टिकट कटने के बाद फूट फूट कर रोए मनगवां विधायक, बोले निर्दलीय लडूंगा चुनाव

मनगवां विधायक को भाजपा ने टिकट नहीं दिया। नरेन्द्र प्रजापति को उम्मीदवार बनाया है। इससे व्यथित होकर मनगवां विधायक सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे। नामांकन फार्म लिया। इसके बाद पत्रकारों से रूबरू हुए। उन्होंने पार्टी पर ज्यादती का आरोप लगाते हुए फूट फूट कर रोए। उन्होंने आरोप लगया है कि पार्टी ने पैसे लेकर टिकट दिया है। वह अपनी पीड़ा व्यक्त करने के लिए सामने आए हैं। यदि पार्टी ने उनकी बातों पर विचार नहीं किया तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। पत्नी का टिकट भाजपा से भरेंगे।

टिकट कटने के बाद फूट फूट कर रोए मनगवां विधायक, बोले निर्दलीय लडूंगा चुनाव
press conference

पार्टी पर लगाया रुपए लेकर उम्मीदवार बनाने का आरोप
भाजपा  से रीवा में भी बगावत, अप्रत्यक्ष रूप से विस अध्यक्ष पर लगाया टिकट कटवाने का आरोप
रीवा।
मनगवां विधायक पंचूलाल ने पत्रवार्ता के दौरान कहा कि मेरा क्या कसूर है। हमसे कौन सी ऐसी गलती हो गई, जिसके कारण पार्टी ने मुझे टिकट नहीं दिया। जब से मैं होश सम्हाला हूं तब से भाजपा के लिए काम कर रहा हूं। मेरा अचानक टिकट काट दिया गया। लगातार तीन मर्तबा विधायक रहे। 1998 मेें देवतालाब से निर्वाचित हुआ। उस समय कोई भी विधायक नहीं चुना जाता था। दो पंचवर्षीय देवतालाब से विधायक रहा। फिर बीच में मेरा टिकट काट दिया गया। इसके बाद मेरी धर्मपत्नी को टिकट दिया गया। 2008 में यह विधायक बनीं। दोबारा जब लड़ी लेकिन हार गईं। इसके बाद पुन: पार्टी ने टिकट दिया। समाज की सेवा किए। परचम लहराए। यह इतिहास था कि रीवा जिला में सबसे अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। अब तक पार्टी के नेताओं ने यह नहीं बताया कि आप की क्या गलती है। जिसके कारण टिकट काट गया है। जिसे टिकट दिया गया है। उन्होंने मनगवां से प्रत्याशी बनाए गए नरेन्द्र प्रजापति का नाम लिए बगैर कहा कि वह 1998 में बहुजन समाज पार्टी में था। जब टिकट नहीं मिली तो अपना दल में आया। वहां भी टिकट नहीं मिला। इसके बाद वह कांग्रेस में आए। स्व श्रीनिवास तिवारी के शरण में आए। वह भी टिकट नहीं दिला पाए। फिर स्व सुंदरलाल तिवारी के शरण में आए। वह भी टिकट नहीं दिला पाए। इसके बाद विस अध्यक्ष और देवतालाब विस अध्यक्ष के शरण में आए। उन्होंने पार्टी का पट्टा पहना कर इंट्री कराई और तो और इनकी सदस्यता आज तक पार्टी में जारी नहीं हुई है। भारतीय जनता पार्टी ने सदस्यता नहीं दिलाई है। मैं पार्टी का विरोध नहीं कर रहा हूं। मैं अपनी ग्लानि और पीड़ा प्रकट करना चाह रहा हूं। दुख प्रगट कर रहा हूं।

(पंचूलाल रोते हुए...) हमें यह बता दिया जाए कि किस कारण मेरा टिकट काटा गया। सर्वे रिपोर्ट मंगा लिए जाएं। केन्द्र से जो सर्वे के लिए आए थे। उनसे रिपोर्ट मंाग लिया जाए।

(रोते हुए) मैं गरीब आदमी मजदूरी करने वाला। मेरे साथ ऐसा किया गया है। पार्टी के शीर्ष नेताओं ने आज तक पूछा तक नहीं। मैं पूछना चाहता हूं कि एक भगोड़े व्यक्ति को क्यों टिकट दिया गया। जो टिकट पाया है। वह जमीन बेंच कर पैसे देकर टिकट पाया है। मैं विरोध करने नहीं आया हूं। अपनी बात रखने आया हूं। मैं अभी फार्म लेने गया था। मैं पत्नी पन्ना बाई के नाम से भाजपा से फार्म भरूंगा। यदि पार्टी ने मुझे टिकट नहीं दिया तो एक फार्म मैं निर्दलीय फार्म भरूंगा। लोगों के पास जाऊंगा। न्याय मागूंगा। यदि पार्टी ने मेरी बातों पर विचार नहीं किया तो जरूर मैदान में उतरूंगा।