डिप्टी सीएम के पास न्याय मांगने पहुंची थी नर्सिंग छात्राएं, पुलिस ने खदेड़ा तो बीच सड़क पर जा बैठीं

सरकार की लापरवाही की सजा नर्सिंग कॉलेज की सैकड़ों छात्राएं भुगत रही हैं। सरकार नर्सिंग कॉलेज की मान्यता पर सवाल खड़े हो गए हैं। कॉलेज अयोग्य पाया गया है। अब छात्राओं को कोई जवाब नहीं दे रहा। जवाब मांगे डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला के बंगले पर मंगलवार को नर्सिंग कॉलेज की छात्राएं पहुंची। छात्राओं ने प्रदर्शन किया तो पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। नाराज छात्राएं सड़क पर जा बैठीं। समझाइश के बाद ही वह कलेक्ट्रेट गईं।

डिप्टी सीएम के पास न्याय मांगने पहुंची थी नर्सिंग छात्राएं, पुलिस ने खदेड़ा तो बीच सड़क पर जा बैठीं

लाडलियों ने सरकार बनाई और उसी सरकार ने दुत्कारा, पुलिस से खदेड़वाया गया
छात्राओं की पीड़ा कोई सुनने को तैयार नहीं, रीवा से डिप्टी सीएम हैं फिर भी यह हालात
रीवा। सरकारी नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने मंगलवार को डिप्टी सीएम के बंगले पर ही डेरा जमा लिया। छात्राओं को जानकारी हुई कि डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला रीवा में है। इसके बाद छात्राएं दर्जनों की संख्या में डिप्टी सीएम के बंगले पर पहुंच गए। परिसर में ही नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान उन्हें आश्वासन तो नहीं मिला लेकिन पुलिस की धमकियां जरूर मिल गईं। मौके पर अमहिया थाना प्रभारी दलबल के साथ पहुंच गए। सीएसपी भी पहुंचे। उन्होंने छात्राओं को बंगले से ही खदेड़ दिया। नाराज छात्राएं पुलिस की इस बेइज्जती से आहत होकर सीधे मुख्य मार्ग पर ही जा बैठी। सड़क पर ही प्रदर्शन करने लगी। पुलिस उन्हें समझाने का प्रयास करती रही लेकिन काफी देर तक वह नहीं मानी। इसके बाद उन्हें जानकारी दी गई कि वह कुछ देर बाद पहुंचेंगे। तब जाकर छात्राएं मानी और कलेक्ट्रेट पहुंच गईं।


छात्राएं इसलिए हैं परेशान
ज्ञात हो कि श्याम शाह मेडिकल कॉलेज परिसर में ही शासकीय नर्सिंग कॉलेज का संचालन किया जा रहा है। इस कॉलेज के पास अलग से भवन नहीं था। मेडिकल कॉलेज के भवन और लेक्चर हाल के नाम पर ही कॉलेज का संचालन किया जा रहा था। हाईकोर्ट के आदेश पर सभी नर्सिंग कॉलेजों की जांच शुरू हुई तो इस सरकारी कॉलेज की भी पोल खुल गई। सीबीआई ने हाईकोर्ट में सौंपी रिपोर्ट में कॉलेज को अयोग्य करार दे दिया। अब कॉलेज की मान्यता पर ही संकट खड़ा हो गया। सीबीआई की रिपोर्ट कोर्ट में सौंपे जाने के बाद यहां की छात्राएं परेशान हैं। छात्राओं ने यहां प्रवेश लेने के लिए लाखों रुपए फीस भी भरीं थी। छात्राओं का कहना है कि उनके अभिभावकों ने लाखों की रुपए की फीस जतन से चुकाया था और अब मान्यता नहीं मिल रही। इसके कारण उनका भविष्य भी अंधकारमय हो गया है। छात्राओं का कहना है कि अब तक वह कमिश्नर से लेकर डीन तक के पास गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई भी उनके आगे की पढ़ाई और मान्यता को लेकर सही जवाब नहीं दे रहा है। उनका आगे क्या होगा। यह भी नहीं बताया जा रहा है।


इसलिए पहुंच गए डिप्टी सीएम के बंगला
सभी जगह से नाराजगी मिलने पर छात्राएं सीधे डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल के बंगले पर पहुंच गईं। यहां पर पुलिस की ज्यादती नजर आई। डिप्टी सीएम से मिलने तक नहीं दिया गया। पुलिस ने छात्राओं को अपमानित कर बंगले के अंदर से बाहर निकाल दिया। डिप्टी सीएम से मिलने नहीं दिया। यहां से निराश होकर छात्राएं सीधे कलेक्ट्रेट पहुंची। जनसुनवाई में शामिल हुईं। जनसुनवाई में भी स्पष्ट जवाब नहीं मिला तो कलेक्टर को ही घेर लिया। समस्याओं का ज्ञापन सौंपा। कलेक्टर ने छात्राओं को मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है।

यह कैसा सम्मान, छात्राओं को पुलिस ने खदेड़ा
रीवा में अमहिया थाना के प्रभारी का अमानवीय चेहरा सामने आया है। नर्सिंग छात्राएं अपने भविष्य की परेशानियों का सवाल लेकर डिप्टी सीएम से मिलने उनके बंगले पहुंची थी। छात्राएं बंगले के अंदर इंतजार कर रही थीं और नारेबाजी कर रहीं थी। इसी दौरान अमहिया थाना प्रभारी विजय सिंह, सीएसपी पहुंचे और सभी छात्राओं को परिसर से खदेड़ दिया। नाराज छात्राएं परिसर से निकल कर मुख्य मार्ग पर बंगले के सामने बैठ गईं। छात्राओं का गुस्सा साफ नजर आया। छात्राएं सड़क पर काफी देर तक बैठी रहीं। इसके बाद वहां से कलेक्ट्रेट चली गईं। यह रीवा का दुर्भाग्य ही है कि पुलिस विभाग में ऐसे अधिकारी प्रभारी बने हुए हैं जो महिलाओं का दर्द तक नहीं जानते। एक तरफ सरकार महिलाओं को सम्मान दे रही है। योजनाएं ला रही हैं। वहीं दूसरी तरफ सरकार के ही नुमाइंदे और सरकारी कर्मचारी उनका अपमान कर रहे हैं।