मार्तण्ड सिंह जूदेव पहुंची एसडी 44, अब यही बढ़ाएगी बाघों का कुनबा, आदमखोर हो गई थी बाघिन

मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर के कुनबे में एक नया मेहमान शामिल हो गया है। एक बाघिन का रेस्क्यू कर चिडिय़ाघर लाया गया है। फिलहाल इसका जंगल का नाम एसडी 44 है। अब इसके सामान्य होने पर चिडिय़ाघर का नया नाम दिया जाएगा। फिलहाल बाघिन को क्वारेंटीन में रखा गया है।

मार्तण्ड सिंह जूदेव पहुंची एसडी 44, अब यही बढ़ाएगी बाघों का कुनबा, आदमखोर हो गई थी बाघिन
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फिलहाल तीन हफ्तों के लिए क्वारेंटाइन में रखी जाएगी बाघिन
चिडिय़ाघर में यलो टाइगर की संख्या बढ़कर हुई 8
रीवा। ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले कान्हा से एक बाघ का रेस्क्यू कर मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर लाया गया था। बाघ का मूव्हमेंट गांव की तरफ ज्यादा हो गया था। कई मर्तबा बाघ का पकड़ कर जंगल में छोड़ा गया लेकिन उसकी आदतों में सुधार नहीं हो रहा था। यही वजह है कि कान्हा से बाघ को रेस्क्यू कर चिडिय़ाघर में रखा गया था। अब इसी तरह का नए नया मामला सीधी संजय दुबरी टाइगर रिजर्व का भी सामने आया है। यहां पर एसडी 44 बाघिन भी गांव की तरफ मूव्हमेंट करने लगी थी। यह आदमखोर भी हो गई थी। कई लोगों पर हमला भी कर चुकी है। यही वजह है कि संजय गांधी दुबरी टाइगर रिजर्व प्रबंधन किसी तरह का रिस्क लेना नहीं चाह रहा था। बाघिन को रेस्क्यू किया गया। इसके बाद उसे पकड़ कर मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर भेज दिया गया। अब एसडी 44 बाघिन चिडिय़ाघर में ही रहेगी। उसकी जंगल की आजादी अब खत्म हो गई है। अब उसे चार दीवारी में ही रहना होगा। हालांकि यह बाघिन मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर के लिए मिशाल भी बन सकती है।
फिलहाल सामान्य है स्वभाव, अलग बाड़े में रखा गया है
संजय गांधी दुबरी टाइगर रिजर्व से लाई गई बाघिन एसडी 44 को चिडिय़ाघर में अलग बाड़े में रखा गया है। फिलहाल इसे क्वारेंटाइन पीरियड में रखा जाएगा। तीन सप्ताह तक बाघिन को क्वारेंटाइन रखा जाएगा। इसके बाद ही बाड़े में छोड़ा जाएगा। फिलहाल बाघिन का स्वभाव सामान्य है। अक्रामकता नहीं दिख रही है। चिडिय़ाघर के माहौल में ढलने के बाद ही उसे बाड़े में छोडऩे की योजना है।
अब 8 हो गई पीले बाघों की संख्या
मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर में यलो टाइगर की संख्या बढ़ गई है। यहां यलो टाइगर की भरमार हो गई है। इनकी संख्या अब 8 पहुंच गई है। चिडिय़ाघर में पहले 6 बाघ थे। इसके बाद कान्हा से एक बाघ लाया गया। चिडिय़ाघर में वन्या, शक्ति, अर्जुन, सरलीन, वीरा के अलावा दो रेस्क्यू कर लाए गए बाघ थे। इसके बाद अब नयी बाघिन संजय दुबरी टाइगर रिजर्व से आ गई है। इनकी संख्या 8 पहुंच गई है।
कुनबा बढ़ाने में बाघिन निभाएगी योगदान
मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघन प्रबंधन को एक स्वस्थ्य और प्रजनन योग्य बाघिन की तलाश थी। नई बाघिन के आने के बाद उनकी तलाश लगभग खत्म हो गई है। बाघिन एसडी44 की उम्र करीब साढ़े तीन से चार साल के बीच आंकी जा रही है। यह बाघिन प्रजनन के लिए उपयुक्त है। सफेद बाघ चिडिय़ाघर प्रबंधन के पास था सिर्फ बाघिन की तलाश थी। अब वह तलाश लगभग खत्म हो गई है। बाघिन एसडी 44 मुकुंदपुर का कुनबा बढ़ाने में अहम योगदान निभा सकती है।
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संजय  गांधी दुबरी टाइगर रिजर्व से एक बाघिन को रेस्क्यू करके लाया गया है। इसकी उम्र 3-4 साल के बीच है। फिलहाल स्वभाव सामान्य है। क्वारेंटाइन में रखा गया है। पूरी तरह से बाघिन स्वस्थ्य है।
डॉ राजेश तोमर, चिकित्सक
मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर मुकुंदपुर