मेडिकल कॉलेज डीन नियुक्ति मामले में बुरे फंसे, अब मामले को दबाने दोनों को दे दी नियुक्ति
मेडिकल कॉलेज में की गई मेडिकल रिकार्ड आफीसर की नियुक्ति मामले में डीन की मुश्किलें बढ़ सकती है। 8 महीने पहले स्क्रूटनी के बाद जारी की गई पात्र, अपात्र की लिस्ट बदल दी गई। नई टीम बनाकर जांच कराई गई और सिर्फ दो उम्मीदवार की सूची जारी की गई। अपात्र को पात्र कर दिया गया। पात्र को वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया। हंगामा मचा तो मामले को दबाने के लिए दोनों को नियुक्ति आदेश जारी कर दिया गया।
पहले अपात्र को पात्र बनाया फिर नियुक्ति आदेश भी थमा दिया
कमिश्नर तक पहुंची चुकी है शिकायत
रीवा। ज्ञात हो कि श्याम शाह मेडिकल कॉलेज ने वर्ष 2023 में मेडिकल रिकार्ड आफीसर के पद के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसमें कंडीडेट से आवेदन मांगे गए थे। कई उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। योग्यता के आधार पर तत्कालीन डीन डॉ मनोज इंदूरकर के समय पर आवेदनों की स्क्रूटनी के बाद पात्र अपात्र की सूची फरवरी 2024 में जारी की गई थी। मेडिकल कॉलेज से जारी लिस्ट में सिर्फ एक उम्मीदवार ही पद के लिए योग्य पाया गया था। लिस्ट जारी होने के बाद भी पात्र कंडीडेट को ज्वाइनिंग आदेश जारी नहीं किया गया। आठ महीेने बाद 16 दिसंबर को नई स्क्रीनिंग कमेटी गठित की गई। मेडिकल रिकार्ड आफीसर के लिए आए आवेदनों की फिर से जांच कराई गई। इसके लिए डीन ने कमेटी का भी गठन किया। डीन ने पांच लोगों की कमेटी गठित की। फिर स्क्रूटनी और नए सिरे से चयन कार्यवाही किए जाने के बाद 20 दिसंबर को नई लिस्ट जारी कर दी गई। इसमें जो कंडीडेट अपात्र था। उसे पात्र और जो पात्र था उसे वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया। अन्य उम्मीदवारों का इसमें नंबर ही नहीं लगा। इस मामले में खुद को फंसता देख डीन ने एक और नई कारस्तानी कर डाली। सुपर स्पेशलिटी और संजय गांधी अस्पताल में एक एक पद थे। इसमें से एक पर विजय शर्मा को संजय गांधी अस्पताल तो दूसरे पात्र कंडीडेट निशांत यादव को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में पदस्थ कर दिया गया है। यह सारा खेल एक दूसरे को मैनेज करने के लिए किया गया है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को डर था कि यदि पात्र उम्मीदवार विजय शर्मा को नौकरी नहीं दी गई तो वह भी कोर्ट की शरण में जा सकते हैं या फिर उनके लिए परेशानी कर खड़ी कर सकते हैं। यही वजह है कि वेटिंग लिस्ट में शामिल विजय शर्मा को भी संजय गाध्ंाी अस्पताल में मेडिकल रिकार्ड आफीसर के पद पर पदस्थ करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह सारा काम फटाफट किया गया है।
शिकायतों का दौर शुरू
मेडिकल कॉलेज में हुई इस फर्जीवाड़ा के खिलाफ शिकायतों का दौर शुरू हो गया है। कमिश्नर रीवा संभाग रीवा तक शिकायत भी पहुंच गई है। यह मामला अभी थमने वाला नहीं है। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में की गई मेडिकल रिकार्ड आफीसर की नियुक्ति मामले को लेकर हंगामा बढऩा तय माना जा रहा है।
विवादों से रहा है मेडिकल कॉलेज का नाता
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में फर्जी नियुक्ति हो या फिर फर्जी एमबीबीएस की सीटों पर प्रवेश यहां सब कुछ संभव है। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में पीएमटी प्रवेश घोटाला हुआ था। यहां भी कई छात्रों का फर्जी तरीके से प्रवेश कराया गया था। जांच के बाद कई छात्र पकड़ में आए थे। उनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इसके बाद तो यहां फर्जीवाड़े की लाइन लग गई। नियुक्तियों में भी कुर्सी पर बैठे कई अधिकारियों ने हेरफेर कर अपने चहेतों को नियुक्ति दी थी। इन अवैध नियुक्तियों की शिकायतें भी हुई लेकिन कार्रवाई किसी के खिलाफ नहीं हुई। अब नया मामला फिर सामने आया है।