मऊगंज नया जिला बनकर आत्मनिर्भर नहीं बन पाया, कलेक्टर और एसपी ही यहां पदस्थ, बांकी सब रीवा के अफसरों, विभागों के भरोसे
मऊगंज नया जिला बना। नया जिला बनने के बाद उम्मीद थी कि विकास के नए पंख लगेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। डेढ़ साल बाद भी मऊगंज को नए कार्यालय और पर्याप्त अधिकारी, स्टाफ नहीं मिल पाए। कलेक्ट्रेट तक खाली है। जिला में सिर्फ कलेक्टर और एसपी ही पदस्थ हैं और सारे पद खाली है। कई विभागों के कार्यालय नहीं है। अभी भी मऊगंज जिला रीवा पर निर्भर है। अफसर और कार्यालयों की कमी मऊगंज को उड़ान ही भरने नहीं दे रहा।
कलेक्ट्रेट में एडीएम और डिप्टी कलेक्टर के 4 पद खाली
100 कर्मचारियों का है सेटअप लेकिन दो कर्मचारी ही पदस्थ हैं
मंत्रालय को कलेक्टर ने लिखा पत्र, प्रतिनिधियों को भी कराया अवगत कुछ नहीं हुआ
रीवा। नया जिला मऊगंज बन तो गया लेकिन यहां कार्यालय ही नहीं खुले। अधिकारियों की पदस्थापना नहीं हुई। कुल मिलाकर सिर्फ कलेक्टर और एसपी ही पदस्थ हैं बांकी विभाग सब रीवा के रहमोकरम पर चल रहे हैं। अपर कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर तक यहां नहीं है। जिला पंचायत सीईओ की पदस्थापना नहीं हुई। कलेक्ट्रेट में 100 पद स्वीकृत हैं लेकिन एक कर्मचारी रीवा से मिला। विभाग और अधिकारियों की मांग के लिए कई मर्तबा पत्राचार हुआ लेकिन कोई पहल शासन स्तर से नहीं हुई। अब नए जिले की खुशी तो लोगों को मिल रही लेकिन जो कार्यालयों में पदस्थ हैं, वह जूझ रहे हैं।
रीवा से कट कर नया जिला मऊगंज बनाया गया। उम्मीद थी कि लोगों को राहत मिलेगी। जिन लोगों को हनुमना, मऊगंज से रीवा आना पड़ता था। उन्हें काफी राहत मिलेगी। छोटा जिला होने से विकास भी गति तेजी से पकड़ेगा लेकिन सब कुछ उलटा हो गया। मऊगंज जिला तो बन गया लेकिन सारे काम लटक गए। लोगों को राहत ही नहीं मिल रही है। इसके पीछे वजह शासन स्तर से चल रही अधिकारियों की पदस्थापना की सुस्त चाल है। कलेक्टर, एसपी कार्यालय कालेज की बिल्डिंग में खोल दिया गया लेकिन कर्मचारी नहीं दिए गए। अन्य विभागों का पता नहीं है। रेग्युलर मॉनीटरिंग नहीं हो पा रही है। रीवा के अधिकारी सिर्फ एक दिन टीएल में पहुंचते हैं इसके बाद फिर जाते ही नहीं। ऐसे में मऊगंज जिला के कार्यों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। मऊगंज जिला में भू अभिलेख कार्यालय और अधिकारी नहीं है। एएसएलआर से काम चल रहा है। जमीन से जुड़े कार्यों की फीडिंग से लेकर पीएम किसान सम्मान निधि के हितग्राहियों की फार्मर रजिस्ट्री का काम जोरों पर है। सारा काम प्रभावित हो रहा है। इसके बाद भी सरकार कार्यालय खोलने और पदस्थापना में समय लगा रही है। जिससे लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं।
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यह कार्यालय नहीं हैं
- होमगार्ड
- डीईओ कार्यालय
- खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति
- पीएचई
- जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय
- जल संसाधन विभाग
- परिवहन विभाग
- लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग
- वन मंडल कार्यालय
- एनआईसी केन्द्र
- जिला ई गवर्नेंस सोसायटी
- पाठ्य पुस्तक निगम
- जिला कोषालय
- पीडब्लूडी
- आरईएस
- पीआईयू
- जिला पंचायत
