गुढ़ और हुजूर के 30 गांव की जमीन अब नहीं खरीद पाएंगे, प्रशासन ने लगाई क्रय विक्रय पर रोक, जानिए क्या है वजह
जिला प्रशासन ने गुढ़ और हुजूर के 30 गांव की खरीदी, बिक्री, डायवर्सन और बंटवारा पर रोक लगा दी है। अब गांव के लोग चाह कर भी जमीन बेच नहीं पाएंगे। हिस्सा बांट तक नहीं कर पाएंगे। जमीनों की रजिस्ट्री पर भी रोक के आदेश जारी कर दिए हैं। अब यह रोक कब तक रहती है। यह स्पष्ट नहीं किया गया है।
एनएच 39 का चौड़ीकरण होना है, भूमि अधिग्रहण के कारण लगाई गई रोक
रीवा। ज्ञात हो कि रीवा से सीधी तक एनएच 39 सड़क को टू लेन किया गया था। अब इसे फोरलेन करने की घोषणा कर दी गई है। सड़क का चौड़ीकरण किया जाना है। इसके लिए सरकार को निजी भूमियों का भी अधिग्रहण करना होगा। सरकार को ज्यादा मुआवजा न देना पड़े इसके लिए पहले से ही जिला प्रशासन ने उन सारे रास्तों पर रोक दिया है। जिससे लोग अधिक मुआवजा पाने के तकरीब भिड़ा सकते हैं। इसमें भूमाफियाओं को तो झटका लगेगा लेकिन भूमि स्वामी जरूर परेशान हो जाएंगे। सड़क चौड़ीकरण में जिन गांव की जमीनें फंस रही हैं। उन सभी गांव की जमीनों की खरीदी, बिक्री, रजिस्ट्री, डायवर्सन और बंटवारा पर रोक लगा दी गई है। गुढ़ और हुजूर के गांवों में यह रोक लगाई गई है।
इन गांवों की जमीन अब नहीं बेच पाएंगे भूस्वामी
रीवा-सीधी फोरलेन सड़क निर्माण में तहसील हुजूर के 9 गांव और गुढ़ के 21 गांव फंस रहे हैं। इसमें गुढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम खड्डा, उमरी अवधेशपुर, रीठी, महसांव, पुरास, बड़ागांव, भीटी, गेरुई, पकरा, बंजारी, मुडिय़ा, नारायणपुर, गांजर, पडेरुआ, अमिलिहा, बरिगवां, भटिगवां, गुढ़वा, बरसैतादेश, हटवा शामिल हैं। इसी तरह तहसील हुजूर अंतर्गत ग्राम लोही, जोरी, भानपुर, खौर 2, खौर 3, कोठी, सिलपरा, सिलपरी, डकवार गांव की सड़कों पर रोक लगा दी गई है। इन गांवों में आदेश दिनंाक के बाद यदि भूमि की खरीदी बिक्री या डायवर्सन किया जाएगा तो भूअर्जन में यह सारे बदलाव स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
किसानों की हो जाएगी फजीहत
एनएच 39 के चौड़ीकरण के दायरे में फंस रहे गांव में रोक लगाए जाने से किसानों की परेशानी बढ़ जाएगी। इसी तरह के हालात चोरहटा हवाई अड्डा के आसपास के ग्रामीणों को भी उठाना पड़ा था। कलेक्टर ने वर्ष 2014 में ही रोक लगा दी थी लेकिन यहां भूमाफियाओं ने जमीनो की खरीदी भी की थी और डायवर्सन भी करा लिया था। भूमाफियाओं ने मोटी रकम भूअर्जन से अर्जित की थी। वहीं जो वास्तविक किसान थे। वह अपनी जमीन समय पर नहीं बेच पाए थे और मुआवजा भी कम मिला था। अब इसी तरह की स्थिति और परिस्थिति से इन गांव के किसान भी परेशान होंगे।
सर्वे के बाद ही पता चलेगा कहां से गुजरेगी सड़क
अभी सिर्फ रीवा सीधी मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य किए जाने के तहत ही गांवों की जमीनों पर रोक लगाई गई है। अभी सर्वे का काम शेष है। किस किसान की कितनी भूमि फंसेगी और कहां से होकर सड़क निकलेगी। यह अभी तय नहीं है। सर्वे के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। इसमें फिलहाल लंबा समय लग सकता है।