हड़ताल पर गए आउटसोर्स कर्मचारी, संजय गांधी अस्पताल की साफसफाई और सुरक्षा व्यवस्था ठप
संजय गांधी अस्प्ताल के आउटसोर्स कर्मचारी शुक्रवार को हड़ताल पर चले गए। 13 सूत्रीय मांगों और कंपनी की मनमानी के खिलाफ कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से अस्पताल की साफ सफाई व्यवस्था ठप पड़ गई। अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था भी भगवान भरोसे हैं। कंपनी ने कर्मचारियेां के हड़ताल केा फेल करने के लिए आनन फानन में बाहर से कर्मचारी भी बुलाए लेकिन साफ सफाई पूरी तरह से बहाल नहीं करा पाए।
13 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारियों ने किया हड़ताल
समर्थन में उतरे कई राजनीतिक और कर्मचारी संगठन
रीवा। आपको बता दें कि संजय गांधी अस्पताल के साफ सफाई से लेकर सुरक्षा तक की जिम्मेदारी आउटसोर्स कंपनी एजाइल सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड के पास है। आउटसोर्स कर्मचारी कई दिनों से 13 सूत्रीय मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे थे। कंपनी ने उनकी मांगों का नजर अंदाज कर दिया। वहीं 5कर्मचारियों का स्थानांतरण भी कर दिया। इससे नाराज कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया। 13 सूत्रीय मांगों के खिलाफ कर्मचारियों ने दिवाली के दिन काली पट्टी बांध कर सांकेतिक प्रदर्शन किया। इसके बाद भी जब कंपनी ने मांगे नहीं मानी तो 1 नवंबर को सभी कर्मचारी काम बंद हड़ताल पर चले गए। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से अस्पताल की साफ सफाई और सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से ठप पड़ गई।
मौके पर पहुंचे अधीक्षक लेकिन नहीं बनी बात
मेडिकल कॉलेज के सामने ही धरना प्रदर्शन चल रहा था। मौके पर कर्मचारियों को समझाइश देने के लिए अस्पताल अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा भी पहुंचे। उनके सामने कर्मचारियों ने अपनी मांगों को पूरा करने की बात रखी। मुख्य मांगे 5 कर्मचारियों का स्थानांतरण रोकने का आश्वासन मांगा गया। इस पर अधीक्षक ने लिखित में आश्वासन भी दिया। कंपनी से कर्मचारियों के बीच बातचीत का आश्वासन दिया लेकिन कर्मचारी नहीं मानें। इसके बाद फिर से कंपनी के अधिकारियों और अधीक्षक के साथ शाम को बातचीत के लिए आउटसोर्स कर्मचारियों के प्रतिनिधि मंडल को बुलाया गया। काफी देर तक बैठक का दौर जारी रहा।
कई संगठनों ने दिया समर्थन
संजय गांधी अस्पताल के आउटसोर्स कर्मचारियेां की हड़ताल और मांगों का कई संगठनों ने समर्थन भी दिया। मौके पर कई संगठन के पदाधिकारी भी पहुंचे। इसमें विद्युत विभाग के विंध्य आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी प्रदेश सचिव सतीश चौबे, मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौजूद रहे। इसके अलावा कई राजनीतिक दलों ने भी मौके पर पहुंच कर आउटसोर्स कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन किया। इसमें कांग्रेस नेत्री कविता पाण्डेय भी शामिल रहीं। उन्होंने भी धरना स्थल पर पहुंच कर कर्मचारियों की मांग का समर्थन किया। इसेक अलावा आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष राजीव सिंह शेरा, अधिवक्ता बीके माला भी मौके पर पहुंचे।
कंपनी ने बाहर से बुलाए कर्मचारी
आउटसोर्स कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से साफ सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप पड़ गई। सफाई व्यवस्था को बहाल करने के लिए कंपनी के मैनेजर ने आनन फानन में ओपन बेकंसी निकाली दी। बाहर से पकड़ कर कुछ लोगों को लाया गया। उन्हें नौकरी देने का आश्वासन देकर साफ सफाई कराई गई। हालांकि इतने बड़े अस्पताल में सिर्फ 10 से 12 कर्मचारियों से साफ सफाई कराना संभव नहीं हो पाया। काम फिर भी प्रभावित हुआ। बाहर से लाए गए कर्मचारियों के पास साफ सफाई के लिए उचित संसाधन भी नहंी थे। घर में उपयोग होने वाली सीक की झाडू से सफाई कराई गई।
कर्मचारियों की यह है 13 मांगे
आउटसोर्स कर्मचारियों ने वर्ष 2022 से 2023 तक के सभी सफाई सुपरवाइजर, गार्ड और एफई के लीव और बोनस राशि के भुगतान की मांग की है। साथह ी जिन कर्मचारियों की सेवाएं 5 वर्ष हा गई है उन्हें ग्रेजुएटी एक्ट का लाभ देने, निकाले गए कर्मचारियों को वापस रखने, एजाइल कंपनी से अस्थाई कर्मचारियों को ईएसआईसी कार्ड उपलब्ध कराने, आयुष्मान योजना के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि दिलाए जाने की मांग की गई है। साथ ही कहा गया है कि कंपनी हर महीने ट्रेनिंग के नाम पर रुपए काटती है लेकिन प्रशिक्षण नहीं दिया जाता। सभी कर्मचारियों का प्रत्येक महीने की पहली तारीख को वेतन दिए जाने, कर्मचारियों की ड्यूटी 8 घंटे सुनिश्चित करने, कर्मचारियों को कार्यावधि के आधार पर कुशल, अद्र्धकुशल, उच्च कुशल की वरीयता प्रदान करने, कर्मचारियों का तीनमहीने का लंबित लीव बोनस दिए जाने की मांग की गई है।