काम बंद कर हड़ताल में बैठे आउटसोर्स कर्मचारी, रातभर धरना स्थल पर करते रहे भजन-कीर्तन
संजय गांधी अस्पताल के आउटसोर्स कर्मचारी13 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। गेट के सामने धरने पर बैठ गए हैं। रात भर धरना स्थल पर कर्मचारी भरी ठंड में बैठे रहे। रातभर भजन कीर्तन करते रहे।
बाहर निकाले गए कर्मचारियों की बहाली सहित 13 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं
रीवा। ज्ञात हो कि संजय गांधी अस्पताल में 5 आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया गया है। इसी के विरोध में सारे कर्मचारी लामबंद हो गए हैं। इसके अलावा 13 सूत्रीय अन्य मांगों को लेकर भी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। संजय गांधी अस्पताल के बाहर ही सुबह से कर्मचारी धरने पर बैठे हैं। देर रात तक कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी रहा। धरना स्थल पर ही कर्मचारियों ने भजन कीर्तन शुरू कर दिया था। रात में भी भजन कीर्तन का दौर जारी रहा। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद भी कंपनी और कर्मचारियेां के बीच समझौते को लेकर कोई भी बात आगे नहीं बढ़ पाई हैं। कंपनी बाहर निकाले गए कर्मचारियों को रखने को तैयार नहीं है। वहीं जो 13 सूत्रीय मांगे हैं, उसे भी पूरा करने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि सभी कर्मचारी काम पर लौटने को भी तैयार नहीं है। कर्मचारियों को धरना प्रदर्शन जारी है।
दूसरी तरफ कंपनी ने शुरू कर दी भर्ती
संजय गाध्ंाी अस्पताल के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाते ही कंपनी ने वेकंसी ओपन कर दी है। कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए दस्तावेज जमा करना शुरू कर दिया है। कंपनी के इस फैसले के बाद भी हड़ताली कर्मचारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। अस्पताल की व्यवस्था बनाने के लिए कंपनी दूसरे विकल्प तलाशने में जुटी हुई है।
साफ सफाई व्यवस्था पर पड़ा असर
संजय गांधी अस्पताल के सैकड़ों कर्मचारी एक साथ हड़ताल पर चले गए हैं। इसके कारण साफ सफाई व्यवस्था पर असर पड़ा है। इसके अलावा आउटसोर्स कर्मचारी ही वार्डों में मरीजों के इलाज की आधी से अधिक जिम्मेदारी सम्हालते हैं। इसके कारण भी वार्डों पर नर्सों और डॉक्टरों पर दबाव बढ़ गया है। मरीजों का इलाज की व्यवस्थाएं बनाने में अड़चने आई हैं।
मौके पर पहुंचे अधीक्षक और प्रशासनिक अधिकारी
कर्मचारियों को बनाने के लिए हालांकि धरना स्थल पर संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा, प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंची थी। कर्मचारियों को मनाने की कोशिश की गई लेकिन कर्मचारी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर अड़े रहे। यही वजह है कि बातचीत विफल रही।