दुर्गा नवमीं पर कन्यापूजन और भंडारे की रही धूम, कल प्रतिमाओं का होगा विसर्जन
शुक्रवार को दुर्गा नवमीं के दिन दुर्गा पंडालों से लेकर घर तक में कन्या पूजन और भंडारे का दौर चला। सुबह से ही मंदिर से लेकर दुर्गा पंडाल में पूजा अर्चन और भंडारा शुरू हो गया था। घरों में लोगों ने कन्याओं की पूजा की और उन्हें भोजन कराया। शनिवार को दसमीं के दिन प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा।
रानी तालाब में रही भक्तों की भीड़
रीवा। शारदेय नवरात्रि के अंतिम दिवस नवमीं को माँ सिद्धिदात्री का दर्शन करने देवी मंदिरों में भीड़ उमड़ी। रीवा शहर में सिद्धपीठ कालिका मंदिर रानीतालाब और फूलमती माता मंदिर समान में श्रद्धालुओं का दिन भर तांता लगा रहा। अलसुबह से ही लोग अपनी मनोकामना लिए माता के दरबार में डटे रहे। श्रद्धालुओं ने माता को प्रसन्न करने हेतु नैवेद्य के साथ पूजा अर्चना की। सुबह चार बजे से ही देवालयों में भक्त का तांता लगा रहा। मंदिरों में श्रद्धालुओं के पहुँचने का सिलसिला देर रात तक चला। दर्शनार्थियों की भीड़ के कारण लगभग सभी मंदिरों में मेला जैसा नजारा देखने को मिला। एक अनुमान के मुताबिक इस बार प्रतिदिन 10 हजार से अधिक श्रद्धालु रानी तालाब कालिका मंदिर में दर्शन करने पहुँचे। नवमीं को श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी देखने को मिली। शुक्रवार को वे लोग भी दर्शन करने पहुंचे जो शारदा धाम मैहर व विंध्यवासिनी धाम मिर्जापुर नहीं पहुँच पाए।
जगह-जगह हुए कन्या भोज व भंडारा
नवमीं के दिन शुक्रवार को देवी पंडालों के साथ ही घरों में कन्या भोज कराया गया। कहा जाता है कि नवरात्रि में कम से कम 9 कन्याओं का भोज कराने से माता दुर्गा के सभी 9 स्वरूपों को भोजन कराने का फल मिलता है। इसी कारण लोग कन्या भोजन कराते हैं। प्राय: हर घर में घट पूजन के साथ ही देवी माँ का आह्वान किया जाता है और अष्टमी व नवमीं तिथि को कन्या भोज कराया जाता है। नवमीं को एक साथ कन्या भोज कार्यक्रम होने के कारण कन्याओं की कमी पड़ गई। कुछ कन्याओं को एक जगह भोजन करने के बाद दूसरे घर मेेंं भी भोजन करने की औपचारिकता करनी पड़ी। कन्याओं का पूजन के साथ उन्हें मीठा व फल के साथ स्वादिष्ट भोजन कराया गया। ऐसे लोग जिनके घर में एक भी बेटी नहीं है, उन्हें भोज के लिए कन्या ढूढऩे में ज्यादा मशक्कत करनी पड़ी।
आज होगा दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन
नवरात्रि में पूरे 9 दिन पूजा-अर्चना व नवमीं को पूर्णाहुति व कन्या भोज कार्यक्रम हो जाने के बाद प्रतिमा का विसर्जन किया जायेगा। हालांकि कुछ समितियों द्वारा शुक्रवार से प्रतिमा विसर्जन शुरू कर दिया गया, लेकिन विशेष रूप से प्रतिमा विसर्जन विजयादशमी को होगा। चल समारोह में शामिल होने वाली झांकियों के अलावा अन्य पंडालों की दुर्गा प्रतिमाओं का आज विसर्जन होगा। चल समारोह में शामिल होने वाली प्रतिमाओं का विजयादशमी समारोह के उपरांत रात्रि से विसर्जन शुरू होगा। दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन शनिवार- रविवार तक चलेगा।