हरदा में जिंदा जल गए लोग, कईयों का पता भी नहीं चला, 11 के शव मिले, 204 अस्पताल में भर्ती

मंगलवार का दिन मप्र के लिए काला दिन रहा। हरदा में भीषण हादसा हो गया। बैरागढ़ में पटाखा फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। एक के बाद एक विस्फोट होते गए। आसपास के घर और फैक्ट्रियों पटाखों की तरह फूट रहीं थी। प्रदेशभर में इस हादसे ने हड़कंप मचा दिया। हादसे में लोग जिंदा जल गए। लोगों के परखच्चे उड़ गए। हाथ पैर दूर जाकर गिरे। बिल्डिंग तक उड़ गईं। इस हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि प्रशासन ने की है। कई लोग अभी लापता हैं। 204 लोग घायल हुए हैं। 51 बुरी तरह से जख्मी हुए हैं। मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी है।

हरदा में जिंदा जल गए लोग, कईयों का पता भी नहीं चला, 11 के शव मिले, 204 अस्पताल में भर्ती

 हरदा। करीब डेढ़ एकड़ में फैली फैक्ट्री में 300 से ज्यादा लोग काम करते हैं। फैक्ट्री में काम करने वाले करीब 40 परिवार अस्थाई निर्माण कर यहीं पर रह रहे थे। इसमें लगभग 7 से 8 गोडाउन के साथ तलघर में भी बड़ा गोडाउन था, जिसमें पटाखों के साथ अन्य रॉ मटेरियल रखा हुआ था। इधर फरार चल रहे फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल को रात करीब 9 बजे राजगढ़ जिले के सारंगपुर से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है। इसी तलघर में विस्फोट के कारण दूसरा भयानक विस्फोट हुआ, जिसके कारण दूर-दूर तक भंयकर आवाज के साथ कंपन हुआ। इसके साथ ही फैक्ट्री में बने कमरे तथा गोडाउन, दुकान सब धमाकों के साथ मलबे में तब्दील हो गये। पूरे क्षेत्र में आग के साथ चार घंटों तक पटाखों की आवाजें आती रही। हादसे में 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है। वहीं 204 लोग घायल बताए जा रहे हैं। इसमें 51 गंभीर घायलों को नर्मदापुरम, भोपाल और इंदौर रेफर किया गया है। मलबे में अन्य की भी दबे होने की संभावना है, इसके बाद ही मौत के आंकड़ों की सही स्थिति साफ होगी।
10 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर पाया काबू
ब्लास्ट के बाद दुकान और गोडाउन की छत मलबे में तब्दील हो गई थी। फैक्ट्री के अंदर काम कर रहे कर्मचारी इसमें फंसे हुए है। इन्हे पौकलैन मशीन से खोजा जा रहा है। शाम तक आग पर काबू पाने के बाद मलबों को हटाने का काम जारी है। लगातार हो रहे विस्फोट के कारण रह रह कर आग के शौले उठ रहे थे, जिस पर एनडीआरएफ की टीम को आग पर काबू पाने में 10 घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। आग पर काबू पाने के लिए जिले के अलावा देवास तथा खंडवा जिले से फायर ब्रिग्रेड तथा हाईवे निर्माण पर चल रहे पानी के टैंकरों को बुलाया गया था।


