बाजार बैठकी वसूलते पकड़े गए तो नगर निगम कराएगा एफआईआर
बाजार बैठकी का ठेका निरस्त कर दिया गया है। इसके बाद भी शहर में अवैध वसूली चल रही है। इस पर रोक लगाने के लिए अब नगर निगम बढ़े एक्शन की तैयारी में है। अवैध वसूली करने वालों के खिलाफ नगर निगम एफआईआर कराएगा।
रीवा। फुटपाथ व्यापारियों से की जा रही वसूली को गंभीरता से लेते हुए निगमायुक्त संस्कृति जैन ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि बाजार बैठकी शुल्क वसूली की शिकायत मिली तो संबंधित के विरुद्ध एफआईआर कराई जाएगी। उनके द्वारा किसी को बाजार बैठकी शुल्क नहीं देने की अपील भी की गई है। मध्यप्रदेश शासन के आदेश 15 जून 23 के परिपालन में परिषद द्वारा 06 जुलाई 23 को लिए गये निर्णयानुसार रीवा नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत बाजार बैठकी शुल्क वसूली प्रथा समाप्त कर दी गई है। परिषद निर्णय के परिपालन में निगम आयुक्त संस्कृति जैन द्वारा पथ पर विक्रय करने वालों, हाथ ठेला, फेरी वाले, रेहड़ी वालों, से 07 जुलाई 23 से किसी भी प्रकार की बाजार बैठकी शुल्क की वसूली को समाप्त कर दिया गया है। ठेकेदार का ठेका भी 07 जुलाई को समाप्त कर दिया गया है। रीवा नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत परिवहन में लगे व्यावसायिक वाहनों, 407 मिनी ट्रक से 10 रूपये एवं ट्रक से लोडिंग-अनलोडिंग शुल्क 20 रूपये तथा टैम्पो-टैक्सी वालों से पांच रूपये शुल्क की वसूली हेतु विभागीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके लिए चोरहटा में बृजनंदन शुक्ला, ढेेकहा में अनुपम कचेर, रतहरा में द्वारिका यादव, धोबिया टंकी में विनोद तिवारी, सिरमौर चौराहा में मो. अहमद की ड्यिूटी लगाई गई है। निगमायुक्त द्वारा अपील की गई है कि उक्त स्थलों पर निगम के कर्मचारियों का परिचय पत्र देखकर ही व्यावसायिक वाहनों एवं टैम्पो-टैक्सी चालक निर्धारित शुल्क देेवें एवं रसीद प्राप्त करें। किसी भी प्रकार बाजार बैठकी शुल्क वसूली नहीं दें। उक्त स्थलों पर अथवा शहर के किसी भी अन्य स्थल पर यदि किसी व्यक्ति द्वारा बाजार बैठकी के नाम पर राशि की मांग की जाती है तो इसकी सूचना पुलिस कन्ट्रोल रूम रीवा, डायल 100 एवं नगर निगम रीवा के अधिकारियों को दी जा सकती है। इसके लिए नगर निगम के सहायक राजस्व अधिकारी नीलेश चतुर्वेदी के मोबाईल नंबर-9827237020, राजस्व निरीक्षक वाई.एन. सोहगौरा के मोबाईल नंबर-9893332756, रवि प्रकाश मिश्रा के मोबाईल नंबर-9827040572, विष्णु लखेरा के मोबाईल नंबर-8269260545 पर सीधे सूचना दी जा सकती है। सूचना पर अवैध वसूलीकर्ता के विरूद्ध पुलिस में एफ.आई.आर कराई जाकर कठोर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।