सरकारी जमीन को पटवारी ने बता दिया आबादी, एसडीएम ने किया निलंबित
सरकारी जमीन की गलत जानकारी देने पर एक पटवारी पर निलंबन की गाज गिर गई। एसडीएम हुजूर ने पटवारी को गलत जानकारी देने पर निलंबित कर दिया है।
जांच प्रतिवेदन में गलत जानकारी देने पर गिरी गाज, कोठी हल्का पटवारी पर हुई कार्रवाई
रीवा। तहसील हुजूर अंतर्गत सभी पटवारियों से सरकारी जमीन के बारे में जानकारी चाही गई थी। पटवारी हल्का कोठी ने प्रस्तुत प्रतिवेदन में शासकीय भमि पर आबादी होने का लेख कर दिया। हालांकि शासकीय भूमि में अतिक्रमण के संबंध में धारा 248 के तहत प्रतिवेदन नहीं भेजा गया। मौके पर सरकारी जमीन पर गिने चुके मकान बने हैं। प्रशासन को पटवारी को भ्रमित करने की कोशिश की। इस पर कोठी हल्का पटवारी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। पटवारी हल्का कोठी व्यासमुनि त्रिपाठी ने जवाब प्रस्तुत कर बताया कि प्रकरण उच्च न्यायालय में लंबित है। इस लापरवाही पर पटवारी हल्का कोठी व्यासमुनि त्रिपाठी को लापरवाह माना गया। उन्होंने अपने प्रतिवेदन में न्यायाय में प्रकरण लंबित होने का कहीं भी जिक्र नहीं किया था। जब नोटिस जारी किया गया तब बचाव में उन्होंने न्यायालय में प्रकरण लंबित होने की जानकारी बताई। इतना ही नहीं एसडीएम हुजूर ने दी गई जानकारी की मौके पर जांच भी कराई। कोठी पटवारी ने जो भी जानकारी प्रशासन को दी थी। वह सारी गलत निकली। जांच में सरकारी जमीन पर किसी तरह का अतिक्रमण नहीं मिला। गलत जानकारी और प्रतिवेदन दिए जाने पर अनुविभागीय अधिकारी हुजूर ने कोठी हल्का पटवारी व्यासमुनि त्रिपाठी को पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता बरतने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में मुख्यालय तहसील हुजूर आफिस कानून गो शाखा नियत किया गया है।