आर्थो में आएगी 13 करोड़ की मशीन, मेडिसिन में खुलेगा यह विभाग, फैसला आज
संजय गांधी अस्पताल के अस्थि रोग विभाग में 13 करोड़ की रोबोटिक मशीन आएगी। सब कुछ ठीक रहा तो घुटना और कुल्हा का आपरेशन रोबोटिक मशीन से होगा। प्रस्ताव कार्यकारिणी की बैठक में भेजा गया है। आज फैसले का इंतजार रहेगा। स्वीकृति मिली तो रीवा प्रदेश का दूसरा ऐसा अस्पताल होगा जहां रोबोटिक मशीन से आपरेशन होंगे। वहीं मेडिसिन विभाग में भी गैस्ट्रोलॉजी विभाग तैयार करने की योजना बनाई गई है। प्रस्ताव रखा गया है।
250 से अधिक इन हाउस प्रमोशन के पद खाली और प्रबंधन सिर्फ एक डॉक्टर के लिए बार बार ला रहा प्रस्ताव
रीवा। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में शनिवार को कार्यकारिणी की बैठक होने जा रही है। इसमें कई प्रस्ताव रखे जाएंगे। कार्यकारणी की बैठक में 50 से अधिक प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी। इसमें सभी विभागों से निर्माण कार्यों और मशीनों की उपलब्धता को लेकर प्रस्ताव मांगे गए थे। इन पर निर्णय लिया जाएगा। बैठक शनिवा की सुबह 11 बजे से श्याम शाम मेडिकल कॉलेज में आयोजित की जाएगी। बैठक में अध्यक्षता रीवा संभाग रीवा के कमिश्नर करेंगे। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेज, संजय गांधी अस्पताल, गांधी स्मृति चिकित्सालय में निर्माण कार्यों और विभागों के विस्तार को लेकर चर्चा की जाएगी।
आर्थों विभाग से रोबोटिक मशीन का पहुंचा प्रस्ताव
अस्थि रोग विभाग से कार्यकारिणी की बैठक में सबसे बड़ा और महंगा प्रस्ताव पहुंचा है। आर्थों विभाग ने 13 करोड़ की रोबोटिक मशीन की डिमांड रखी है। इस रोबोटिक मशीन से कूल्हा और घुटने का आपरेशन आसानी से किया जा सकता है। यदि यह मशीन खरीदने की स्वीकृति रीवा को मिली है तो रीवा प्रदेश में ऐसा दूसरा मेडिकल कॉलेज बन जाएगा। प्रदेश में रोबोटिक मशीन सिर्फ इंदौर में ही है। इस मशीन के आने से लोगों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। घुटना और कुल्हे का आपरेशन यहीं संभव होगा। हाल ही में संजय गांधी अस्पताल के डॉ शुभम मिश्रा विदेश से रोबोटिक मशीन से कूल्हा और घुटने के आपरेशन की ट्रेनिंग लेकर भी आए हैं।
गैस्ट्रोलॉजी विभाग का अलग सेटअप होगा तैयार
इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में एक और बड़ा काम होगा। मेडिसिन विभाग से गैस्ट्रोलॉजी विभाग अलग तैयार करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। गैस्ट्रोलॉजी से जुड़ी मशीनों की डिमांड की गई है। यदि यह सारी मशीनों की खरीदी की स्वीकृति मिलती है तो मरीजों को संजय गांधी अस्पताल में ही पेट से जुड़ी सारी जांच और बीमारियों के इलाज की सुविधा मिलने लगेगी। संजय गांधी अस्पताल में अब दो गैस्ट्रोलॉजिस्ट हो गए हैं। इसमें डॉ प्रदीप निगम भी शामिल हैं। इनके इलाज से लोगों को बड़ी राहत मिल रही है।
सिर्फ एक डॉक्टर को इनहाउस प्रमोशन देने पर लगा रहे जोर
इस बैठक में हालांकि कुछ गड़बडिय़ां करने की भी तैयारियां हैं। माइक्रोबायलॉजी विभाग में डिमान्सट्रेटर के पद पर पदस्थ एक चिकित्सक को गलत तरीके से इन हाउस प्रमोशन दिए जाने की तैयारी है। कई मर्तबा इनके प्रमोशन पर ब्रेक लग चुका है। जांच टीम अयोग्य ठहरा चुकी है लेकिन प्रबंधन जिद पर अड़ा है। एक तरफ तो सैकड़ों कर्मचारियों का इन हाउस प्रमोशन लटका हुआ है। उस फैसला नहीं लिया जा रहा और एक डॉक्टर के लिए बार बार प्रस्ताव कार्यकारिणी की बैठक में रखा जा रहा है। यह चिंता का विषय है। इतना ही नहीं डॉक्टरों की भर्ती के लिए निकाले गए विज्ञापन में भी इस पद को ही गायब कर दिया गया था। अब इसी पद पर खेल करने की तैयारी है।