3.30 करोड़ के रॉयल्टी घोटाले में बुरे फंसे पीडब्लूडी के कार्यपालन यंत्री, अब होगी फर्जीवाड़े की जांच
पीडब्लूडी कार्यपालन यंत्री रीवा बुरे फंस गए हैं। सतना में पदस्थ रहते हुए खनिज रायल्टी के नाम पर बड़ा गोलमाल किया था। खनिज विभाग के फर्जी दस्तावेज तैयार कर करीब 3.30 करोड़ की रॉयल्टी ठेकेदार के खाते में भेज दी थी। इसका खुलासा होने के बाद अब पीडब्लूडी कार्यपालन यंत्री के खिलाफ जांच बैठ गई है। कलेक्टर रीवा ने भी सतना कलेक्टर को पत्र लिखा है। वहीं डीआईजी रीवा ने भी जांच के निर्देश एसपी को दिए हैं। सतना सांसद ने भी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है।
सतना सांसद ने लिखा पत्र, कलेक्टर रीवा ने सतना कलेक्टर को जांच और कार्रवाई के लिए लिखा पत्र
रीवा। पीडब्लूडी विभाग के कार्यपालन यंत्री मनोज दुबे तत्कालीन कार्यपालन यंत्री सतना में पदस्थ रहते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार करके योजनाबद्ध तरीके से करीब 3 करोड़ 30 लाख रुपए की रॉयल्टी खनिज विभाग के फर्जी दस्तावेज बनाकर ठेकेदार के खाते में भुगतान कर दिया था। इस मामले को अधिवक्ता बीके माला ने उजागर किया था। आयुक्त संभाग रीवा, डीआईजी रीवा, प्रुख सचिव भोपाल, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भोपाल को पत्र भेजकर जांच के लिए निवेदन किया था। इस गंभीर विषय को लेकर कमिश्नर रीवा संभाग रीवा ने कलेक्टर सतना को जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही डीआईजी रीवा द्वारा पत्र जारी कर प्रकरण के बिंदुओं की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा गया गया है। वहीं सतना सांसद गणेश सिंह ने भी पत्र जारी कर इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कर दोषी व्यक्तियों पर कार्रवाई करने का पद्ध जारी किया है। कलेक्टर ने रीव ने सतना कलेक्टर को पत्र लिखकर रॉयल्टी की राशि जमा करने के लिए कलेक्टर सतना को पत्र भेजा है। इस विषय में कार्यपालन यंत्री सतना द्वारा तत्कालीन कार्यपालन यंत्री को भी बचाने का प्रयास किए जाने के आरोप शिकायतकर्ता ने लगाए हैं।
यह है साढ़े तीन करोड़ की रॉयल्टी चोरी का मामला
आपको बता दें कि यह पूरा मामला कार्यपालन यंत्री पीडब्लूडी रीवा मनोज द्विवेदी से जुड़ा हुआ है। सतना में पदस्थ रहते हुए कार्यपालन यंत्री मनोज दुबे ने अनुबंध क्रमांक 3/डीएल/ सीआरएफ/2017-18 दिनांक 15 मई 2017 के अनुसार निर्माण कार्य सेमिरया बनकुइयां रोड से गाजन मझियार बकिया लौलाछ मगरवार भटिगवां, खाम्हाधोड़ी किछवारियात इटौर मैनपुरा अकौना, टिकरी, खमरिया, गौरैया मार्ग निर्माण कार्य संविदाकार एसआर कंस्ट्रक्शन कंपनी गौतम बुद्ध नगर नोएडा दिल्ली ने की थी। इस निर्माण लगी खनिज की करीब 3 करोड़ 50 लाख की रॉयल्टी की राशि पीडब्लूडी के कार्यपालन यंत्री ने खाते में जमा करा ली थी। यह रॉयल्टी मनोज द्विवेदी के पहले पदस्थ विश्वकर्मा जी ने जमा कराई थी। उनके स्थानांतरण के बाद मनोज द्विवेदी पदस्थ हुए। इसके बाद संविदाकार से मिलकर फर्जी रिकार्ड तैयार कराया गया। इसमें फर्जी रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र बनाया गया। उसे सर्टिफाइड कराने के लिए खनिज अधिकारी रीवा को पत्र क्रमंाक 1204/सीआरएफ/सतना दिनांक 27 जुलाई 2021 के द्वरा रॉयल्टी क्लीयरेंस एनओसी क्रमांक 20210058879 में दर्ज गिट्टी की मात्रा 206089.96 घन मीटर, बालू की मात्रा 73442.30 घन मीटर जिसकी राशि क्रमश: 2 करोड़ 26 लाख 69 हजार 895 रपुए एवं 73 लाख 44 हजार 230 रुपए को सर्टिफाइड करने के लिए पत्र तैयार किया गया। फिर पत्र खनिज अधिकारी के पास नहीं भेजा गया। फर्जी पत्र बनाकर सील लगाकर लोक निर्माण विभाग सतना में जमा कर दिया गया। इस फर्जी दस्तावेज से सारी रॉयल्टी की राशि आहरित कर ली गई थी। इसकी शिकायत अधिवक्ता बीके माला ने आयुक्त के अलावा पुलिस विभाग से की थी। अब मामले की जांच बैठ गई है।