फ्लाई ओव्हर निर्माण में बड़ी लापरवाही: मजदूरों की जान जाने से बची, आधी रात को बीम कैप भरभरा कर गिर गया

विंध्या कंस्ट्रक्शन कंपनी की बड़ी लापरवाही सामने आई है। कंपनी की लापरवाही के कारण मजदूरों की जान जाने से बच गई। आधी रात को अचानक बीम कैप भराभरा कर गिर गई। नीचे मजदूर थे। हादसे के बाद वह जान बचा कर भागे। मौके पर हड़कंप मच गया।

फ्लाई ओव्हर निर्माण में बड़ी लापरवाही: मजदूरों की जान जाने से बची, आधी रात को बीम कैप भरभरा कर गिर गया

बुधवार, गुरुवार की रात करीब 2 बजे हुआ हादसा
33 करोड़ की लागत से हो रहा था थर्ड लेग का निर्माण
रीवा। ज्ञात हो कि सिरमौर चौराहा की थर्ड लेग बनाई जा रही है। थर्ड लेग का निर्माण की जिम्मेदारी विंध्या कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला है। सिरमोर चौराहा फ्लाई ओव्हर का थर्ड लेग बनाने के साथ ही नीम चौराहा तक सड़क का भी निर्माण कार्य इसी कंपनी को मिला हुआ है। करीब 33 करोड़ 34 लाख रुपए की लागत से थर्ड लेग का निर्माण कार्य किया जा रहा है। पुल के निर्माण का अधिकांश काम हो चुका है। अब सिर्फ ज्वाइंट वाले प्वाइंट पर ही काम चल रहा है। सिरमौर चौराहा पर थर्ड लेग को मुख्य ब्रिज से जोडऩे का काम किया जा रहा है। तीन पिलर पहले ही खड़े किए जा चुके थे। अब सिर्फ इस पर स्लैब ढालने का काम बांकी था। इसके पहले तीनो पिलर को जोड़कर बीम कैप की ढलाई की जानी थी। बुधवार गुरुवार की आधी रात को करीब 2 बजे बीम कैप की ढलाई का काम किया जा रहा था। इसी दौरान बड़ा हादसा हो गया। बीम कैप की सेटरिंग भरभरा कर अचानक गिर गई। बीम कैप का पूरा हिस्सा ही नीचे लटक गया। मौके पर हड़कंप मच गया। काम में लगे मजदूर जान बचाकर भागने लगे। हालांकि इस हादसे में किसी तरह की जनहानी नहीं हुई। इस काम में कंपनी की ही लापरवाही सामने आ रही है। कंपनी की लापरवाही और खराब सैटरिंग के कारण ही यह हादसा हुआ। मौके पर रात के समय इंजीनियर से लेकर सुपरवाइजर और मजदूर तक मोजूद थे। इनमें से कोई हालांकि कोई चोटिल नहीं हुआ।


कांक्रीट का वजन ही नहीं सह पाई सेटरिंग
फ्लाईओव्हर के निर्माण में पूरा सपोर्ट लोहे की सेटरिंग पर ही दिया जा रहा है। लोहे की सेटरिंग को बकायदा बेल्डिंग कर जोड़ा जाता है। इसके बाद ही कांक्रीट की भराई की जाती है। दिन में सेटरिंग का काम किया जाता है। इसके बाद रात में ट्रैफिक कम होने पर फिलिंग का काम किया जाता है। लोहे की सेटरिंग होने के बाद भी वह बैठ गया। इसके कारण बीम कैप भी नीचे आ गया। इस हादसे ने पूरे फ्लाईओव्हर की गुणवत्ता पर ही सवाल खड़े करना शुरू कर दिया गया है।
कंपनी ने दी सफाई बोले वाहन की ठोकर से सेटरिंग हिल गई
कंपनी के इंजीनियर श्यामनारायण पटेल ने बताया कि पिलर के ऊपर स्लैब डालने के पहले बीम कैप बनाते हैं। उसी का रात में काम चल रहा था। कांक्रीट का अधिकांश काम रात में ही होता है।  दिन में ट्रैफिक ज्यादा रहता है। रात में कम होता है। सैफ्टी को लेकर ही काम रात में करते हैं। कांक्रीट मिक्सर मशीन ट्रक यानि  रात में मिलर बैक हो रहा था। बैक होते समय टायर पिलर की सेटरिंग में लग गया। इसी वजह से सेटरिंग हिल गई। कर्मचारी समझ पाते इसके पहले ही बीम कैप धीरे धीरे नीचे बैठ गया। इसमें कोई जनहानि नहीं हुई। कोई हताहत नहीं हुआ है।
पीडब्लूडी ब्रिज की लापरवाही आई सामने
फ्लाईओव्हर थर्ड लेग के निर्माण कराने की जिम्मेदारी पीडब्लूडी ब्रिज की है। पीडब्लूडी ब्रिज को ही मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी गई है। इसके बाद भी अधिकारी लापरवाही बरतते हैं। निर्माण कार्य कैसे चल रहा है। क्या मटेरियल उपयोग किया जा रहा है। इसकी अधिकारी जांच तक नहीं करते। कहीं भी विभाग के अधिकारी निरीक्षण, परीक्षण करते नजर नहीं आते हंै। इस हादसे में अधिकारियों की लापरवाही को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता।
सड़क और नाली निर्माण में भी अनियमितता
सूत्रों की मानें तो नाली और सड़क निर्माण में भी अनियमितता की गई है। सड़क की गुणवत्ता भी जांच के दायरे में हैं। सूत्रों की मानें तो नीम चौराहा से सुभाष चौराहा तक जो कांक्रीट सड़क कुछ हिस्सों में बनाई गई है। उसमें तय मापदंड के हिसाब से लगने वाला सरिया कम लगाया गया है। सड़क में कांक्रीट के बीच बीच में सरिया भी डाला जाता है। इसमें कोताही बरती गई। इसकी भी मॉनीटरिंग नहीं की गई है। वर्तमान समय में सड़क के किनारे नालियों का निर्माण किया जा रहा है। यह भी तय मापदंड के हिसाब से नहीं बन रहा है।