सड़कों पर उतरी पुलिस, सब की जांच कर रही थी, जाने आखिर ऐसा क्या हुआ

शनिवार को रीवा की पुलिस सड़कों पर नजर आई। वाहनों की धरपकड़ करती दिखी। पुलिस मुख्यालय के निर्देश के बाद जांच शुरू हो गई है। शनिवार को यातायात पुलिस ने 150 वाहन चालकों पर 50 हजार का जुर्माना लगाया।

सड़कों पर उतरी पुलिस, सब की जांच कर रही थी, जाने आखिर ऐसा क्या हुआ
सड़कों पर उतरी पुलिस, सब की जांच कर रही थी, जाने आखिर ऐसा क्या हुआ

रीवा।

पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देश के बाद शनिवार को ट्रैफिक पुलिस और थाना पुलिस ने दो पहिया और चार पहिया वाहनों की चेकिंग कर कार्रवाई की। अकेले ट्रैफिक पुलिस ने डेढ़ सैकड़ा से अधिक वाहनों पर कार्रवाई करते हुए 50 हजार रुपए का जुर्माना वसूला। इसके साथ ही सिविल लाइन  थाना पुलिस ने ढेकहा में वाहन चेकिंग अभियान चलाया। सिटी कोतवाली, अमहिया, बिछिया और विश्वविद्यालय पुलिस ने भी दो पहिया और चार पहिया वाहन चालकों पर ट्रैफिक नियमों की अनदेखी पर कार्रवाई की। दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट नहीं लगाना मंहगा पड़ रहा है, वहीं कई चार पहिया वाहन चालक सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करते, जिसके चलते पुलिस कार्रवाई कर रही है।  विदित हो कि उच्च न्यायालय ने दो पहिया व चार पहिया वाहन चालकों को शत प्रतिशत यातायात नियमों का पालन कराने के निर्देश पुलिस को दिए, हेलमेट और सीट बेल्ट को लेकर जबलपुर उच्च न्यायालय में याचिका दायर थी। न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को 7 जुलाई से 7 सिंतबर दो माह तक विशेष वाहन चेकिंग अभियान चलाकर कार्रवाई करते हुए यातायात नियमों का पालन सुनिश्चत कराने का निर्देश दिया है। बताया गया कि अभियान के तहत पुलिस जागरुकता अभियान भी चलाएगी, जिसमे चालाकों को यातायात नियामों के पालन का संदेश दिया जाएगा।
चेकिंग देख उल्टी दिशा में दौड़ा दी गाड़ी
शहर में पुलिस ने बायपास से लेकर थानों के सामने तक जांच बैठाई थी। दोपहर से ही वाहनों की धरपकड़ शुरू कर दी गई थी। सड़कों के किनारे पुलिस की चेकिंग देखते ही वाहन चालक उल्टी दिशा में भागते दिखे। कार चालक दूर ही रुक जा रहे थे। चालान से बचने के लिए कई वाहन चालकों ने नियम तोड़।
खुल गई हेलमेट की दुकानें
कलेक्टर के आदेश के बाद शहर में हेलमेड बिना पहन के चलने वालों की धरपकड़ शुरू हो गई। भारी भरकम जुर्माया लगाया जा रहा है। इस कार्रवाई के शुरू होते ही हेलमेट बेचने वालों की बाढ़ सी आ गई है। थाना और अधिकारियों के बंगले के सामने ही इनकी दुकान जमीं हुई है। सड़कों के किनारे बिकने वाले हेलमेट गुणवत्ता में भी खरे नहीं उतरते, फिर भी इन्हें संरक्षण दिया जा रहा है।