लोक अदालत: 1629 प्रकरण निपटे, 12.89 करोड़ का अवार्ड हुआ पारित
शनिवार को 46 खंडपीठ में लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत में 1629 प्रकरणों का निराकरण किया गया। 12 करोड़ 89 लाख 36 हजार 251 रूपये के अवार्ड पारित किए गए।
रीवा। मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रीवा सुबोध कुमार जैन के मार्गदर्शन में लोक अदालत प्रभारी विशेष न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार जिला न्यायालय परिसर में दीप प्रज्जवलन कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभांरभ किया गया। इस अवसर पर श्री शिकान्त प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय, द्वितीय जिला न्यायाधीश श्री विक्रम सिंह, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अहमद रजा, तृतीय जिला न्यायाधीश रमेश रंजन चौबे, नवम जिला न्यायाधीश देवेन्द्र सिंह पाल, तेरहवें जिला न्यायाधीश, केशव सिंह, सप्तम जिला न्यायाधीश, आनंद गौतम, अष्टम जिला न्यायाधीश, प्रवीण पटेल, ग्यारहवें जिला न्यायाधीश, दिलीप सिंह, पंचम जिला न्यायाधीश, विवेकानन्द त्रिवेदी, षष्टम जिला न्यायाधीश आशीष ताम्रकार, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, रुपसिंह कनेल, वरिष्ठ खण्ड न्यायाधीश श्रीमती प्रीतिशिखा अग्निहोत्री, जिला रजिस्ट्रार देवदत्त, कनिष्ठ खण्ड न्यायाधीश अक्षत तयाल, कनिष्ठ खण्ड न्यायाधीश श्रीमती पद््मिनी सिंह, कनिष्ठ खंड न्यायाधीश ललित कुमार मईडा, कनिष्ठ खण्ड न्यायाधीश सुश्री अंजली अग्रवाल, कनिष्ठ खण्ड न्यायाधीश अमित सिंह धुर्वे, कनिष्ठ खण्ड न्यायाधीश सुश्री अदिति अग्रवाल, कनिष्ठ खण्ड न्यायाधीश सुश्री चेंतना झारिया, कनिष्ठ खण्ड न्यायाधीश संजीव रहंगडाले, कनिष्ठ खण्ड न्यायाधीश श्रीमती मीनल गजवीर, कनिष्ठ खण्ड न्यायाधीश अजय कुमार नागेश, न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित रहे।
प्रीलिटिगेशन के 809 और 820 लंबित प्रकरण का हुआ निराकरण
नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते के तहत प्रकरण निराकरण हेतु जिला एवं तहसील न्यायालयों में कुल 46 खंडपीठों का गठन किया गया जिसमें प्रीलिटिगेशन के 809 प्रकरण में निराकरण किया गया जिसमें राशि का अवार्ड राशि 97 लाख 12 हजार 604 रूपये एवं 820 लंबित प्रकरण के निराकरण में अवार्ड राशि 11 करोड़ 92 लाख 23 हजार 647 रूपये राशि के अवार्ड का निराकरण लोक अदालत शिविर के माध्यम से किया गया। इस तरह कुल 1629 प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं 12 करोड़ 89 लाख 36 हजार 251 रूपये के अवार्ड पारित किए गए। जिला विधिक सहायता अधिकारी अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि लोक अदालत में दाण्डिक 235 प्रकरणों में 29 लाख रूपये, चेक बाउंस के 107 प्रकरणों में एक करोड़ 90 लाख 48 हजार 513 रूपये, मोटर क्लेम के 190 प्रकरणों में 8 करोड़ 24 लाख एक हजार 923 रूपये, सिविल के 58 प्रकरणों में 74 लाख 58 हजार 499 रूपये, विद्युत के लंबित 152 प्रकरणों में 17 लाख 58 हजार 329 रूपये, श्रम के 7 प्रकरणों में 64 लाख 94 हजार 120 रूपये, विद्युत के प्रीलिटिगेशन के 174 प्रकरणों में 18 लाख 8 हजार 187 रूपये, बैंक प्रीलिटिगेशन के 205 प्रकरणों में 68 लाख 30 हजार 433 रूपये, जलकर के प्रीलिटिगेशन 418 प्रकरणों में 9 लाख 39 हजार 136 रूपये तथा अन्य प्रीलिटिगेशन के 12 प्रकरणों में एक लाख 34 हजार 848 रूपये एवं अन्य लंबित 54 प्रकरणों में 17 लाख 72 हजार 263 रूपये के अवार्ड पारित किये गये। लोक अदालत में 17 पारिवारिक विवाद प्रकरणों का निराकरण भी हुआ।
आपसी समझोते के तहत नगर निगम में जमा हुये 1 करोड 49 लाख
नगर पालिक निगम कार्यालय में लोक अदालत आयोजित हुई तथा आपसी समझौते के तहत सम्पत्तिकर जलकर, प्रीमियम, किराया, उपभोक्ता प्रभार आदि प्रकरणों में नगर पालिक निगम रीवा के मद में लगभग 1.49 करोड़ रूपये जमा कराया गया। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश शासन नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग द्वारा सम्पत्तिकर, जलकर, उपभोक्ता प्रभार एवं अन्य करो की बकाया राशि के अधिभार (सरचार्ज) पर 25 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक की छूट लोक अदालत में देने के निर्देश दिये गये थे। जिसमें शहर के बकायादारों ने बढ़-चढ़कर अपनी सहभागिता निभाते हुये बकाया राशि जमा कराकर छूट का लाभ उठाया तथा शहर के विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया। नगर पालिक निगम रीवा के वार्ड प्रभारियों जिनमें प्रमुख रूप से राजेन्द पाण्डेय, ज्ञानेन्द्र सिंह, अखिलेष पाण्डेय, यशोदानंद दुबे, मो अली आदि ने लक्ष्य से अधिक राशि निगम कोष में जमा कराई गई। इन वार्ड प्रभारियों को निगमायुक्त संस्कृति जैन द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर पुरूस्कृत किया जाएगा। निगमायुक्त संस्कृति जैन ने लोक अदालत के दौरान जिन शहरवासियों द्वारा अपनी बकाया राशि का भुगतान कर शहर विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है।