बिजली विभाग में आउटसोर्स भर्ती घोटाला, जबलपुर से बैठाई गई जांच, कई अफसर और कर्मचारी फंसेंगे
विद्युत विभाग में आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती घोटाला सामने आया है। इसकी शिकायत मप्र आउटसोर्स कर्मचारी संगठन ने की थी। इसकी जांच बैठ गई है। जबलपुर से जांच के आदेश दिए गए हैं। अधीक्षण अभियंता से जांच रिपोर्ट मांगी गई है।
रिश्तेदारों को बांट दी आउटसोर्स की नौकरी, अधिकारी करा रहे निजी काम
विजलेंस के रिकार्ड गायब करने आग लगवाने का भी लगा आरोप, जांच के जबलपुर से हुए आदेश
रीवा। ज्ञात हो कि अन्य विभागों की तरह विद्युत विभाग में भी आउटसोर्स कर्मचारियों से ही काम लिया जाता है। यहां तीन आउटसोर्स कंपनियां काम कर रही है। इन्हीं कंपनियों के कर्मचारी काम कर रहे हंै। इन कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर बवाल मच गया है। विंध्य आउटसोर्स कर्मचारियों ने आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति में भारी गड़बड़ी और राजस्व में हेराफेरी का आरोप लगाया है। इसकी शिकायत उच्च स्तर पर की थी। शिकायत पर एक्शन होना शुरू हो गया है। जांच के निर्देश एसके गिरिया अतिरिक्त मुख्य महाप्रबंधक जबलपुर ने जारी किया है। अधीक्षण अभियंता को पत्र लिखकर प्रकरण की जांच कर तथ्यात्मक बिंदुवार प्रतिवेदन मांगा है। इस जांच में कई अधिकारियों और कर्मचारियों की गर्दन फंसने वाली है। कुछ अधिकारियों पर आउटसोर्स कर्मचारियों को निजी काम के लिए संलग्न किए जाने का आरोप भी लगाया गया है।
दस्तावेज नष्ट करने लगवाई गई आग
शिकायत में यह भी कहा गया है कि विद्युत विभाग के अधिकारी मीटर में छेड़छाड़ करा कर कंपनी को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे लाइन लॉस में बढ़ोत्तरी हो रही है। रीवा शहर में मीटर से छेड़छाड़ कर अवैध वसूली का धंधा जोरों पर चल रहा है। शिकायत में कहा गया है कि यहां पदस्थ अधिकारी अपने खास कर्मचारियों से मीटर में छेड़छाड़ कराते हैं। फिर मीटर को सुधरवाया जाता है। इसके बाद उन्हीं उपभोक्ताओं के घरों पर रेड डालकर पैसों की वसूली की जाती है।
शहर संभाग में आग लगाए जाने पर भी संदेह
शिकातय में कहा गया है कि विजलेंस की जांच के दस्तावेजों को नष्ट करके कंपनी के राजस्व में खयानत की गई। आग लगने की कोई जांच नहीं कराई गई। शहर संभाग में आग लगने की घटना हुई थी। आग लगने की घटना की किसी तरह की जांच नहीं हुई। इसमें विजलेंस जांच के करोड़ों के प्रकरण थे। जिन्हें नष्ट कराया गया। उपभोक्ताओं से 50 फीसदी की राशि लेकर कम्पनी को चूना लगाया जा रहा है। यह शिकायत प्रबंध संचालक पूर्व क्षेत्र शक्ति भवन से की गई है।
अधिकारी के पेवल फैक्ट्री में काम कराने का आरोप
इतना ही नहीं शिकायत में कहा गया है कि शहर संभाग के एक अधिकारी की पेवल फैक्ट्री भी चल रही है। इनकी पेवल फैक्ट्री में आउटसोर्स कर्मचारियों से काम कराया जाता है। जो कर्मचारी फैक्ट्री में काम नहीं करता। उसे नौकरी से बाहर निकालने की धमकी दी जाती है। शिकायत में एक कर्मचारी की मौत का भी जिक्र किया गया है। इसके अलावा भी एक कर्मचारी के रिश्तेदारों को आउटसोर्स कर्मचारी बनाए जाने की भी शिकायत की गई है। जबकि टेंडर में रिश्तेदारों को नौकरी में रखने पर रोक है। शिकायत में जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की बात कही गई है।
आर्थिक लेनदेन का आरोप
अतिरिक्त मुख्य महाप्रबंधक ने जांच के निर्देश दिए हैं। इस जांच आदेश में साफ साफ जिक्र किया गया है कि रीवा वृत्तांतर्गत आउटसोर्स कर्मचारियों के नियोजन में व्यापक रूप से आर्थिक लेनदेन किया जा रहा है। नियुक्त कर्मचारियों से कंपनी कार्य में संलग्र न किया जाकर निजी कार्यों में लगाया गया है। इससे कंपनी को आर्थिक क्षति पहुंच रही है। सभी ङ्क्षबदुओं की जांच कर एसई से रिपोर्ट तलब की गई है।