अभय से पार्टी के नेताओं ने बनाई दूरी, नामांकन भराने कोई नहीं आया, सिर्फ महापौर नजर आए

मौका परस्त अभय मिश्रा से कांग्रेस के नेता खफा हैं। यही वजह है कि नामांकन दाखिल कराने कोई पदाधिकारी नजर ही नहीं आया। सिर्फ नगर निगम महापौर अजय मिश्रा पहुंचे। कार्यकर्ताओं की भीड़ भी नहीं थी। कंपनी के अधिकांश कर्मचारी बताए जा रहे थे। कांग्रेसियों की संख्या भी कम ही थी। नामांकन के दौरान कांग्रेस पदाधिकारियों की कमी साफ नजर आ रही थी।

अभय से पार्टी के नेताओं ने बनाई दूरी, नामांकन भराने कोई नहीं आया, सिर्फ महापौर नजर आए

रीवा। अभय मिश्रा के खिलाफ नाराजगी कांग्रेस पार्टी में हावी है। इसका नजारा सोमवार को कलेक्ट्रेट में देखने को मिला। सेमरिया से कांग्रेस ने अभय मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है। सोमवार को वह नामांकन दाखिल करने पहुंचे। उनके साथ कांग्रेसी चेहरे कम ही नजर आए। सिर्फ भीड़ नजर आ रही थी कांग्रेसी गायब थे। कांग्रेस के बड़े चेहरों में सिर्फ एक अजय मिश्रा बाबा का ही सहारा दिखा। वह ही नामांकन दाखिल कराने पहुंचे। इसके अलावा सभी नाराजगी की वजह से दूरी बनाए नजर आए। हद तो यह है कि कांग्रेस के शहर और ग्रामीण अध्यक्ष भी नहीं पहुंचे। इससे अभय मिश्रा की पार्टी में अहमियत का भी अंदाजा लगाया जा सकता है। सुबह अभय मिश्रा गाजे बाजे के साथ रेलवे स्टेशन के पास मौजूद निज निवास से कलेक्ट्रेट के लिए निकले। कलेक्ट्रेट 11.30 बजे के करीब पहुंचे। इसके बाद नामांकन दाखिल किया। अजय मिश्रा बाबा महापौर इनके साथ मौजूद रहे। इसके अलावा कांग्रेस के चर्चित चेहरों को तलाशने की कोशिश की गई लेकिन कोई नजर नहीं आया।


कांग्रेस के यह नेता कर चुके हैं विरोध
कांग्रेस पार्टी में अभय का विरोध अंदरूनी और बाहरी तौर पर अब भी जारी है। सिर्फ टिकट के लिए अभय मिश्रा ने कई नेताओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। पहले कांग्रेस से टिकट के लिए भाजपा में गए। इसके बाद दो महीने में ही पलटी मार कर वापस कांग्रेस में शामिल हो गए। पार्टी ज्वाइन करने कुछ दिन बाद ही टिकट भी फाइनल कर दी गई। इसका जमकर विरोध हो रहा है। सेमरिया से कई नेताओं ने अभय मिश्रा का विरोध किया था। प्रदेश अध्यक्ष को प्रत्र भी लिखा था। इसके बाद भी अभय मिश्रा को टिकट दे दी गई। अभय मिश्रा भले ही कांग्रेस में आ गए हो लेकिन उनका विरोध अब भी जारी है। इसी का असर रहा कि कोई भी कांग्रेसी नामांकन फार्म भरवाने कलेक्ट्रेट नहीं पहुंचे। अभय मिश्रा का विरोध करने वालों में प्रमुख रूप से त्रियुगी नारायण शुक्ला, प्रदीप सोहगौरा, लालमणि पाण्डेय, दिवाकर द्विवेदी, धर्मेन्द्र तिवारी, सत्यनारायण चतुर्वेदी, गजेन्द्र दुबे, अजीत पाण्डेय सहित अन्य ब्लाक अध्यक्ष हैं। इन्हें विरोध जताया था।