नर्सिंग कॉलेज मान्यता फर्जीवाड़ा: रीवा मेडिकल कॉलेज के यह डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ रडार पर आए, निलंबन की तैयारी

मप्र में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता में हुए फर्जीवाड़ा में अब जांच टीम पर कार्रवाई की तैयारी है। चिकित्सा शिक्षा के राडार पर श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के एक डॉक्टर और एक नर्सिंग स्टाफ को भी नोटिस जारी किया गया था। अब संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर निलंबन की तैयारी चल रही है।

नर्सिंग कॉलेज मान्यता फर्जीवाड़ा: रीवा मेडिकल कॉलेज के यह डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ रडार पर आए, निलंबन की तैयारी
file photo

सरकारी नर्सिंग कॉलेज का निरीक्षण करने के बाद रिपोर्ट शासन को दी थी
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जारी किया था नोटिस, अब कार्रवाई की है तैयारी
रीवा। ज्ञात हो कि हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने मप्र के सभी नर्सिंग कॉलेजों की जांच की गई थी। जांच के बाद जब रिपोर्ट हाईकोर्ट को सीबीआई ने सौंपी तो इसमें 66 नर्सिंग कॉलेज अपात्र मिले थे। इसमें दो नर्सिंग कॉलेज रीवा के भी थे। इसमें एक प्राइवेट और एक सरकारी नर्सिंग कॉलेज शामिल रहा। इन अपात्र किए गए नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता जारी करने के पहले शासन ने इनकी जांच कराई थी। जांच टीम बनाकर निरीक्षण कराया था। इनकी रिपोर्ट के आधार पर ही मान्यता जारी की गई थी। सरकारी नर्सिंग कॉलेज की जांच की जिम्मेदारी डॉ आयुष्मान शर्मा और नर्सिंग स्टाफ सत्यधर शर्मा को दी गई थी। इन्होंने जांच के बाद कॉलेज को मान्यता देने की अनुशंसा की थी। इनकी अनुशंसा के बाद सीबीआई ने इन्हें अपात्र पाया था। अब इसी मामले शासन की तरफ से जांच करने वाले निरीक्षण दल के सदस्यों की गर्दन फंस गई है। इन सभी को चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी कर जवाब  मांगा था। रीवा मेडिकल कॉलेज से पीएसएम के डॉ आयुष्मान शर्मा और नर्सिंग स्टाफ सत्यधर शर्मा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। जवाब शासन को मिला लेकिन संतोषजनक नहीं रहा। सरकार जवाब से संतुष्ट नहंी है। यही वजह है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग ने ऐसे डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी थी। अब सभी मेडिकल कॉलेज के डीन को चिकित्सा शिक्षा विभाग आरोप पत्र जारी करने के निर्देश जारी किए हैं।  श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में पदस्थ डॉ आयुष्मा शर्मा और सत्यधर शर्मा के खिलाफ विभागीय जांच जारी है।
-------------
सरकारी नर्सिंग कॉलेज में लग चुका है ताला
हाईकोर्ट के अपात्र घोषित किए जाने के बाद सरकारी नर्सिंग कॉलेज पर प्रशासन ताला लगा चुका है। कॉलेज के पास नर्सिंग छात्रों को पढ़ाने के लिए बिल्डिंग तक नहीं थी। जर्जर बिल्डिंग में नर्सिंग कॉलेज संचालित किया जा रहा था। सीबीआई की जांच के दौरान कॉलेज के अव्यस्था की पोल खुल गई थी। कॉलेज में पढ़ाने वाला स्टाफ तक नहीं मिला था। जांच रिपोर्ट में सरकारी नर्सिंग कॉलेज को अयोग्य बताया गया था। इसी मामले में अब गाज गिरनी शुरू हो गई है।