अब वन विभाग चेक करेगा प्रदूषण, शुरू किया अभियान जानिए क्या है वजह

अब वन विभाग प्रदूषण चेक करेगा। इस अभियान की शुरुआत डभौरा से कर दी गई है। एक्यूपमेंट सभी वन परिक्षेत्र पहुंच गए हैं। जंगल और शहरी क्षेत्र में पॉल्यूशन जांचा जाएगा। फिर लोगों को जंगल और शहर के हालात बताए जाएंगे। यह सब कुछ वन विभाग पौधों की महत्ता बताने और पौधरोपण के प्रति जागरुक करने के लिए कर रहा है।

अब वन विभाग चेक करेगा प्रदूषण, शुरू किया अभियान जानिए क्या है वजह

रीवा। आज भारत के कई शहर वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। लोगों को साफ हवा नहीं मिल पा रही है। जंगलों का तेजी से दोहन कियाजा रहा है। यही वजह है कि अब रीवा वन विभाग ने पौधरोपण से पर्यावरण पर पडऩे वाले प्रभाव को मापने की शुरुआत कर दी है। पौधरोपण वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सबसे प्रभावी उपयों में से एक है। लेकिन वायु प्रदूषण को कम करने में पौधरोपण के प्रभाव को मापने के प्रयास न के बराबर हैं। रीवा वन विभाग ने इसको मापने की नई पहल की है। इसकी शुरुआत रीवा वनमंडल अंतर्गत डभौरा वन परिक्षेत्र के पौधरोपण क्षेत्रों से की गई है। प्रति माह विभिन्न क्षेत्रों में किए गए पौधरोपण और उनके आसपास एयर क्वालिटी इंडेक्स को मापा जाएगा। इस प्रयास से लोगों को पर्यावरण से होने वाले फायदे बताए जाएंगे। पौधरोपण प्रदूषण के स्तर को कम कर सकता है। इसके प्रति लोगों को जागरुक किया जाएगा।
इन जगहों पर किया जाएगा प्रदूषण का मापन
वन विभाग ने वन क्षेत्रों के अलावा शहरी क्षेत्रों में, वाहन प्रदूषण वाले क्षेत्रों में एयर क्वालिटी की जांच करेगा। सघन वन क्षेत्रों, जहां पर पौधे लगे हैं। वहां की तुलना बिना पौधे वाले क्षेत्रों और प्रदूषित क्षेत्रों से की जाएगी। इससे लोगों को जागरुक किया जाएगा कि किस तरह से पौधे प्रदूषण को कम कर सकते हैं।
सभी के पास तक पहुंचा प्रदूषण मापने का यंत्र
हवा की क्वालिटी की जांच करने के लिए प्रदूषण मापी यंत्र सभी वन परिक्षेत्र में पहुंचा दिया गया है। इसकी मदद से ही वनकर्मी हर दिन का एयर क्वालिटी की जांच करेंगे। यह प्रयोग रीवा शहर में भी लागू किया जाएगा। वन क्षेत्रों से शहर के प्रदूषित क्षेत्रों की तुलना की जाएगी। पौधरोपण नहीं होने से तेजी से प्रदूषण बढ़ रहा है। वन क्षेत्रों का दोहन हो रहा है। इसके कारण वन विभाग ने यह पहल शुरू की है।
-------------------------
हमारा उद्देश्य यह है कि जहां पौधे ज्यादा है और जहां पौधे कम है। वहां मापन किया जाएगा। हम लोगों ने इंस्टूमेंट मंगाया है। यह जानकारी तैयार कर लोगों को जागरुक करेंगे कि पौधरोपण वाले क्षेत्र में प्रदूषण कम है और जहां पौधे नहीं है वहां प्रदूषण अधिक है। पौधे लगाने के फायदे बताए जाएंगे। इंस्टूमेंट से एयर क्वालिटी पता चलेगी।
अभिवादन चौबे
वन परिक्षेत्र अधिकारी, डभौरा