मेडिकल कॉलेज में बच्चों का प्रवेश कराने पहुंचे अभिभावकों को जमीन पर बैठना पड़ा, जानिए क्या रही वजह

यूजी नीट परीक्षा के परिणाम आने के बाद अब प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में सेंट्रल कोटा की सीटों में प्रवेश के बाद स्टेट कोटे में प्रवेश दिया जा रहा है। शनिवार को कॉलेज में छात्र और अभिभावकों की भीड़ नजर आई। यहां पहुंचने वाले अभिभावकों को हालांकि अव्यवस्थाओं की मार झेलनी पड़ी। कॉलेज में इनके लिए पर्याप्त बैठक व्यवस्था नहीं थी। इसके कारण कईयों को जमीन पर ही बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा।

मेडिकल कॉलेज में बच्चों का प्रवेश कराने पहुंचे अभिभावकों को जमीन पर बैठना पड़ा, जानिए क्या रही वजह

बच्चों के कॉलेज में पहला दिन ही अभिभावकेां के लिए यादगार बन गया, अव्यवस्थाओं की मार झेलनी पड़ी
रीवा। ज्ञात हो कि एमबीबीएस में प्रवेश के लिए यूजी नीट का परीक्षा परिणाम घोषित हो चुका है। परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद अब प्रवेश की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की कुल 150 सीटों में प्रवेश होना है। इसमें से 22 सीटें आल इंडिया कोटा के लिए रिवर्ज हैं। इसके अलावा 3 सीटें सेंट्रल कोटा की है। इसके अलावा 125 सीटों पर प्रवेश दिया जाना है। सूत्रों की मानें तो एमबीबीएस सीटों में प्रवेश की प्रक्रिया 24 अगस्त से शुरू हो गई है। पहले आल इंडिया कोटे की सीटों पर प्रवेश दिया गया। इसके बाद अब स्टेट को स्टेट कोटे की सीटों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है। छात्र दूर दूर से प्रवेश के लिए श्याम शाह मेडिकल कॉलेज पहुंच रहे हैं। यहां पहुंचने के बाद दस्तावेजों की स्क्रूटनी की जा रही है। इसके बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जा रहा है। प्रवेश देने के लिए श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में कमेटी का गठन कर दिया गया है। इसमें दस्तावेजों के परीक्षण के लिए अलग टीम बनाई गई है। प्रवेश समिति के सामने छात्रों को प्रस्तुत होना पड़ता है। इसके बाद उनके दस्तावेजों का परीक्षण किया जाता है। तब कहीं जाकर प्रवेश की प्रक्रिया आगे बढ़ती है।
प्रवेश समिति में यह अधिकारी हैं शामिल
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में प्रवेश समिति के अध्यक्ष डीन हैं। इसके अलावा नोडल अधिकारी डॉ अर्जुन सिंह परमार को बनाया गया है। सदस्य के रूप में डॉ अंशुमान शर्मा सह प्राध्यापक हैं और महिला प्रतिनिधि के रूप में डॉ वेदिका राठोर सह प्राध्यापक को रखा गया है। स्क्रूटनी समिति में डॉ एसके सूत्रकार प्राध्यापक पैथालॉजी, डॉ ज्योति द्विवेदी प्राध्यापक बायोकैमेस्ट्री, डाक्टर चक्रेश जैन सह प्राध्यापक पीएसएम को शामिल किया गया हे।
व्यवस्थाओं को लेकर अभिभावक हुए नाराज
छात्रों को प्रवेश दिलाने श्याम शाह मेडिकल कॉलेज दूर दूर से लोग पहुंचे थे। इसमें कई बड़े पद और पैसे वाले लोग भी थे। इन्हें जमीन पर बैठकर काउंसलिंग का इंतजार करना पड़ा। जिस कॉलेज में उनके बच्चे पढऩे आए थे। उसी कॉलेज में उनकी पहली शुरुआत ही अव्यवस्थाओं से हुई। काउंसलिंग कक्ष के बाहर कुछ कुॢसयों के  बीच में एक टेबिल ही रखी थी और भीड़ ज्यादा थी। कईयों को जगह नहंी मिली तो बाहर गार्डन में चले गए। वहीं जो बचे वह खड़े रहे। कुछ जमीन पर ही बैठ गए। दस्तावेजों की पूर्ति के लिए वह जमीन पर ही बैठ कर कोरमपूर्ति करते नजर आए।