शराब दुकानों को नहीं मिल रहे ठेकेदार, सब ने महंगी दर पर लेने से खड़े कर दिए हाथ, नवीनीकरण, लॉटरी सिस्टम फेल

सरकार की नई आबकारी नीति से शासन को झटका लगा है। नवीनीकरण और लॉटरी के लिए कोई ठेकेदार सामने ही नहीं आया। 15 फीसदी शराब दुकान की फीस और बढ़ाए जाने से ठेकेदारों ने कदम पीछे खींच लिए है। दो स्टेप में फेल शासन अब ईटेंडर का इंतजार कर रही है। ईटेंडर में भी यदि ठेकेदार नहीं मिले तो फिर नीतियों में बदलाव पर सरकार विचार कर सकती है। यह हालत सिर्फ रीवा ही नहीं कई और जिलों की भी है।

शराब दुकानों को नहीं मिल रहे ठेकेदार, सब ने महंगी दर पर लेने से खड़े कर दिए हाथ, नवीनीकरण, लॉटरी सिस्टम फेल
File photo

अब ईटेंडर से शराब दुकानें नीलाम करने की तैयारी
दूसरी तरफ शासन नियमों में संसोधन की तैयारी में जुटी
रीवा। मप्र शासन ने वर्ष 2024-25 के लिए आबकारी नीति जारी की थी। आबकारी नीति के प्रावधानों के तहमत जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला निष्पादन समिति पहले नवीनीकरण एवं लॉटरी फिर शेष रही मदिरा दुकानों, समूहों का ई टेंडर से निष्पादन किया जाना था।  नवीनीकरण के लिए आवेदन पत्र 12 फरवरी से 17 फरवरी की शाम 5 बजे तक खरीदी और आवेदन का समय तय किया गया था। लॉटरी आवेदन पत्र के लिए 19 फरवरी से 22 फरवरी का दिन तय किया गया था। लॉटरी आवेदन पत्र जमा करने की तिथि 19 फरवरी से 22 फरवरी तक निर्धारित थी।  23 फरवरी को लॉटरी खोली  जानी थी। इस प्रक्रिया में शासन की नीतियां फेल हो गईं। रीवा से 27 समूहों के लिए कोई भी ठेकेदार नवीनीकरण के लिए सामने ही नहीं आया। इसके बाद 23 फरवरी को लॉटरी खोला जाना था लेकिन दो ही फार्म पड़े थे। इसे भी जिला प्रशासन को निरस्त करना पड़ा। अब ई टेंडर से शराब दुकानों को नीलाम करने की तैयारी चल रही है।
एक भी दुकान नहीं उठी
सूत्रों की मानें तो रीवा और मऊगंज की एक भी शराब समूह नवीनीकरण और लॉटरी में नहीं गई। सभी 27 समूह की शराब दुकान ही बच गई। अब इन बची हुई शराब दुकानों को ई टेंडर के जरिए नीलाम किया जाएगा। 27 फरवरी से  4 मार्च तक ई टेंडर प्रपत्र डाउन लोड करने के साथ ईटेंडर ऑफर सबमिट कर सकेंगे। 4 मार्च को दोपहर 2.30 बजे ईटेंडर के लिए आनलाइन प्रपत्र खोला जाएगा। इसके बाद भी यदि शराब दुकानें शेष रह जाएंगी तो 11 मार्च को ईटेंडर खोला जाएगा। फिर भी कोई दुकान बचेगी तो 18 मार्च और इसके बाद 22 मार्च को ईटेंडर खोला जाएगा।
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इसलिए सामने नहीं आ रहे हैं शराब ठेकेदार
वर्तमान में जो भी शराब दुकानें ठेकेदार चला रहे हैं। सभी लामबंद हो गए हैं। यह स्थिति रीवा के अलावा आसपास के अन्य जिलों की भी है। वर्तमान समय में भी शराब दुकानें महंगी दरों पर उठाई गई है। ठेकेदार इतना इनकम नहीं निकाल पा रहे हैं। अब इस साल 15 फीसदी वार्षिक मूल्य में और वृद्धि कर दी गई है। यही वजह है कि ठेकेदारों ने बढ़े हुए मूल्य पर शराब समूहों को लेने से ही हाथ खड़े कर दिए हैं। सूत्रों की मानें तो नवीनीकरण और लॉटरी में फेल होने के बाद आबकारी विभाग ने नई नीतियां बनानी शुरू कर दी हैं।
यह तय किया गया था फंडा
सरकार ने नए वित्तीय वर्ष में शराब समूहों के लिए नई नीति तैयार की थी। इसमें नवीनीकरण और लॉटरी में यदि निर्धारित वार्षिक मूल्य का 75 फीसदी भी राशि आ जाती है तो सभी दुकानों को नवीनीकरण की श्रेणी में ही रखना था। हालांकि इसमें कोई ठेकेदार शामिल ही नहीं हुआ। लॉटरी में सिर्फ दो ही ठेकेदार ने फार्म डाला था। वह भी निरस्त कर दिया गया है। अब ईटेंडर से दुकानें नीलाम की जाएंगी।