बसपा में शामिल होते ही नारायण त्रिपाठी को मिली लोकसभा की टिकट

मैहर के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी ने बहुज समाज पार्टी की सदस्यता ले ली। सदस्यता ग्रहण करने के कुछ घंटे बाद ही लोकसभा प्रत्याशियों की सूची जारी की गई। सतना से नारायण त्रिपाठी को ही प्रत्याशी के रूप में बसपा ने मैदान में उतारने की घोषणा कर दी है। अब नारायण त्रिपाठी सतना से बसपा की तरफ से भाजपा और कांग्रेस से टक्कर लेंगे।

बसपा में शामिल होते ही नारायण त्रिपाठी को मिली लोकसभा की टिकट

बसपा ने मप्र के 7 लोकसभा प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की
सतना। मैहर के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी को अब राजनीतिक में ठिकाना नहीं मिल रहा है। भाजपा से मैहर विधायक रहे तब उनके तेवर कुछ ज्यादा ही तीखे थे। भाजपा और कांग्रेस को अपने इशारों पर नचाते रहे। विधानसभा चुनाव में दोनों ही पार्टियों ने नारायण त्रिपाठी से किनारा कर ली। उनके आगे दोनेां ही पार्टियां नहीं झुकी। ऐसे में नारायण त्रिपाठी ने अपनी अलग ही पार्टी बना ली। नाम दिया विंध्य जनता पार्टी बनाई थी। कई सीटों पर विंध्य जनता पार्टी ने प्रत्याशी भी उतारे थे। उनकी पार्टी को एक भी सीट विंध्य से नहीं मिली। खुद वह भी हार गए। उन्हें विधानसभा चुनाव में जोर का झटका लगा। इतना ही नहीं वह जो मुगालता पाले हुए थे, वह भ्रम भी टूट गया। उन्हें इस बात का गुरूर था कि उनके चेहरे से ही लोग वोट दे रहे हैं। जब खुद मैदान पर उतरे तो उन्हें इस बात का एहसास हो गया कि जनता सिर्फ पार्टी के नाम पर वोट डालकर उन्हें जिता रही थी। अब लोकसभा चुनाव की बारी आ गई। उनके आस्तित्व पर ही संकट मंडराने लगा था। लोग उन्हें भूल न जाए इसलिए उन्होंने फिर पैंतरा बदला। अचानक बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। साथ ही लोकसभा सतना से टिकट की भी डिमांड कर दी। बसपा को एक चेहरे की तलाश थी। ऐसे में उन्हें भला टिकट देने में क्या गुरेज था। नारायण त्रिपाठी के बसपा ज्वाइन करने के बाद ही उनके नाम की घोषणा भी कर दी गई। अब पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों को सीधी टक्कर देंगे। अब चुनाव में देखना होगा कि विधानसभा में बुरी तरह से पिटने के बाद अब लोकसभा में वह क्या असर छोड़ पाते हैं।


बसपा ने सात प्रत्याशियों की घोषणा की
21 मार्च को बहुजन समाज पार्टी ने मप्र के 7 लोक सभा सीटों से अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। कलेश पटल को खजुराहो, नारायण त्रिपाठी को सतना, पूजन राम साकेत को सीधी, इंदर सिंह उईके को मंडला, उमाकांत बंदेवार को छिंदवाड़ा, कन्हैया लाल मालवीय को मंदसौर, अशोक भलावी को बैतूल से मैदान में उतारा गया है।