अब नाम के रह गए डीपीसी, डीडीओ पॉवर छिन गया

रुपए लेने के आरोप में घिरे जिला परियोजना समन्वयक अधिकारी गाज गिरनी शुरू हो गई है। डीपीसी के पर कतर दिए गए हैं। अब उन्हें सिर्फ नाम का अधिकारी बना दिया गया है। डीडीओ पॉवर छींन कर बीईओ को सौंप दिया गया है।

अब नाम के रह गए डीपीसी, डीडीओ पॉवर छिन गया
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रुपए के लेन देन का लगा था आरोप
रीवा। ज्ञात हो कि डीपीसी पर चन्द्रलोक मिश्रा निवासी सोहावल तहसील जवा ने गंभीर आरोप लगाए थे। देवकरण मिश्रा पर विकासखंड में एमआईएस पद पर आउटसोर्स के रूप में नियुक्त करने के एवज में 50 हजार रुपए की डिमांड किए जाने का आरोप लगाया था। उन्होंने इसकी शिकायत कलेक्टर से लेकर लोकायुक्त तक में की थी। उन्होंने शिकायत में कहा था कि 50 हजार रुपए की राशि में से वह 30 हजार रुपए दे भी दिए थे। रुपए लेने के बाद भी काम नहीं किए। रुपए भी नहीं लौटाने का आरोप चन्द्रलोक मिश्रा ने लगाया था। उनकी शिकायत को प्रशासन ने गंभीरता से लिया। कलेक्टर ने जांच कमेटी बनाई। जांच के बाद एक लिपिक को निलंबित कर दिया गया। अब डीपीसी पर भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। आचार संहिता लगने के कारण कुर्सी में बदलाव नहीं किया गया लेकिन उन्हें पॉवर लेस कर दिया गया है। अपर कलेक्टर ने आदेश जारी कर डीपीसी से डीडीओ अधिकार छीन लिया है। डीडीओ का अधिकार बीईओ और मार्तण्ड स्कूल क्रमांक तीन के प्राचार्य रामलल्लू दीपांकर को सौंप दिया गया है। कुल मिलाकर अब डीपीसी कुर्सी पर तो बैठेंगे लेकिन वित्तीय अधिकार का उपयोग नहीं कर पाएंगे। सिर्फ नाम के ही अधिकारी कहलाएंगे।