श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के नए डीन जानिए कब आ रहे हैं रीवा और वह क्या करेंगे बदलाव
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज को लंबे समय बाद रेग्युलर डीन मिले हैं। ग्वालियर मेडिकल कॉलेज के सर्जन डॉ सुनील अग्रवाल की नियुक्ति रीवा में डीन के पद पर की गई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पदस्थापना आदेश भी जारी कर दिया है। इसी हफ्ते वह आमद भी दर्ज करा देंगे। उन्होंने ज्वाइनिंग के साथ दो मुद्दों पर काम करने की बात कही है। पहले इलाज और दूसरी शिक्षा। दोनों को इस कदर बेहतर बनाएंगे कि रीवा का नाम देश के टॉप कॉलेज और अस्पतालों में सुमार होगा।
डीन इसी हफ्ते कार्यभार सम्हालने पहुंचेंगे
दो मुद्दों पर मुख्य रूप से रहेगा फोकस, शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य पर देंगे ध्यान
रीवा। ज्ञात हो कि मप्र के 18 मेडिकल कॉलेजों में डीन पद के लिए आवेदन मांगे गए थे। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आवेदन मिलने के बाद इंटरव्यू आयोजित किया था। इंटरव्यू के बाद चयन सूची जारी की गई। इस लिस्ट में 18 चयनितों के अलावा वेटिंग लिस्ट में शामिल डॉक्टरों की सूची भी जारी की गई। वेटिंग लिस्ट में रीवा के भी तीन डॉक्टरों के नाम रहे। वह भी डीन बनने की दौड़ में थे लेकिन कहीं पीछे ही रह गए। चयन सूची जारी होने के बाद चिकित्सा शिक्षा एंव लोक कल्याण मंत्रालय ने सभी 18 चयनित डॉक्टरों का पदस्थापना आदेश भी जारी कर दिया। रीवा श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में ग्वालियर के मेडिकल कॉलेज में पदस्थ सर्जन डॉ सुनील कुमार अग्रवाल को डीन के पद पर पदस्थ किया गया है। इस नवीन पदस्थापना के बाद अब कॉलेज और अस्पताल की व्यवस्थाओं में बदलाव नजर आएगा। इसी सप्ताह नए डीन कॉलेज पहुंच कर कार्यभार भी ग्रहण कर सकते हैं।
डीन ने कहा गरीबों को फ्री में मिले इलाज ऐसा बनाएंगे अस्पताल
रीवा श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के नए डीन डॉ सुनील कुमार अग्रवाल ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि वह जल्द ही रीवा पहुंचकर पदभार ग्रहण करेंगे। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य गरीब मरीजों का सरकारी अस्पताल में ही इलाज हो यही लक्ष्य रहेगा। उन्हें पूरा इलाज सरकारी अस्पताल में ही मिले। सरकार इतना पैसा खर्च कर रही है। उनको पूरा इलाज मिले। फ्री में इलाज मिले। इधर उधर उन्हें भटकना न पड़े।
उन्होंने कहा कि उनका दूसरा लक्ष्य छात्रों की पढ़ाई पर रहेगा। जो छात्र कॉलेज में हैं उन्हें शिक्षा प्रापर मिले। जो स्टूडेंट यहां से पढ़कर निकलते हैं और जो दूसरे अच्छे कॉलेजों से पढ़कर निकलने वाले छात्रों के बीच डिफरेंस है। उसे खत्म करना है। छात्र जब यहां से पढ़कर निकले तो बेस्ट बनकर निकले। जब यहां से छात्र निकले तो लोग यहां के बारे में सुनकर और आकर्षित होकर एडमिशन लें। अच्छे और टॉप इस्टीट्यूट की नजर से रीवा मेडिकल कॉलेज को देखा जाए। इसी पर हमारा मुख्य लक्ष्य होगा।