नेशनल लोक अदालत: 1987 प्रकरण निपटे, 8 करोड़ 83 लाख का अवार्ड पारित

शनिवार को रीवा में 42 खंडपीठों का गठन किया गया। नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस लोक अदालत में 1987 प्रकरणों का निराकरण हुआ। जिला न्यायालय से लेकर तहसीलों में लोक अदालत लगाई गई। यहां बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंच कर आपसी समझौत से प्रकरण निराकृत कराए। करीब 8 करोड़ 83 लाख का अवार्ड पारित किया गया। सर्वाधिक अवार्ड मोटर क्लेम प्रकरणों में पारित हुआ।

नेशनल लोक अदालत: 1987 प्रकरण निपटे, 8 करोड़ 83 लाख का अवार्ड पारित

सर्वाधिक अवार्ड राशि मोटर क्लेम प्रकरणों में हुई पारित
रीवा। मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रीवा सुबोध कुमार जैन ने जिला न्यायालय परिसर में दीप प्रज्जवलन कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभांरभ किया गया। जिला विधिक सहायता अधिकारी अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते के तहत प्रकरणों के निराकरण के लिए जिला एवं तहसील न्यायालयों में कुल 42 खंडपीठों का गठन किया गया था। लोक अदालत में कुल 1987 प्रकरणों का निराकरण किया गया औरठ करोड़ 83 लाख 27 हजार 572 रुपए की राशि के अवार्ड पारित किए गए। लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन के 1263 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इन प्रकरणों में एक करोड़ आठ लाख 49 हजार 905 रूपये की राशि के अवार्ड पारित किए गए। लोक अदालत में 724 लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें सात करोड़ 74 लाख 77 हजार 667 रुपए की राशि के अवार्ड पारित किए गए।

नेशनल लोक अदालत में लोक अदालत प्रभारी विशेष न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार, शिकान्त प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय, द्वितीय जिला न्यायाधीश विक्रम सिंह, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अहमद रजा, तृतीय जिला न्यायाधीश रमेश रंजन चौबे, नवम जिला न्यायाधीश देवेन्द्र सिंह पाल, तेरहवें जिला न्यायाधीश पद्मा जाटव, चतुर्थ जिला न्यायाधीश केशव सिंह, सप्तम जिला न्यायाधीश आनंद गौतम, अष्टम जिला न्यायाधीश प्रवीण पटेल, ग्यारहवें जिला न्यायाधीश दिलीप सिंह, पंचम जिला न्यायाधीश विवेकानन्द त्रिवेदी, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी रुप सिंह कनेल, वरिष्ठ खण्ड न्यायाधीश अक्षत तयाल, देवदत्त, कनिष्ठ खण्ड न्यायाधीश पद्मनी सिंह, कनिष्ठ खंड न्यायाधीश सचिन साहू, ललित कुमार मईडा, कनिष्ठ खण्ड न्यायाधीश अंजली अग्रवाल, कनिष्ठ खण्ड न्यायाधीश अमित सिंह धुर्वे, कनिष्ठ खण्ड न्यायाधीश अदिति अग्रवाल, कनिष्ठ खण्ड न्यायाधीश सुस्वाती रघुवंशी, सुचेतना झारिया, कनिष्ठ खण्ड न्यायाधीश संजीव रहंगडाले, कनिष्ठ खण्ड न्यायाधीश मीनल गजवीर, कनिष्ठ खण्ड न्यायाधीश अजय कुमार नागेश, न्यायाधीश, सदस्य राज्य अधिवक्ता परिषद अखण्ड प्रताप सिंह, एलएडीसी के सुरेन्द्र सिंह, अधिवक्ता मन्जूर अहमद मंसूरी,, आनंद पाण्डेय, अनीश पाण्डेय एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित रहे।
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किस प्रकरण में कितने का अवार्ड हुआ पारित
लोक अदालत में दाण्डिक के 204 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
-चेक बाउंस के 102 प्रकरणों में एक करोड़ 65 लाख 70 हजार 990 रूपये की राशि के अवार्ड पारित किए गए।
-मोटर क्लेम के 95 प्रकरणों में पाँच करोड़ सात लाख चार हजार 620 रूपये तथा सिविल के 34 प्रकरणों में 39 लाख 24 हजार 745 रूपये के अवार्ड पारित किए गए।
- पारिवारिक विवाद के 26 प्रकरणों में एक लाख 91 हजार रुपए, विद्युत के लंबित 218 प्रकरणों में 18 लाख 12 हजार 875 रूपये, श्रम के चार प्रकरणों में 14 लाख 30 हजार रुपए तथा अन्य लंबित 41 प्रकरणों में 28 लाख 43 हजार 437 रुपए के अवार्ड पारित किए गए।
विद्युतप्रीलिटिगेशन के 205 प्रकरणों में 17 लाख 36 हजार 88 रूपये, बैंक प्रीलिटिगेशन के 286 प्रकरणों में 59 लाख तीन हजार 71 रूपये,
-जलकर प्रीलिटिगेशन के 665 प्रकरणों में 22 लाख 59 हजार 418 रूपये तथा अन्य प्रीलिटिगेशन के 107 प्रकरणों में 9 लाख 51 हजार 328 रूपये के अवार्ड पारित किये गये।