लोकायुक्त के चंगुल में फंसी एक महिला अधिकारी 60000 की रिश्वत लेते पकड़ी गई
लोकायुक्त एक महिला अधिकारी को 60000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। महिला के खिलाफ लोकायुक्त में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है। महिला अधिकारी ने अधीक्षण यंत्री के नाम से रुपए मांगे थे। ठेकेदार का पुराना बिल क्लियर कराने के लिए यह रिश्वत की रकम मांगी गई थी।
उज्जैन । लोकायुक्त उज्जैन के पास पीएचई के एक ठेकेदार अक्षय पाटीदार ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने कहा था कि जल जीवन मिशन में उन्हें 2020 में दो ब्लॉक का काम मिला था। उन्हें 6 महीने में काम पूरा करना था। लेकिन विभागीय लेट लतीभी और कोविड के कारण वह समय पर काम पूरा नहीं कर पाए। उन्हें काम पूरा करने में 4 महीने में विलंब हो गया। 21 जुलाई 2021 को उनका काम पूरा हुआ। काम पूरा होने के बाद से 2021 से 2024 तक वह भुगतान के लिए पीएचई विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। जब उनकी विभाग में किसी तरह की सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करा दी। सीएम हेल्पलाइन में जब शिकायत भोपाल स्तर पर पहुंची। तब अधिकारियों के कान खड़े हो गए। उन्होंने फाइल बढ़ाना शुरू कर दिया। भुगतान की पूछ परख बढ़ी तो डिमांड भी अधिकारी कर बैठे। ठेकेदार को बुलाकर सहायक यंत्री निधि मिश्रा ने अधीक्षण यंत्री के नाम से ₹50000 मांगे। इसके साथ ही फाइल क्लीयर कराने की बात भी कही। सहायक यंत्री निधि मिश्रा ने अपने नाम से ₹10000 मांगे। इसकी शिकायत लोकायुक्त से हुई तो लोकायुक्त के डीएसपी राजेश पाठक ने शिकायत की जांच की। शिकायत सही मिलने पर बुधवार को ट्रेप की कार्रवाई को अंजाम दिया गया। सहायक यंत्री निधि मिश्रा ₹60000 की रिश्वत के साथ लोकायुक्त उज्जैन ने गिरफ्तार कर लिया है।