रीवा में करोड़ों की नई बिल्डिंग बनी शिफ्टिंग के साथ भरभरा कर गिरने लगी, छत से टपक रहा पानी

करोड़ों रुपए की बनी नई बिल्डिंग के शुरू होने के पहले ही गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए है। मेडिकल कॉलेज के अकादमिक भवन में एक तरफ शिफ्टिंग शुरू हैं तो वहीं दूसरी तरफ इसके खतरे से छात्र और स्टाफ चिंतित हैं। फाल सीलिंग भरभरा कर गिर रही है। पूरे बिल्डिंग में सीपेज और पानी टपक रहा है। घटिया निर्माण छात्रों की जान तक जोखिम में डाल सकता है।

श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के नए अकादमिक भवन का हाल
फॉल सीलिंग कई जगहों पर गिर गई, छत से बह रही पानी की धार
रीवा। ज्ञात हो कि श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में करोड़ों रुपए की लागत से अकादमिक भवन ब्लाक ए और बी बनाया गया है। इसका निर्माण पीआईयू ने कराया है। निर्माण की गुणवत्ता इतनी घटिया है कि अब छात्र भी इस भवन में बैठकर पढऩे से डरेंगे। इसके शुरू होने से पहले ही यह भरभरा कर गिरने लगा है। फाल सीलिंग लगाई गई है जो खतरा बन गई है। एक तरफ पुराने भवन से नए भवन में विभाग शिफ्ट हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सारे निर्माण गिर रहे हैं। इस घटिया निर्माण ने पीआईयू के अधिकारियों और ठेकेदारों के कार्यों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मेडिकल कॉलेज भवन के पीछे बनी नई अकादमिक बिल्डिंग में कुछ विभागों को शिफ्ट किया जा रहा है। यहां पहले मंजिल से लेकर तीसरी मंजिल तक खराब बना हुआ है।
हर फ्लोर पर टपक रहा है पानी
करोड़ों रुपए की लागत से नया अकादमिक भवन बना हुआ है। इसमें ग्राउंड फ्लोर से लेकर तीसरी मंजिल तक में पानी टपक रहा है। छत से पानी रिस रहा है। पूरी दीवार में सीपेज है। जहां भी पिलर और बीम का ज्वाइंट है। वहां से पानी टपक रहा है। इसके कारण ही फाल सीलिंग खराब हो गई हैं। पूरी फाल सीलिंग खुल रही हैं।
जहां शिफ्ट होनी है लाइब्रेरी उसी के सामने गिर गई फाल सीलिंग
नए अकादमिक भवन में जिस जगह पर लाइब्रेरी शिफ्ट की जानी है। वहीं उसी के सामने ही गैलरी में कई फीट तक फॉल सीलिंग गिर गई है। गनीमत तो यह रही कि अभी सिर्फ शिफ्टिंग का काम चल रहा है। वर्ना कई लोग इसमें घायल भी हो जाते। फाल सीलिंग के ऊपर ही पानी टपक रहा है। कहीं ज्यादा तो कहीं तेज धार बह रही है। इसके अलावा थर्ड फ्लोर पर ही हाल में भी फाल सीलिंग गिरी हुई है।
सालों बाद बन कर तैयार हुई उस में भी यह हाल
करोड़ों रुपए की लागत से यह भवन पीआईयू ने बनवाया है। निर्माण एजेंसी पीआईयू है। अब पीआईयू के अधिकारी भी इस घटिया निर्माण के कारण सवालों के घेरे में है। एसडीओ संजीव कालरा है। इनकी देखरेख में ही निर्माण कार्य हुआ। अब इसकी दुर्गति देखते ही बन रही है। अभी बिल्डिंग में निर्माण कार्य चल भी रहा है। एक तरफ काम हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ निर्माण जमींदोज हो रहा है। अब यही घटिया बिल्डिंग विभाग भी मेडिकल कॉलेज को हैंडओव्हर की तैयारी में है।
शिफ्टिंग के पहले कर बकयदा हुआ पूजा पाठ
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के पुराने भवन की तृतीय मंजिल में संचालित पीएसएम विभाग और लाइब्रेरी को नए अकादमिक भवन में शिफ्ट किया जा रहा है। नए अकादमिक भवन में तृतीय तल पर ही दोनों विभाग को शिफ्ट किया जा रहा है। नए भवन में कक्ष का पूजा पाठ भी कर दिया गया है। सभी प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। इसके बाद भी इस घटिया काम पर किसी ने आपत्ति नहीं उठाई।
दीवार पर करंट उतरने का खतरा
नया भवन खतरनाक है। इसमें दीवार में पानी रिस रहा है। पूरे परिसर में अंडर ग्राउंड फिटिंग की गई है। ऐसे में पानी रिसने से करंट भी उतरने का खतरा बराबर मंडरा रहा है। बोर्ड तक सीपेज और पानी पहुंच रहा है। बिल्डिंग की हालत देखकर कोई भी इसे रिजेक्ट कर सकता है। एक तरफ सरकार जर्जर भवनों को जमींदोज कर रही है। वहीं दूसरी तरफ इस घटिया बनी बिल्डिंग में अकादमिक भवन को शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है।