पेमेंट चाहिए पूरी लेकिन परीक्षा ड्यूटी से बनाते हैं दूरी, इन प्राचार्यों को बाबुओं ने बचाया ड्यूटी ही नहीं लगाई

बोर्ड परीक्षा से रीवा शहर की स्कूलों के प्राचार्यों के नाम ही गायब कर दिए गए। इन्हें जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाबुओं ने बचा लिया। इनका नाम ही लिस्ट से गायब कर दिया। हर साल यह प्राचार्य परीक्षा ड्यूटी से बच निकलते हैं और मूल्यांकन शुरू होते ही समन्वय संस्था पहुंच जाते हैं। यह कारस्तानी शिक्षा व्यवस्था पर भारी पड़ रही है। बोर्ड परीक्षा में प्राचार्यों की ड्यूटी की सूची जारी होने के बाद हंगामा मचा हुआ है।

पेमेंट चाहिए पूरी लेकिन परीक्षा ड्यूटी से बनाते हैं दूरी, इन प्राचार्यों को बाबुओं ने बचाया ड्यूटी ही नहीं लगाई
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जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ दो बाबुओं की कारस्तानी
बोर्ड परीक्षा की व्यवस्थाओं पर पड़ गई भारी
रीवा। ज्ञात हो कि 5 फरवरी से हाई और हायर सेकेण्डरी की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो रही है। इन परीक्षा के लिए रीवा में 99 परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे। केन्द्रों में केन्द्राध्यक्षों के नामों की सूची कलेक्टर के अनुमोदन के बाद माशिमं को भेजी गई थी। इस लिस्ट में ही खेल कर दिया गया। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ परीक्षा प्रभारियों ने चेहेते प्राचार्यों का नाम ही गायब कर दिया गया। इस मर्तबा शहर में पदस्थ प्रमुख स्कूलों के प्राचार्यों को फिर बचा लिया गया है। इनका नाम ही लिस्ट से गायब कर दिया गया। वहीं जूनियरों को ही केन्द्राध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव माशिमं के पास भेज दिया गया था। अब केन्द्राध्यक्षों के नामों की फाइनल सूची भी जारी हो गई है। कलेक्ट्रेट में हुई बैठक के बाद इन केन्द्राध्यक्षों को आदेश की प्रति भी उपलब्ध करा दी गई है। कलेक्टर और सीईओ ने डीईओ को सख्त निर्देश भी जारी किए हैं कि किसी भी केन्द्राध्यक्ष की ड्यूटी बोर्ड परीक्षा से न काटी जाए। अब ऐसे में जब एक तरफ प्रशासन सख्ती बरत रहा है और वहीं दूसरी तरफ चेहेतों के लिए चुन चुन कर ड्यूटी लगाई जा रही है तो बोर्ड परीक्षा में पारदर्शिता कैसे रह जाएगी। यह केन्द्राध्यक्षों की ड्यूटी अब विवाद का विषय बन गई है।
इन प्राचार्यों का नाम फिर केन्द्राध्यक्ष की लिस्ट से गायब
रीवा में प्रमुख स्कूलों में मार्तण्ड स्कूल क्रमांक1, 2, 3, मॉडल स्कूल, एसके स्कूल, पाण्डेन टोला, गवर्नमेंट 1, 2 सहित पीके स्कूल हैं। इन स्कूलों में पिछले साल की तरह कईयों को फिर बचा लिया गया है। मार्तण्ड स्कूल क्रमांक 1 समन्वय संस्था है। इसके अलावा मार्तण्ड स्कूल क्रमांक 2, मार्तण्ड स्कूल क्रमांक तीन, एसके स्कूल, पाण्डेन टोला स्कूल, चोरहहटा स्कूल के प्राचार्यों का नाम केन्द्राध्यक्षों की सूची से गायब कर दिया गया है। मॉडल स्कूल के प्राचार्य पंकज शर्मा का भी नाम काट दिया गया था। इनकी ड्यूटी केन्द्राध्यक्षों में लगाई ही नहीं गई। वहीं अन्य को ड्यूटी में तैनात कर दिया गया है।
ऐसा भी हाल है, फिर वहीं प्राचार्य और स्कूल में केन्द्राध्यक्ष
हद तो यह है कि प्राचार्यों को केन्द्राध्यक्ष बनाए जाने के लिए रेंडमाइजेशन से ड्यूटी लगाए जाने की बात कही जाती है लेकिन कुछ प्राचार्य ऐसे हैं। जिन्हें हर साल एक ही स्कूल और ब्लाक ही मिलता है। सूत्रों की मानें तो अगडाल स्कूल के प्राचार्य योगेन्द्र खरे को पिछले साल मार्तण्ड स्कूल क्रमांक 1 का प्राचार्य बनाया गया था। इस साल फिर से उन्हें इसी विद्यालय में केन्द्राध्यक्ष बना दिया गया है। वहीं पीके स्कूल के प्राचार्य अरुणेन्द्र प्रताप ङ्क्षसह को हर साल मऊगंज ब्लाक में ही तैनात किया जाता है। इस मर्तबा भी उन्हें मऊगंज ब्लाक में ही केन्द्राध्यक्ष बनाकर भेजा गया है।
यह कर्मचारी मुख्य रूप से हैं जिम्मेदार
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सालों से परीक्षा का काम द्रोणाचार्य पाण्डेय देख रहे हैं। इनकी मूल पदस्थापना रायपुर कर्चुलियान में हैं लेकिन यह डीईओ कार्यालय में पदस्थ हुए तो कभी हटे ही नहीं। इनकी देखरेख में ही सारी परीक्षाएं आयोजित होती हैं और इसी तरह की गड़बड़ी होती है। इसके अलावा रसायन के एक शिक्षक प्रभानंद पटेल यूएमएस गुढ़ भी यहीं पर पदस्थ हैं। इनकी मूल पदस्थापना गुढ़ में है। यह आज तक स्कूल गए ही नहीं। बिना स्कूल गए ही वेतन उठा रहे हैं। कभी कक्षाओं में पहुंच कर छात्रों की क्लास तक नहीं लगी। यह लिस्ट में हेरफेर करने में माहिर माने जाते हैं। इनके कारण ही शिक्षकों में रोष व्याप्त हो रहा है।
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बोर्ड परीक्षा के लिए केन्द्राध्यक्षों की सूची जारी कर दी है। सभी केन्द्राध्यक्षों को आदेश भी दे दिया गया है।
जीपी उपाध्याय
डीईओ, रीवा