एसजीएमएच में प्राइवेट एम्बुलेंस के लिए खुलेगा प्री पेड बूथ

प्राइवेट एम्बुलेंस संचालकों की मनमानी अब नहीं चलेगी। इनके लिए संजय गांधी अस्पताल में प्री पेड बूथ की शुरुआत की जाएगी। प्री पेड बूथ से ही इन्हें मरीजों को ले जाने की अनुमति मिलेगी। यहीं से उनका नंबर भी लगेगा।

एसजीएमएच में प्राइवेट एम्बुलेंस के लिए खुलेगा प्री पेड बूथ
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एम्बुलेंस चालकों का होगा वैरीफिकेशन, गाडिय़ों का रजिस्ट्रेशन होगा
रीवा। ज्ञात हो कि अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को इस समय पुलिस और प्रशासन सख्त है। कोलकाता की घटना के बाद डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। एक दिन पहले शुक्रवार को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने कॉलेज में बैठक ली थी। बैठक में कई निर्णय लिए थे। इसके दूसरे दिन शनिवार को डीन और अधीक्षक ने प्राइवेट एम्बुलेंस संचालकों और चालकों की बैठक बुलाई। बैठक में डीन, अधीक्षक के अलावा आरटीओ और पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में निर्णय लिया गया कि अब प्राइवेट एम्बुलेंस कॉलेज परिसर के अंदर प्रवेश नहीं करेंगे। इनके ड्राइवर वर्दी में ही चलेंगे। इनकी गाडिय़ों का आरटीओ में रजिस्ट्रेशन अलग से कराना होगा। आटो की तरह की इनको भी परमिट जारी किया जाएगा। इसके अलावा मरीजों को ले जाने के लिए रेट की दरें भी निर्धारित की जाएंगी। अस्पताल में ही प्राइवेट एम्बुलेंस के लिए प्री पेड बूथ खोला जाएगा। प्री पेड बूथ से ही एम्बुलेंस को मरीजों को ले जाने की अनुमति दी जाएगी। रसीद प्रीपेड बूथ से कटेगी और वहीं पर राशि जमा होगी। निर्धारित दर पर ही प्राइवेट एम्बुलेंस चालक मरीजों को ले जा पाएंगे। इसके अलावा सुरक्षा के लिहाज से डॉक्टर कालोनी में खुलने वाले सभी रास्तों को बंद करा दिया गया है। अब कॉलेज में प्रवेश के लिए सिफ्र एक ही प्रवेश द्वार होगा। सामने से ही अस्पताल, कॉलेज और डॉक्टर कालोनी में लोगों को प्रवेश दिया जाएगा।
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साइकिल स्टैण्ड कर्मचारियों के पास वर्दी और आईकार्ड नहीं
सभी के लिए अस्पताल प्रबंधन ने नियम कायेद बना दिए लेकिन साइकल स्टैण्ड में तैनात कर्मचारियों पर कोई सख्ती नहंी बरती गई है। यहां काम करने वाले कर्मचारी वाहन चालकों से रुपए वसूलते हैं। इस दौरान कई मर्तबा हुज्जतबाजी हो जाती है। इन कर्मचारियों को ठेकेदार ने वर्दी और आईकार्ड तक जारी नहीं किया है। पुराने आईकार्ड के भरोसे ही वह काम कर रहे हैं। आईकार्ड खराब हो चुका है जो रेन्यू नहीं हुआ है। यह बिना वर्दी के ही पूरे परिसर में घूमते रहते हैं। इन पर भी प्रशासन को सख्ती बरतने की जरूरत है।