महाराजा पुष्पराज सिंह का हुआ अपमान, व्यंकट क्लब में हुआ आयोजन और बुलाया तक नहंी गया, कमिश्नर को पत्र लिखकर जताई नाराजगी

रीवा व्यंकट क्लब की स्थापना रीवा राजघराना ने की थी। इसके बाद राजवाणों का जब विलय हुआ तो वेंकट क्लब को शासन को सौंप दिया गया। अब यह अधिकारियों के उपयोग तक ही सीमित रह गया है। यहां होने वाले आयोजनों में राजपरिवार को भी नहीं पूछा जाता। यही बात महाराजा पुष्पराज सिंह को भी बुरी लग गई। हाल ही में वार्षिक कार्यक्रम का आयेाजन किया गया और महाराजा पुष्पराज सिंह को नहीं बुलाया गया। इस पर उन्हें कमिश्नर को पत्र लिखकर कड़ी आपत्ति जताई।

महाराजा पुष्पराज सिंह का हुआ अपमान, व्यंकट क्लब में हुआ आयोजन और बुलाया तक नहंी गया, कमिश्नर को पत्र लिखकर जताई नाराजगी

कमिश्नर को पत्र लिखकर जताई कड़ी आपत्ति
रीवा। रीवा के पूर्व मंत्री और महाराजा पुष्पराज सिंह ने उनके व्यंकट क्लब के कार्यक्रमों में नहीं बुलाने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने व्यंकट ब्लक के पदाधिकारियों की अनदेखी किए जाने से खुद को अममानित महसूसत किया है। इसीलिए कमिश्नर रीवा संभाग रीवा को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने व्यंकट क्लब को उच्च वर्गीय लोगों के विलास और आनंद का क्षेत्र तक कह डाला है।  महाराजा पुष्पराज सिंह ने कश्मिनर रीवा संभाग रीवा को पत्र लिखकर कहा है कि वेंकट क्लब की स्थापना उनके परिवार ने की। राजवाणों के विलय के दरमियान व्यंकट क्लब को शासन को सौंपा गया। इसके बाद भी वेंकट क्लब में कोई भी बड़े या छोटे कार्यक्रम में रीवा राजघराना को अनदेखा किया जाता है। उन्होंने आपत्ति दर्ज कराते हुए लेख किया है कि व्यंकट क्लब में एक बड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें उन्हें अनदेखा किया गया। निमंत्रण ही नहीं भेजा गया। उन्होंने पत्र में कहा कि वह रीवा राज्य का और यहां की शांतिप्रिय, लोकतांत्रिक व्यवस्था की मान्यताओं को रखने वाली जनता का घोर अपमान मानते हैं। उन्होंने कहा है कि यह क्लब धीरे धीरे उच्च वर्गीय लोगों का विलास व आनंद का क्षेत्र बन गया है। रीवा राज्य के राजाओं ने गरीब एवं कमजोर वर्ग तथा आदिवासियों को सदैव प्राथमिकता दी  जिसको मैं सम्मान देता हूं। उनकी अनदेखी किए जाने का दर्द कमिश्नर को लिखे गए पत्र में साफ तौर पर नजर आया।