प्रधान आरक्षक को 2000 की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने किया ट्रैप, यह भी धरा गया
खाकी फिर दागदार हुई है। एक प्रधान आरक्षक को लोकायुक्त ने 2000 के रिश्वत लेते ट्रैप किया है। प्रधान आरक्षक पीड़ित से जमानत के नाम पर ₹5000 की डिमांड की थी। ₹3000 पहले ही ले चुका था। 2000 की रकम लेते लोकायुक्त ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। एक बाहरी व्यक्ति को भी इस मामले में लोकायुक्त ने पड़ा है।
लोकायुक्त रीवा ने की शहडोल में पपौध थाना में ट्रैप कार्यवाही
रीवा। पीड़ित रामनरेश जायसवाल निवासी ग्राम न्यू सप्टा थाना पपौध जिला शहडोल ने लोकायुक्त रीवा के पास शिकायत की थी कि उसका विवाद अमृतलाल जायसवाल से दिनांक 5 जनवरी 2024 को हो गया था। जिसकी रिपोर्ट उसने उसी दिन थाना पपौध में की थी किंतु उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। उससे रिश्वत की मांग की गई। उसकी कच्ची रिपोर्ट लिख दी गई।
उसके ऊपर अमृतलाल की तरफ से पक्का प्रकरण बना दिया गया। अब उसी प्रकरण में जमानत देने के नाम पर ₹5000 रिश्वत की मांग की जा रही है। इस बात का सत्यापन लोकायुक्त संभाग रीवा के पुलिस अधीक्षक गोपाल सिंह धाकड़ द्वारा कराया गया। यह बात सत्यापित हुई की वास्तविकता में आरोपित प्रधान आरक्षक अनिल शर्मा द्वारा शिकायतकर्ता से रिश्वत की मांगी की जा रही है। सत्यापन के बाद रीवा लोकायुक्त ने ट्रेड कार्रवाई की योजना तैयार की प्रधान आरक्षक अनिल शर्मा और उसके साथी प्राइवेट व्यक्ति पवन सिंह के पास रामनरेश जायसवाल को ₹2000 लेकर भेजा गया। जैसे ही दोनों ने रिश्वत की रकम ली वैसे ही रीवा लोकायुक्त की टीम धमक पड़ी। उन्होंने दोनों आरोपित को पकड़ लिया। पकड़े गए प्रधान आरक्षक अनिल शर्मा थाना पपौध जिला शहडोल के हैं। वहीं प्राइवेट व्यक्ति पवन सिंह निवासी ग्राम बहादुरपुर तहसील लालगंज जिला शिक्षा उत्तर प्रदेश का है। दोनों के खिलाफ लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया है। प्रधान आरक्षक ने पीड़ित से ₹3000 पहले ही ले लिया था ₹2000 के लिए फिर से दबाव बना रहा था। इस ट्रैप कार्रवाई में अधिकारी प्रमेन्द्र कुमार निरीक्षण, प्रवीण सिंह परिहार अप पुलिस अधीक्षक सहित 15 सदस्य टीम शामिल रही।