अब ठेले और कंधों पर शव ले जाने की मजबूरी नहीं होगी, जल्द दौड़ेंगे शव वाहन, जानिए कहां कितने शव वाहन चलेंगे और किसे मिलेंगे
अब गरीबों को अपनों का शव कंधों पर , साइकिल पर या फिर ठेले पर रखकर अस्पताल से घर ले जाने की मजबूरी नहीं रह जाएगी। मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही सभी जिलों में शव वाहन की व्यवस्था करने जा रही है । प्रस्ताव तैयार हो गए हैं । कहां कितने वाहन चलाए जाने हैं । इसका भी प्रस्ताव तैयार है । अब सिर्फ इस पर अंतिम मोहर लगना बाकी है । मंगलवार को भोपाल में डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल की अध्यक्षता में एक बैठक भी हुई। जिसमें शव वाहनों को लेकर मंथन हुआ है। अगली बैठक में शव वाहनों के चलाएं जाने पर पूरी कार्य योजना तैयार हो जाएगी।
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की उप समिति की बैठक
भोपाल ।उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल की अध्यक्षता में मंत्रालय वल्लभ भवन में प्रदेश के समस्त ज़िलों में शव वाहन संचालन योजना के लिए मंत्रिपरिषद की उप समिति की बैठक हुई। बैठक में शव वाहन संचालन की योजना के विभिन्न पहलुओं पर विचार कर समिति द्वारा सुझाव दिये गये। बैठक में नगरीय विकास एवं आवास, संसदीय कार्य विभाग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम विभाग मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल सहित अपर मुख्य सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग मो. सुलेमान, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विवेक पोरवाल, एमडी एनएचएम श्रीमती प्रियंका दास उपस्थित थे।
बैठक में योजनांतर्गत पात्रता, संचालन व्यवस्था एवं वित्तीय प्रावधानों पर विमर्श किया गया। समिति ने सुझाव दिये कि शव वाहन की संख्या का निर्धारण उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर किया जाये। पात्रता और सुविधा के निर्धारण में आर्थिक स्थिति को प्राथमिकता दी जाये। शववाहन संचालन सुविधा के लिए शासकीय व्यवस्था के साथ-साथ स्वयं सेवी संस्थाओं और एनजीओ का भी सहयोग प्राप्त करने के लिए एम्पेनेलमेंट की व्यवस्था को योजना में शामिल करने के समिति ने निर्देश दिये। उक्त बिंदुओं को समाहित कर अगले सप्ताह पुनः योजना पर मंत्रिपरिषद की उप समिति द्वारा विमर्श किया जाकर योजना को अंतिम रूप प्रदान किया जाएगा।
कहां कितने शव वाहन हैं प्रस्तावित
बैठक में बताया गया कि प्रदेश के समस्त चिकित्सा महाविद्यालय वाले 13 ज़िलों में 4-4 तथा शेष 42 ज़िलों में 2-2 शव वाहन कुल 136 शव वाहन का संचालन प्रस्तावित है। शववाहन से शासकीय अस्पताल से मृतक के निवास स्थल / शमशान घाट तक परिवहन के लिए केंद्र शासन, राज्य शासन अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम द्वारा संचालित शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं अथवा आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत सम्बद्ध निजी अस्पतालों में उपचार के लिये लाये गए आयुष्मान हितग्राही की उपचार के दौरान मृत्यु के प्रकरण की पात्रता प्रस्तावित की गयी है।
शव वाहन के लिए यह होंगे पात्र
सड़क दुर्घटना अथवा अन्य आपदा में पीड़ित की मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम के लिये शासकीय स्वास्थ्य संस्था में परिवहन एवं पोस्ट मार्टम उपरांत शासकीय स्वास्थ्य संस्था से मृतक के निवास स्थल/शमशान घाट तक परिवहन की पात्रता भी विभागीय योजना में प्रस्तावित है।योजना के क्रियान्वयन में मृतक (इंस्टिट्यूशनल डेथ) को शववाहन से परिवहन के लिये संबंधित स्वास्थ्य संस्था द्वारा अधिकृत चिकित्सक/पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा केंद्रीयकृत कॉल सेंटर में सूचना दिया जाना प्रस्तावित किया गया है। मृतक के परिवहन हेतु संबंधित स्वास्थ्य संस्था से मृत्यु प्रमाणपत्र प्राप्त करना आवश्यक होगा। सूचना प्राप्त होने पर संबंधित जिले में तैनात नजदीकी शव वाहन द्वारा सम्बंधित स्वास्थ्य संस्था से मृतक को उनके निवास स्थल अथवा शमशान घाट तक निशुल्क परिवहन प्रस्तावित है।मृतक के परिवहन संबंधी विवरण सेवाप्रदाता संस्था द्वारा मोबाईल ऐप के माध्यम से केन्द्रीयकृत काल सेंटर में ऑनलाइन संधारित किया जाना प्रस्तावित है।