कांग्रेस से रीवा नगर निगम के महापौर ने बनाई दूरी, नामांकन रैली और सभा में गए ही नहीं जानिए क्या हुई वजह

गुरुवार को कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी नीलम मिश्रा ने कलेक्ट्रेट में नामांकन दाखिल किया। कांग्रेस पार्टी के प्रदेशभर से दिग्गज नेता रीवा पहुंचे थे। यहां सब थे लेकिन एक चेहरा गायब था। सब की नजरे उसी चेहरे को तलाश रही थी लेकिन वह कहीं भी नजर नहीं आया। यह चेहरा कोई और नहीं रीवा के कांग्रेस से महापौर अजय मिश्रा बाबा हैं। इस चुनाव में इनकी भूमिका अहम हो सकती है और वहीं नदारद रहे। अजय मिश्रा की कांग्रेस के नामांकन रैली और सभा से दूरी चर्चा का कारण बनी रही। अब कई तरह के कयास लगाए जाने शुरू हो गए हैं।

कांग्रेस से रीवा नगर निगम के महापौर ने बनाई दूरी, नामांकन रैली और सभा में गए ही नहीं जानिए क्या हुई वजह
ajay mishra baba

लोकसभा टिकट के थे दावेदार, प्रत्याशी घोषणा के बाद से बना रखी है दूरी
रीवा। ज्ञात हो कि इस मर्तबा लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों की दौड़ में अजय मिश्रा बाबा का नाम भी आगे चल रहा था। वह उम्मीद लगाए हुए थे कि कांग्रेस पार्टी उन्हें ही लोकसभा चुनाव में मैदान में उतारेगी। हालांकि उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। अभय मिश्रा अपनी पत्नी नीलम मिश्रा के लिए टिकट ले आए। इस टिकट वितरण के बाद अजय मिश्रा बाबा को जोर का झटका लगा। टिकट वितरण के पहले तक वह भाजपा के डिप्टी सीएम को भी हर कार्यक्रम में निशाना बनाते रहे लेकिन टिकट की घोषणा होते ही उनकी बोलती भी बंद हो गए और वह भी कहीं गायब हो गए। कांग्रेस के कई कार्यक्रम, पत्रकारवार्ता के आयोजन हुए लेकिन अजय मिश्रा बाबा कहीं भी नजर नहीं आए। गुरुवार को प्रदेशभर से कांग्रेस के कई दिग्गज नेता रीवा पहुंचे थे। इसमें प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं पूर्व प्रदेश कांग्र्रेस अध्यक्ष अरुण यादव, राज्य सभा सदस्य एड. विवेक तन्खा,डॉं. गोविन्द सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष और चुरहट विधायक अजय सिंह राहुल भी मौजूद रहे। इन सब की मौजूदगी के बाद भी महापौर अजय मिश्रा का कहीं पता नहीं था। सूत्रों की मानें तो उनके कुछ करीबी पार्षद ने भी इस कार्यक्रम से दूरी बनाई हुई थी। उन्हें लोगों की निगाहें अंतिम समय तक टटोलती रही लेकिन वह नहीं दिखे। अब इसके बाद से तरह तरह के कयास भी लगने शुरू हो गए हैं।
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कहीं यह बगावत की शुरुआत तो नहीं
कांग्रेस में टिकट वितरण के बाद से बगावत शुरू हो गई है। पूर्व ग्रामीण अध्यक्ष त्रियुगीनारायण शुक्ल भगत सैकड़ों पदाधिकारियों के साथ बगावत कर चुके हैं। पार्टी से इस्तीफा तक दे चुके हैं। ऐसे में अजय मिश्रा बाबा को भी उसी नजर से अब देखना लोगों ने शुरू कर दिया है। नामांकन के दौरान उनकी अनुपस्थिति के अब कई मायने लगाए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि कहीं अजय मिश्रा बाबा ने भी तो कांग्रेस से बगावत की शुरुआत तो नहीं कर दी है।
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इस घटना के बाद सारे रास्ते हो जाएंगे बंद
कांग्रेस से महापौर अजय मिश्रा बाबा पहले ही भाजपा से विरोध लेकर चल रहे हैं। भाजपा के डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल को शुरू से ही निशाना बनाते आए हैं। ऐसे में उनके भाजपा में जाने के रास्ते तो पहले से ही बंद थे लेकिन अब कांग्रेस में भी अपने लिए मुशीबत ही मोल ले लिए हैं। कांग्रेस के कार्यक्रम से दूरी के बाद उनकी अहमियत अब पार्टी में भी कम होगी। कांग्रेस के पदाधिकारियेां की नजर में अब अजय मिश्रा बाबा खटकने लगेंगे। आने वाला दौर अब उनके लिए कांटों भरा हो सकता है।