बकायादारों की इज्जत नगर निगम ने कर दी नीलाम, चौक चौराहों पर होर्डिंग लगाकर सार्वजनिक कर दिया नाम
नगर निगम ने सम्पत्ति कर न चुकाने वाले बड़े बाकयादारों के नाम चौक चौराहों पर चस्पा कर दिए हैं। सब की इज्जत उतार दी है। 50 हजार से बड़े बकायादारेां के नाम सार्वजनिक की गई लिस्ट में शामिल किया गया है। इसमें कई नामचीन लोग भी शामिल हैं। नगर निगम इन बकायादारों से सम्पत्तिकर नहीं वसूल पाया तो अब नया तरीका ढूढ़ निकाला है।
चौक चाराहों पर नगर निगम ने लगाई बकायादारों की लिस्ट
नगर निगम का यह तरीका लोगों की छवि धूमिल करने जैसा
वसूली में फेल हुआ नगर निगम अब लोगों को बदनाम करने पर हुआ उतारू
रीवा। नगर निगम प्रशासन इस वर्ष संपत्तिकर की बकाया वसूली के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहा है। वित्तीय वर्ष के आखिरी माह में संपत्तिकर नहीं चुकाने वाले बड़े बकायादारों की सूची तैयार कर उसकी होर्डिंग शहर के चौराहों पर लगाई गई है। नगर निगम के इतिहास में यह पहली घटना है जब शहर में संपत्तिकर के बकायादारों की सूची चौराहों पर लगाई गई है। संपत्तिकर के बकायादारों की दो प्रकार की सूची चौराहों पर लगी देखी गई है। पहली सूची में एक लाख रुपये से अधिक के 41 बकायादारों के नाम हैं तथा दूसरी सूची में लगभग 350 ऐसे लोगों के नाम शामिल किये गये हैं, जिनका 50 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये संपत्तिकर बकाया है। निगमायुक्त के आदेश पर बकायादारों के बारे में नगर निगम के प्रचार वाहनों एवं मोहल्लों में जाने वाले कचरा वाहनों के माध्यम से भी प्रचार कराया जा रहा है।
नगर निगम में वर्तमान वित्तीय वर्ष के अलावा 32 करोड़ रुपये संपत्तिकर पिछला बकाया है जिसकी वसूली के लिए निगमायुक्त के आदेश पर बकायादारों के नाम सार्वजनिक किया गया है। शहर में आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर बकायादारों की सूची लगाई गई है। बकायादारों की सूची को कई लोग बड़ी दिलचस्पी के साथ पढ़ते हुए देखे गये। चौराहों पर लगाई गई बकायदारों की सूची शाम को चौराहे पर लगाने के बाद चर्चा का विषय बनी रही। लोगों ने रीवा शहर में ऐसी सूची पहली बार देखी है। संपत्तिकर के बकायादारों की सूची शहर के पीटीएस चौराहा की रोटरी, सरदार पटेल बस स्टैण्ड में समान थना के पास, सिरमौर चौराहा में तानसेन कांप्लेक्स एवं सब्जी हाकर्स कार्नर में, कॉलेज चौराहा एवं अपताल चौराहा की रोटरी के अलावा नगर निगम कार्यालय एवं रेवांचल बसस्टैण्ड में लगाई गई है। इस सूची में अधिकतम 8 लाख रुपये तक के बकायादार शामिल हैं।