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कलेक्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक कार्यालय छोड़ सब प्रभार में चल रहे
मऊग्ंाज जिला में कलेक्ट्रेट में ही सारे पद खाली हैं। एडीएम सहित डिप्टी कलेक्टर के 6 पद स्वीकृत हंै। लेकिन यहां भी सिर्फ दो डिप्टी कलेक्टर ही पदस्थ हैं। एक एसडीएम हनुमना हैं तो दूसरे के पास मऊगंज का प्रभार है। इसके अलावा यहां कोई भी अधिकारी नहीं है। जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर पीडब्लूडी ईई, पीएचई ईई, आरईएस, डीपीसी, जिला पंचायत सीईओ तक नहीं हैं। सारा काम रीवा से ही चल रहा है। हालात यह है कि जनपद पंचायत हनुमना और मऊगंज तक में सीईओ नहीं है। कुर्सी खाली चल रही है। इसके अलावा वन विभाग रीवा वन मंडल से संचालित हो रहा है। जिला भू अभिलेख अधिकारी नहीं है। सहायक के भरोसे काम चल रहा है। विभाग तक नहीं खुल पाया है। जिला खनिज कार्यालय नहीं है। यह भी रीवा से ही संचालित हो रहा है। जिला कृषि कार्यालय, उद्यान विभाग, सीएमएचओ कार्यालय भी नहीं है। इसका भी संचालन फिलहाल रीवा से ही हो रहा है।
कलेक्ट्रेट में 100 पद हैं स्वीकृति और पदस्थ सिर्फ दो हैं
मऊगंज कलेक्ट्रेट की हालत ही खराब है। यहां 100 पद स्वीकृत हैं लेकिन कर्मचारी सिर्फ दो ही प्रतिनियुक्ति में मिले हैं। इन्हीं के भरोसे कलेक्ट्रेट चल रहा है। रीवा से कई कर्मचारियों की लिस्ट जारी की गई थी लेकिन सिर्फ एक ही कर्मचारी मऊगंज कलेक्ट्रेट को मिला। कलेक्ट्रेट में कलेक्टर को ही सारे काम करने पड़ते हैं। बाबू का काम भी कलेक्टर को करना पड़ता है। इसके अलावा यहां एडीएम तक का पद रिक्त है। डिप्टी कलेक्टर के तीन पद रिक्त हैं। हनुमना में एसडीएम के पद पर कमलेश पुरी पदस्थ हैं। इनका भी स्थानांतरण हो चुका है। इसके अलावा मऊगंज में बृजेन्द्र पाण्डेय एसडीएम हैं। इनके पास नईगढ़ी का भी प्रभार है।
बस इतने ही विभाग में है अधिकारी
मऊगंज में पदस्थ अधिकारियों की संख्या उंगलियों में गिनी जा सकती है। यहां महिला बाल विकास विभाग में जिला कार्यक्रम अधिकारी के रूप में प्रवेश मिश्रा पदस्थ हैं। इसी तरह वेटरनरी विभाग में डिप्टी डायरेक्ट के पद पर डॉ साकेत पदस्थ हैं। अन्य विभाग सारे प्रभार में चल रहे हैं। पीडब्लूडी और आरईएस विभाग वहां के एसडीओ ही चला रहे हैं। अन्य सारे विभाग और पद रीवा से ही संचालित किए जा रहे हैं।
कलेक्टर ने सभी को लिखा पत्र, कुछ नहीं हुआ
मऊगंज जिला बने डेढ़ साल से ऊपर का समय हो चुका है लेकिन अभी भी जिला रीवा से ही चल रहा है। यहां कोई विभाग और अधिकारी ही नहीं है। कलेक्टर रीवा ने कार्यालय खोलने और अधिकारियों की पदस्थापना के लिए कई मर्तबा पत्र पीएस से लेकर मंत्रालय तक को लिखा लेकिन कुछ नहीं हुआ। स्थानीय विधायकों को भी पत्र लिखकर शासन स्तर से पहल कराने की बात कही गई लेकिन कोई पहल नहीं हो पाई। राजस्व अधिकारी तक प्रशासन को नहीं मिल पा रहे हैं। जिला स्तर पर कार्यालय खोलने के लिए कलेक्टर मऊगंज राज्य सूचना एवं विज्ञान अधिकारी, स्टेट आईडी सेंटर, मप्र पाठ्य पुस्तक निगम, आयुक्त कोष एवं लेखा, प्रमुख सचिव कार्मिक मप्र शासन सामान्य प्रशासन विभाग, प्रमुख सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सहित अन्य को पत्र लिख चुके हैं लेकिन कार्रवाई कुछ भी नहीं हुई।