एपीएसयू प्रबंधन की बदइंतजामी: छात्रों को परीक्षा में दे दिया बाहर का प्रश्न पत्र
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा में बुधवार को बदइंतजामी देखने को मिली। विश्वविद्यालय द्वारा तय कार्यक्रम के अनुसार बुधवार को बीएससी बायोकेमेस्ट्री चौथे सेमेस्टर के छात्रों को त्रुटिपूर्ण प्रश्न पत्र थमा दिया गया।
लगातार हो रही गड़बडिय़ां, परीक्षा व्यवस्था में नहीं हो रहा सुधार
रीवा। बुधवार को सुबह 11 से 2 बजे की पाली में जीन बायोलॉजी विषय का पेपर था। छात्रों को जो प्रश्न पत्र वितरित किया गया, उसमें ऊपर बीएससी, बायोकेमेस्ट्री, चौथा सेमेस्टर जीन बायोलॉजी विषय ही लिखा था परंतु उसमें प्रश्न रिसर्च मेथडोलॉजी विषय के थे। ये रिसर्च मेथडोलॉजी के प्रश्न आमतौर पर स्नातकोत्तर कक्षाओं में होते हैं। इस प्रकार, पाठ्यक्रम से बाहर का प्रश्न पत्र देखते ही छात्रों के सिर चकराने लगे। एक-एक कर विरोध के स्वर उठे तो आधा सैकड़ा से अधिक छात्रों ने परीक्षा का बहिष्कार कर दिया। छात्रों ने केंद्राध्यक्ष को लिखित मामले की जानकारी दी। हालाकि केंद्राध्यक्ष ने अभी विश्वविद्यालय प्रशासन को मामले की जानकारी नहीं दी है। लिहाजा विश्वविद्यालय प्रशासन ने मसले में कोई निर्णय अभी नहीं लिया है। खबर है कि 24 जुलाई को बीकॉम तृतीय वर्ष के प्रश्न पत्र में भी गड़बड़ी हुई, इस पर अचानक विश्वविद्यालय ने 24 जुलाई को ही परीक्षा स्थगित पत्र जारी कर उक्त परीक्षा 31 जुलाई को कराने के निर्देश दिए हैं। बहरहाल, मामले में विश्वविद्यालय केंद्राध्यक्ष लक्ष्मीकांत चंदेला, परीक्षा नियंत्रक राजकुमार सोनी से फोन पर बात करने का प्रयास किया गया परंतु उन्होंने फोन नहीं उठाया। अन्य अधिकारियों ने मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
गणित और इतिहास में भी हुई गलती
बताते हैं कि यह पहली दफा नहीं है कि अभी बीते दिवस ही बीएससी गणित दूसरे सेमेस्टर के छात्रों का कम्प्यूटर विषय का पेपर था, जिन्हें छठवें सेमेस्टर के पाठ्यक्रम का प्रश्न पत्र वितरित किया गया। इस पर भी छात्रों ने आपत्ति दर्ज कराई, तब उक्त परीक्षा को निरस्त कर दिया गया। उक्त परीक्षा अब आगामी दिनांक को विश्वविद्यालय द्वारा कराई जायेगी। इसी तरह, बीए इतिहास के छात्रों को त्रुटिपूर्ण प्रश्न पत्र वितरित हुए। बीएससी गणित छठवें सेमेस्टर के छात्रों को भी त्रुटिपूर्ण प्रश्न पत्र बट चुके हैं। जानकारी के मुताबिक ऐसे मामलों में केंद्राध्यक्ष पुलिस आदि का डर दिखाकर छात्रों को त्रुटिपूर्ण प्रश्न पत्र हल करने का दबाब बनाते हैं, जिसके चलते छात्रों को मजबूरी में वह पेपर देना पड़ रहा है। ऐसे में, इन छात्रों का परिणाम क्या होगा, यह तो विश्वविद्यालय भी जानता है। फिर भी विश्वविद्यालय के अधिकारी छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से नहीं चूक रहे हैं।
परीक्षा नियंत्रक की लापरवाही आई सामने
त्रुटिपूर्ण प्रश्न पत्र वितरण मामले की पड़ताल अभी विश्वविद्यालय ने नहीं की है। प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि छपाईखाने से दिक्कत पैदा हुई है परंतु छपाईखाने में किस तरह पेपर सेट करके भेजे गए। यह भी देखना शेष है। इन मामलों में मौजूदा परीक्षा नियंत्रक की भूमिका भी लापरवाह प्रतीत होती दिख रही है। सूत्रों की माने तो परिस्थिति चाहे जो भी हो, परीक्षा नियंत्रक दोपहर 12 से 1 बजे के पहले विश्वविद्यालय नहीं पहुँचते। रौबदार अंदाज के बहकावे में आकर वह विश्वविद्यालय की कार्यशैली अभी तक ठीक से समझ नहीं पाये, जिसके चलते परीक्षा कार्यों में लगातार खामियां देखने को मिल रही हैं। विगत दिनों जारी हुए परिणाम पर नजर डाले तो प्रतिदिन सैकड़ों छात्र विश्वविद्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं। इस सबके पीछे संबंधित अधिकारी के मनमाने रवैये को भी जिम्मेदार माना जा रहा है।