सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में नेफ्रोलॉजिस्ट का संकट टला
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पर छाया नेफ्रोलॉजिस्ट का संकट फिलहाल टल गया है। मान-मनौव्वल के बाद डॉक्टर रोहन द्विवेदी ने नौकरी छोड़ने के अपने निर्णय को बदल लिया है।
रीवा।विंध्य के किडनी रोगियों को बड़ी राहत मिली है। सुपर स्पेशलिटी में नेफ्रोलॉजी विभाग में फिर इलाज शुरू हो गया है। गुस्साए डॉक्टर को मनाने में प्रबंधन कामयाब रहा। नौकरी से इस्तीफा देने वाले इकलौते नेफ्रोलॉजिस्ट को वापस अस्पताल तक ले आया गया है।
ज्ञात हो कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ रोहन द्विवेदी पदस्थ थे। उन्होंने 6 अक्टूबर को पद से रिजाइन दे दिया था। नौकरी से तौबा कर ली थी। उनके नौकरी छोडऩे के बाद नेफ्रोलॉजी विभाग में मरीजों का इलाज तक बंद हो गया था। डायलिसिस सुविधाएं दम तोडऩे लगी थी। इससे हड़कंप मच गया था। मरीजों को सबसे अधिक परेशानी हो रही थी। एक दिन पहले ही यहां जनसंपर्क मंत्री पहुंचे थे। उन्होंने चिकित्सकों से उनकी परेशानियां पूछी थी। उसके दूसरे ही दिन नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ रोहन द्विवेदी ने नौकरी छोड़कर सब को झटका दे दिया था। नेफ्रोलॉजी विभाग बंद होने की कगार पर पहुंच गया था। इससे चिंतित प्रबंधन और रीवा विधायक ने डॉ रोहन द्विवेदी को मनाने की कोशिश की। दूसरे ही दिन मीटिंग ली गई। जनसंपर्क मंत्री भी शामिल हुए। डाक्टर रोहन को मनाया गया। तब बात बनी। सूत्रों की मानें तो डॉ रोहन द्विवेदी ने वापस सुपर स्पेशलिटी में सेवाएं देने के लिए मान गए हैं। उन्होंने आमद भी दर्ज करा दी है। फिलहाल 15 दिनों के अवकाश पर चले गए हैं। डॉ रोहन द्विवेदी के दोबारा ज्वाइनिंग से नेफ्रोलॉजी विभाग में इलाज करा रहे मरीजों को भी बड़ी राहत मिली है।
इस बात से हो गये थे नाराज
दरअसल उनके गुस्से के पीछे वजह पत्नी की नौकरी से जुड़ा हुआ है। मेडिकल कॉलेज में सहायक प्राध्यापक की वेकंसी निकली थी। डॉ रोहन द्विवेदी की पत्नी ने भी इसमें आवेदन किया था। उन्हें विश्वास था कि उनकी पत्नी की नियुक्ति हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसी बात से नाराज होकर उन्होंने पद से रिजाइन दे दिया था। अब दोबारा उन्हें आश्वासन मिला है। इसी बात पर उन्होंने ज्वाइनिंग की है।