तीन सदस्यीय टीम करेगी जांच
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर हरदा की पटाखा फैक्ट्री में हुई विस्फोट की घटना की जांच के लिए 3 सदस्यीय समिति गठित की गई है। प्रमुख सचिव गृह संजय दुबे समिति के अध्यक्ष होंगे। समिति के सदस्य अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुप्तवार्ता जयदीप प्रसाद और सचिव लोक निर्माण विभाग आरके मेहरा हैं। यह समिति संपूर्ण घटना के कारणों की विस्तृत जांच आयुध अधिनियम के तहत विस्फोटकों का संधारण एवं मप्र औद्योगिक नियोजन (स्थायी आदेश) संशोधन अधिनियम 1961 के प्रावधानों के अनुरूप करेगी। समिति अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट करेगी कि किन परिस्थितियों उक्त घटना घटित हुई? समिति को इस घटना के प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जिम्मेदारी के निर्धारण का दायित्व भी सौंपा गया है। इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए समिति अपनी अनुशंसाएं भी देगी।
फैक्ट्री मालिक को पुलिस ने किया गिरफ्तार
फरार चल रहे फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल और रफीक खान को रात करीब 9 बजे राजगढ़ जिले के सारंगपुर से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इनके खिलाफ हरदा सिविल लाइन थाने में केस दर्ज किया गया है। राजगढ़ के एसडीओपी अरविंद सिंह ने बताया कि हमें सूचना मिली थी कि फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल राजगढ़ जिले के सारंगपुर की ओर आ रहा है। टीआई संतोष सिंह को टीम के साथ घेराबंदी के लिए भेजा, जहां मक्सी से दिल्ली की ओर जा रही एक कार को रोका गया। इसमें तीन लोग सवार थे। इनमें एक आरोपी राजेश अग्रवाल था। राजेश अग्रवाल हादसे के बाद फरार हो गए थे। वे उज्जैन के रास्ते निकले और मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश और दिल्ली को जोडऩे वाले नेशनल हाईवे से आगे बढ़ रहे थे। मक्सी में दबिश दी, लेकिन अग्रवाल वहां से निकल चुके थे। इसके बाद एक टीम ने राजगढ़ जिले के सारंगपुर में हाईवे पर उन्हें पकड़ लिया।
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हरदा में एक पटाखा फैक्ट्री में दुर्घटना के कारण हुई लोगों की मृत्यु से व्यथित हूं। उन सभी के प्रति संवेदना जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। मृतक के परिजनों को पीएमएनआरएफ से 2 लाख रुपए दिए जाएंगे। घायलों को 50 हजार रुपए एक लाख रुपए दिए जाएंगे।
नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री
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राष्ट्रपति ने जताया दुख
मप्र के हरदा में आग लगने से अनेक लोगों की मृत्यु होने का सामाचार अत्यंद दुखद है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहन संवेदना व्यक्त करती हूं और घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।
श्रीमती द्रौपदी मुर्मु
राष्ट्रपति

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सीएम ने तुरंत यह व्यवस्था की
हरदा में भोपाल से 20 एवं अन्य जिलों से कुल मिलाकर 115 एम्बुलेंस भेजी गई।
3 अतिरिक्त एम्बुलेंस में बर्न संबंधी कंज्यूमेबल्स एवं दवाएं भेजी गईं।
मेडिकल कॉलेज भोपाल और मेडिकल कॉलेज इंदौर से चिकित्सकों की स्पेशल टीम हरदा भेजी गई।
मेडिकल कॉलेज भोपाल में 50 बेड और एम्स भोपाल में 10 बेड दुर्घटना पीडि़त के लिए तैयारी कर रिजर्व रखे गए हैं।
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घटना के बाद जिला प्रशासन की टीम को एक्टिव किया गया। 50 से ज्यादा एम्बुलेंस तत्काल घटना स्थल के लिए रवाना किया गया। घायलों का तुरंत इलाज नजदीकी अस्पताल में शुरू किया गया। इंदौर, भोपाल, होशंगाबाद में डॉक्टरों की टीम तैनात की गई। हादसे में मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख  रुपए की आर्थिक सहायक राशि प्रदान करने की घोषणा की गई। घायलों के नि:शुल्क और समुचित उपचार के निर्देश दिए गए हैं।
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मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने हरदा हादसे के संबंध में प्रत्येक जिला कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि यथाशीघ्र अपने जिले में संचालित पटाखा फैक्ट्री का निरीक्षण कर शासन को प्रतिवेदन दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि घायलों के उपचार में कोई कमी न रहे और मृतकों, घायलों के परिजनों को सहायता राशि शीघ्र उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से हरदा हादसे में प्रत्येक मृतक के परिजनों को 4 -4 लाख रुपए, गंभीर घायलों को 2-2 लाख और साधारण रूप से घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
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हमीदिया पहुंचे सीएम, घायलों से मिले
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भोपाल के शासकीय हमीदिया अस्पताल के एमरजेंसी विभाग और आईसीयू पहुंचकर हरदा हादसे में घायल हुए नागरिकों से मुलाकात की। चिकित्सा विशेषज्ञों से किए गए रहे इलाज की जानकारी ली। समुचित उपचार के निर्देश दिए। साथ में स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल मौजूद रहे।