          75000         25000    1001
थामिन डीयर    90000       45000          23000          7100       251
सांभर             90000       45000          21000           7100       251
नीलगाय         90000       45000          21000           7100       251
बारहसिंगा       90000       45000          21000          7100        251
चीतल            36000       18000          10000          3100        101
कृष्णमृग        36000       18000          10000           3100       101
चिंकारा           36000      18000          10000          3100         101
हॉग डीयर       36000      18000          10000           3100        101
बार्किंग डीयर    21000      10000          5100             2100        101
जंगली सूअर    54000      27000          13000           5100         101
गोद लेने के लिए यह करना होगा
वन्यजीवों को गोद लेने के लिए इच्छुक वन्यजीव प्रेमियों को सतना मे ंदेय मेसर्स मध्य प्रदेश टाइगर फाउंडेशन सोसायटी सतना एसी नंबर 527302010016760 को देय बैंक/ नगद के साथ संलग्न फार्म मेमं गोद लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं। गोद लेने के शुल्क के साथ आवेदन पत्र निदेशक, महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी और चिडिय़ाघर मुकुंदपुर के कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस पर सुबह 10.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक जमा किया जा सकता है।
यह मिलेगा फायदा
भुगतान की गई राशि पर धारा 80 जी (5) के तहत आयकर में छूट मिलेगी। गोद लेने का अधिकारिक प्रमाण पत्र गोद लेने वाले व्यक्ति, संस्था और संगठन को प्रदान किया जाएगा। गोद लिए गए वन्यप्राणी का नाम, अवधि का प्रदर्शन पट्टिका बाड़े के बाहर लगाई जाएगी। वर्षभर गोद लेने पर उस व्यक्ति का नाम उसकी सहमति से वन विहार के प्रवेश द्वारों पर प्रदर्शित की जाएगी। भुगतान की गई राशि के 10 फीसदी राशि नि:शुल्क पास अंगीकर्ता को भ्रमण, सफारी के लिए अंगीकृत अवधि के दौरान प्रदान किया जाएगा। गोद लेने वाले वन्यजीव के साथ एक फोटो भी प्रदान की जाएगी।