अब मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला पर गड़ी नजर, हटने का पहुंचा मौखिक आदेश, भारी भरकम मशीन कैसे तीसरी मंजिल चढ़ेगी

सरकारी जमीनों में अब उद्यान विभाग के पास संचालित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला पर भी प्रशासन की नजर गड़ गई है। विभागीय अधिकारियों ने मौखिक आदेश जारी कर प्रयोगशाला को खाली करने का आदेश दे दिया है। शिल्पी प्लाजा के द्वितीय और तृतीय तल में शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं। अब प्रयोगशाला को बहुमंजिला इमारत में ले जाने से अधिकारी भी परेशान हैं। जेडी और उप संचालक कृषि विभाग को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज की गई है।

डीडीए का सहायक मिट्टी परीक्षण के पास पहुंचा मौखिक आदेश
सहायक मिट्टी परीक्षण ने लिखा पत्र, जताई आपत्ति
रीवा। ज्ञात हो कि धीरे धीरे सभी सरकारी जमीनों में बने भवनों को जमींदोज किया जा रहा है। अब नया नंबर मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला भवन का लग गया है। मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला भवन को उप संचालक कृषि ने मौखिक आदेश देकर खाली करने का आदेश जारी कर दिया है। इस प्रयोगशाला को शिल्पी प्लाजा के द्वितीय और तृतीय तल में ले जाने के लिए कहा गया है। अब इस आदेश से अधिकारी परेशानी में पड़ गए हैं। प्रयोगशाला को इतनी ऊंचाई पर शिफ्ट करने के आदेश पर सहायक मिट्टी परीक्षण अधिकारी ने आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने जेडी और उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास को पत्र लिखकर शिफ्टि की दिक्कतों से भी अवगत कराया है। इतना ही नहीं यह भी बताया गया है कि इस भवन के निर्माण में विभाग का 16 लाख 94 हजार रुपए खर्च हुआ है। यहां से हटने पर राशि का भी नुकसान उठाना पड़ेगा।
खुले में और भूतल पर होना है जरूरी
ेजेडी और डीडीओ कृषि ने आदेश तो जारी कर लिया लेकिन प्रयोगशाला के मापदंड के हिसाब से दी जा रही जगह बिल्कुल भी फिट नहीं है। सहायक मिट्टी परीक्षण अधिकारी ने आपत्ति में कहा है कि मिट्टी नमूनों के परभ्क्षण में कई प्रकार के एसिड का प्रयोग कियाजाता है, जो जीवों एवं पेड़ों के लिए घातक होते हैं। नमूना विश्लेषण उपरांत किसी सुरक्षित जगह पर जमीन में गड्ढा बनाकर डिस्पोज यिका जाता है। साथ ही कार्य के दौरान कांच के टूटे हुए ग्लास वेयर्स को भी बहुत ही सुरक्षित तरीके से जमीन में बने पक्के स्ट्रक्चर में रखा जाता है। परीक्षण प्रयोगशाला कक्ष भूतल में एवं खुले परिसर में होना जरूरी है। केमिकल एवं अन्य सामग्री के लिए स्टोर कक्ष एवं अलग अलग तत्वों के विश्लेषण के लिए पृथक पृथक कक्ष एवं निर्धारित प्लेटफार्म का होना एवं एसिड से निकलने वाली गैसों ेक लिए कक्षों में पर्याप्त हवा, खिड़़कियों का होना अति आवश्यक है।
मशीन के इंस्टालेशन में आएगी दिक्कत
मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में 15 से 20 लाख की लागत से एएएस मशीन इंस्टाल की गई है। इस मशीन को नई जगह इंस्टाल करने पर भूतल की जरूरत होगी। मशीन स्थानांतरित करने के लिए दक्ष इंजीनियरों की टीम लगेगी। इसके लिए हैदराबाद, दिल्ली से उन्हें बुलाना होगा। इसका इंस्टालेशन और कैलिब्रेशन भी अधिक खर्चीला है। इसके अलावा प्रयोगशाला के एनएबीएल की प्रक्रिया भी चल रही है। लैब स्थानांतरित होने से यह प्रक्रिया भी बीच में ही रुक जाएगी।
यह सब कैसे ऊपर शिफ्ट होगा
मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला को अधिकारियों ने मौखिक आदेश देकर शिल्पी प्लाजा के ऊपरी मंजिल में ले जाने के आदेश तो दे दिए लेकिन इसमें आने वाली दिक्कतों की तरफ ध्यान नहीं दिया गया। प्रयोगशाला में मिट्टी नमूला विशेषण में काफी मात्रा में डिस्टिल वाटर लगता है। इसके लिए प्रयोगशाला में डिस्टलेशन यूनिट स्थापित की गई है। ग्लास वेयर आदि की सफाई के लिए भी पर्याप्त पानी की जरूरत पड़ती है। अलग से नलकूप कनेक्शन की जरूरत पड़ती है। यह सब शिल्पी प्लाजा में संभव नहीं हो पाएगा। इसके अलावा जिला भर से मिट्टी परीक्षण के लिए सेम्पल बोरियों में आता है। इन बोरियों में भरी मिट्टी को ऊपर तक ले जाना भी बड़ी मुशीबत वाला काम होगा।