देवतालाब मंदिर करंट कांड में हटाए गए थे ओपी द्विवेदी, एक महीने में ही वापस आ धमके

देवतालाब मंदिर करंट कांड के बाद मऊगंज कार्यपालन यंत्री ओपी द्विवेदी को रीवा जिला से ही बाहर भेज दिया गया था। टीकमगढ़ में पदस्थ कर दिया गया था। एक महीने में ही ओपी द्विवेदी ने ऐसा जुगाड़ लगाया कि वापस रीवा में एसटीसी विभाग में आ धमके। वहीं एसटीसी विभाग में पदस्थ रहे आशीष बैन को यहां चलता कर दिए।

देवतालाब मंदिर करंट कांड में हटाए गए थे ओपी द्विवेदी, एक महीने में ही वापस आ धमके
mpeb transfer order

REWA। ज्ञात हो कि एक महीने पहले देवतालाब मंदिर में करंट उतर आया था। तार टूट कर मंदिर की जाली में छू गया था। करंट की चपेट में आने से 60 से 65 लोग घायल हुए थे। इसमें विद्युत विभाग की लापरवाही सामने आई थी। देवतालाब विधायक व विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले को गंभीरता से लिया था। ईई का इस घटना के बाद तुरंत स्थानांतरण हो गया था। मऊगंज कार्यपालन यंत्री ओपी द्विवेदी को टीकमगढ़ भेज दिया गया था। इस घटना को बड़ी लापरवाही मानी गई थी। एक महीने भी ओपी द्विवेदी का स्थानांतरण आदेश टिक नहीं पाया। ओपी द्विवेदी ने ऐसा जुगाड़ लगाया कि मालदार शाखा और रीवा जिला में आकर पदस्थ हो गए हैं। मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर ने ओपी द्विवेदी को टीकमगढ़ से रीवा में एसटीसी सेक्शन में पदस्थ कर दिया है। वहीं इनके आने से आशीष बैन की बादशाहत जरूर खत्म हो गई। आशीष बैन को रीवा से चलता कर दिया गया। आशीष बैन को रीवा एसटीसी से हटाकर टीकमगढ़ भेज दिया गया है। एसटीसी में वर्तमान में केन्द्र सरकार की नई योजना के तहत काम चल रहा है। करोड़ों का काम रीवा में होना है। ग्रामीण क्षेत्रों में काम शुरू भी हो गया है। ऐसे में आशीष बैन को इस स्थानांतरण आदेश से झटका लगा है। वहीं ओपी द्विवेदी की किस्मत चमक गई है।