भूमाफिओं का बीहर नदी पर कब्जा, पाट कर प्लाटिंग कर दी, कलेक्टर से की गई शिकायत
बीहर नदी का किनारा पाट कर भूमाफिया अतिक्रमण कर रहे हैं। ग्रीन बेल्ट भी नहीं छोड़े। भूमाफियाओं ने नदी पाट कर प्लाटिंग कर दी है। इसकी शिकायत समाजिक कार्यकर्ता ने कलेक्टर से की है। मामले की जांच कर भूमाफियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
प्रशासन के पहले पहले भी पहुंची थी शिकायत
एक मर्तबा कार्रवाई कर फिर सब ठप पड़ गया अभियान
रीवा। ज्ञात हो कि भूमाफिया अब रीवा की जीवनदायनी नदी को भी नहीं छोड़ रहे हैं। अधिवक्ता बीके माला ने कमिश्नर रीवा संभाग रीवा से शिकायत में कहा है कि रीवा जिला की प्राणदायिनी बीहर नदी करहिया मार्ग पर भूमाफियाओं ने नदी का भीटा, टीला को काटकर नदी के सतही निचले क्षेत्रों में मिट्टी , मलवा डालकर लेबलिंग कर दी है। रिजर्व नदी के भाग को लेबलिंग करके प्लाटिंग की गई है। नदी के दोनों भागों को रिजर्व किया गया है। शासन ने स्पष्ट एवं एनजीटी के आदेशानुसार निर्देश जारी किया गया है कि नदी के दोनों भागों को किसी प्रकार से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। लेकिन भू माफियों ने किसके निर्देश पर नदी के सतही भाग से बाउण्ड्री वाल का निर्माण कार्य किया है। नदी, मेड़, टीला ऊपर भाग को काट करके नदी के जल भराव क्षेत्र में मलवा डाल कर बेजा कब्जा किया गया है। यह एनजीटी के आदेशों का खुला उल्लंघन है।
शिकायत में कहा गया है कि एनजीटी के आदेश के विपरीत नदी के तट पर भूमाफियाओं ने प्लाटिंग करके वर्तमान रेरा अधिनियम रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम 2016 के वर्तमान शर्तों का उल्लंघन किया है। सभी नियमों को ताक पर रखते हुए एनजीटी एवं रेरा अधिनियम के नियमों के प्रतिकूल जाकर कार्य किया जा रहा है। संबंधित विभागों की अनुमति लिए बिना ही रेरा अधिनियम एवं एनजीटी के मामलों व नियमों का दरकिनार करते हुए विधि विरुद्ध प्लाटिंग करके भूमियां बेची जा रही है। नदी के भाग को काट करके नदी के सतही भाग तथा निचले भाग में निर्माण कार्य कर बाउण्ड्री वाल बना दी गई। नदी में मिट्टी डालकर बहाव क्षेत्र को परिवर्तित किया गया है, जो जल प्रदूषण का भी उल्लंघन है। कमिश्नर से मांग की गई है कि रेरा और एनजीटी के नियमों का उल्लंघन कर की गई प्लाटिंग का भौतिक सत्यापन कराकर अवैध प्लाटिंग के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
प्रशासन ने सिर्फ खानापूर्ति की फिर सब ठप
एक शिकायत पहले भी कमिश्नर से की गई थी। बीहर नदी के किनारे ग्रीन बेल्ट को पाट कर कालोनी बसाई जा रही थी। इस शिकायत के बाद प्रशासन एक्टिव हुआ था। मौके पर पहुंच कर कालोनाइजर के खिलाफ कार्रवाई की थी। पेनाल्टी भी लगाई थी। इसके बाद सारी कार्रवाई ठप हो गई। कालोनाइजर और भूमाफिया पूरे सिस्टम पर भारी पड़ गए। अगली बारी नदी के उस पार कालोनाइजर के खिलाफ थी। हालांकि वहां तक प्रशासन पहुंच ही नहीं पाया। नदी पाट कर दीवार खड़ी कर दी गई है। यह सब को नजर आ रहा है लेकिन कार्रवाई की हिम्मत कोई नहीं जुटा पा रहा। ग्रीन बेल्ट में गार्डन और सड़क सहित निर्माण कार्य कराया गया है। बीके माला ने इसकी शिकायत कर जांच की मांग की है।
सभी अवैध तरीके से कालोनी बसा रखे हैं
करहिया में बड़ी बड़ी कालोनियां बस गई हैं। इनका कहीं भी रेरा में पंजीयन नहीं है। रेरा से बचने के लिए इन कालोनाइजरों ने शासन की आंख में धूल झोंकने का भी काम किया है। शिकायतकर्ता अधिवक्ता बीके माला का कहना है कि यहां बसी कोई भी कालोनी वैध नहीं हे। रेरा में रजिस्टे्रशन ही नहीं है। फर्म बना रखी है लेकिन रजिस्ट्री भूमि स्वामी से ही कराते हंै। फर्म के नाम से नहीं कराई जाती है।
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बीहर नदी का ग्रीन बेल्ट एरिया पाट कर कालोनी बसाई जा रही है। अवैध तरीके से कालोनियां बसाई जा रही हैं। बीहर नदी पर खतरा मंडरा रहा है। कलेक्टर से शिकायत कर जांच और कार्रवाई की मांग की गई है।
बीके माला
सामाजिक कार्यकर्ता रीवा