रीवा में अब इस तरीके से होगा शव का दाहसंस्कार, भोपाल से पहुंची जांच टीम

रीवा के बंदरियां में अब लकडिय़ों से शव का दाहसंस्कार नहीं होगा। नया गैस से चलने वाली शवदाह गृह तैयार किया गया है। इसका निरीक्षण करने भोपाल से दो सदस्यीय टीम पहुंची। जल्द ही इसकी शुरुआत कर दी जाएगी।

रीवा में अब इस तरीके से होगा शव का दाहसंस्कार, भोपाल से पहुंची जांच टीम

REWA। रीवा में लंबे समय से इलेक्ट्रानिक शव दाह गृह शुरू करने की कवायद चल रही थी। अब जाकर इलेक्ट्र्रानिक तो नहीं लेकिन गैस से चलने वाले शवदाह गृह की शुरुआत होने जा रही है। बंदरिया मुक्तिधाम में गैस से चलने वाले शवदाह गृह का निर्माण कराया गया है। इसके निर्माण में 72 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। इस शवदाह गृह की जांच करने भोपाल के मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी से मैकेनिकल विभाग के दो प्रोफेसर यहां पहुंचे। उन्होंने शवदाह गृह का निरीक्षण किया। जो भी इसमें कमियां मिली। उन्हें पूरा करने के निर्देश नगर निगम को दिए हैं।  निरीक्षण के दौरान कार्यपालन यंत्री एसके चतुर्वेदी, सहायक यंत्री राजेश मिश्रा, अभिनव चतुर्वेदी सहित निर्माण एजेंसी अल्फा इक्यूपमेंट  के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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6 से 7 शव के दाहसंस्कार की क्षमता है
बंदरिया में स्थापित किए गए शवदाह गृह में एक दिन में 6 से 7 डेड बाडी का अंतिम संस्कार किया जा सकेगा। यह पूरी तरह से गैस से संचालित होगा। इसके निर्माण का काम लगभग पूरा हो गया है। अब बस इसकी शुरुआत होनी है। इसकी शुरुआत होने से गरीबों को राहत मिलेगी। लकडिय़ों से होने वाले प्रदूषण से भी मुक्ति मिलेगी। दाहसंस्कार में समय भी कम लगेगा। तुरंत डेड बाडी का अंतिम संस्कार हो जाएगा।